- Home
- /
- लाइफ स्टाइल
- /
- बच्चों से जुड़े रहने...
लाइफ स्टाइल
बच्चों से जुड़े रहने के लिए इन चीजों में न करे punish
Sanjna Verma
18 Aug 2024 11:21 AM GMT
x
हेल्थ टिप्स Health Tips: हर बच्चा कभी न कभी गलती करता ही है और उसके गलती करने पर अक्सर मां-बाप उसे डांट लगाते हैं। ऐसा नहीं है कि खुद मां-बाप ने अपने बचपन में भी गलती नहीं की होगी लेकिन वो चाहते हैं कि उनका बच्चा खुद परफेक्ट बने। बच्चे से छोटी सी चूक हुई नहीं कि उस पर चिल्लाना शुरू कर देते हैं।कभी-कभी बच्चों को गलती करने पर डांटना सही भी होता है क्योंकि इससे बच्चे को अपनी बाउंड्री का पता चलता है। हालांकि, कुछ मामलों में बच्चों को डांटना गलत भी होता है। इस आर्टिकल में हम आपको बता रहे हैं कि पेरेंट्स को अपने बच्चों को किन चीजों के लिए डांटना नहीं चाहिए।
भावनाओं को व्यक्त करने
बच्चों को पता नहीं होता कि उन्हें अपनी भावनाओं को किस तरह से नियंत्रित करना है या उन्हें कैसे व्यक्त करना है। इस चक्कर में बच्चे गुस्सा करने, frustration निकालने या दुखी हो जाते हैं। इन भावनाओं को दिखाने पर बच्चे को डांट लगाने से हो सकता है कि वो अपनी भावनाओं को व्यक्त करना ही बंद कर दे। इससे बच्चे को आगे चलकर भावनात्मक रूप से परेशानियां हो सकती हैं। इसके बजाय आप अपने बच्चे को भावनाओं को सही तरह से समझना सिखाएं।
कोई दुर्घटना होने पर
बच्चे शैतान होते हैं और शैतानी करने पर उनसे कोई न कोई गलती तो हो ही जाती है। पानी का गिलास करने या खाते समय टेबल गंदी हो जाने पर बच्चे को डांट लगाने से उसमें डर और एंग्जायटी की भावना पैदा हो सकती है। बच्चे को इस तरह की गलतियों से बचना सिखाएं।
अलग विचार रखना
हर इंसान के विचार अलग होते हैं और अगर बच्चा आपके सामने अपने विचार रख रहा है और वे आपसे मेल नहीं खाते हैं, तो आपको उस पर गुस्सा नहीं करना चाहिए। इससे बच्चे की स्वतंत्रता और आत्म-सम्मान को ठेस पहुंच सकती है। इसके बजाय बच्चे से खुलकर बात करें, जहां उसके विचारों को सुना जाए और उनका सम्मान किया जाए।
गलती करना
हम गलती कर के ही सीखते हैं और गलती करने के बाद ही पता चलता है कि सही क्या था। बच्चे को छोटी-मोटी गलतियां करने जैसे कि नमक की डिब्बी गिर जाने या home work न करने पर डांटना सही नहीं है। बात-बात पर डांट पड़ने से बच्चे में फेल होने का डर या नई चीजों को ट्राई करने को लेकर निराशा आ सकती है। बच्चे को गलती करने से सीखने का पाठ सिखाएं।
सवाल पूछना
बच्चों से ज्यादा जिज्ञासु और कोई नहीं होता है। वो इतने सवाल पूछते हैं कि आपका सिर चकरा जाए। हालांकि, सवाल पूछने से बच्चों को बहुत कुछ सीखने को मिलता है इसलिए उनके जिज्ञासु मन पर डांट का ताला नहीं लगाना चाहिए। धैर्य रखकर बच्चे के सवालों का जवाब दें या उसे खुद अपने सवालों का जवाब ढूंढने में मार्गदर्शन करें।
Tagsबच्चोंजुड़ेचीजोंpunishconnectedthingsजनता से रिश्ता न्यूज़जनता से रिश्ताआज की ताजा न्यूज़हिंन्दी न्यूज़भारत न्यूज़खबरों का सिलसिलाआज की ब्रेंकिग न्यूज़आज की बड़ी खबरमिड डे अख़बारJanta Se Rishta NewsJanta Se RishtaToday's Latest NewsHindi NewsIndia NewsKhabron Ka SilsilaToday's Breaking NewsToday's Big NewsMid Day Newspaperजनताjantasamachar newssamacharहिंन्दी समाचार
Sanjna Verma
Next Story