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टैनिंग के असर को कम करने के लिए त्वचा के हिसाब से चुनें सनस्क्रीन

Subhi
24 May 2022 5:05 AM GMT
टैनिंग के असर को कम करने के लिए त्वचा के हिसाब से चुनें सनस्क्रीन
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बढ़ते तापमान में त्वचा का ख्याल रखना जरूरी है। एसपीएफ यानी सन प्रोटेक्शन फैक्टर के जरिए अपनी त्वचा को खतरनाक यूवी रेज से बचाया जा सकता है। एक्सपर्ट की मानें तो एसपीएफ लोशन, क्रीम या मॉयस्चराइजर को दिन में कम से कम दो बार से ज्यादा लगाना चाहिए। इसके अलावा अप

बढ़ते तापमान में त्वचा का ख्याल रखना जरूरी है। एसपीएफ यानी सन प्रोटेक्शन फैक्टर के जरिए अपनी त्वचा को खतरनाक यूवी रेज से बचाया जा सकता है। एक्सपर्ट की मानें तो एसपीएफ लोशन, क्रीम या मॉयस्चराइजर को दिन में कम से कम दो बार से ज्यादा लगाना चाहिए। इसके अलावा अपने स्किन के हिसाब से सनस्क्रीन चुनना भी जरूरी है। तो आज हम उसी के बार में जानने वाले हैं।

सेंसिटिव स्किन

ज्यादातर मामलों में देखा गया है कि सेंसिटिव स्किन पर सनस्क्रीन लगाने से आंखों और चेहरे पर हल्की जलन महसूस होने लगती है। दरअसल कई सनस्क्रीन क्रीम्स में ऐसे केमिकल्स पाए जाते हैं जो कि एलर्जी, खुजली और सूजन पैदा कर सकते हैं। सनस्क्रीन लगाने से कई लोगों की त्वचा रूखी पड़ जाती है और अगर आप के चेहरे पर एक्ने की समस्या है तो यह सनस्क्रीन उसे और भी बुरा बना सकती है। जिन लोगों की त्वचा संवेदनशील है, उन्हें सनस्क्रीन रैशेज भी दे सकता है। अगर आपकी त्वचा संवेदनशील है तो क्रीम खरीदने से पहले स्किन एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें। आप चाहें तो घरेलू हर्बल सनस्क्रीन का भी इस्तेमाल कर सकती हैं क्योंकि हर्बल और प्राकृतिक रूप से बनी हुई सनस्क्रीन का इस्तेमाल करने से कोई साइड इफेक्ट नहीं होता।

अगर हैं डार्क पैचेज़

त्वचा में जगह-जगह डार्क पैचेज हैं तो सन बर्न होने के बजाय सनटैन होने की आशंका ज्यादा रहती है। हालांकि, तेज धूप के प्रभाव में आने पर सनबर्न भी हो सकता है। ऐसे में कम से कम 50 एसपीएफ वाला सनस्क्रीन लगाएं। इसे रोजाना इस्तेमाल करने पर आपको सूरज की यूवी किरणों से पूरी तरह सुरक्षा मिलेगी। सनस्क्रीन खरीदते समय इस बात का ध्यान रखें कि उसमें टाइटेनियम न मिला हो क्योंकि इससे आपकी स्किन सफेद दिखने लगेगी।

अगर है रूखी त्वचा

ऑयली स्किन के मुकाबले ड्राई स्किन पर ज्यादा टैन होने की आशंका रहती है। इसके अलावा रूखी त्वचा पर सनस्क्रीन लगाने से त्वचा पर सफेद पैच भी बन जाते हैं, जो दिखने में ज्यादा भद्दे लगते हैं। चेहरे पर इस तरह के पैच कोई भी पसंद नहीं करेगा इसलिए ऐसी त्वचा वाले जब भी अपने लिए सनस्क्रीन का चुनाव करें, तो थोड़े क्रीमी टेक्सचर वाली हाइड्रेटिंग सनस्क्रीन ही खरीदें, इससे आपकी त्वचा पर व्हाइट पैच नहीं दिखेंगे।

अगर है तैलीय त्वचा

ऑयली स्किन को सूरज की यूवी किरणों से बचाने के लिए इस स्किन टाइप वाले लोगों को जेल बेस्ड या हल्के मैट फिनिश वाली सनस्क्रीन चुननी चाहिए। आपकी त्वचा ऑयली है इसलिए कुछ घंटों बाद ही सनस्क्रीन पसीने में आसानी से घुल जाएगी। आपको अपने सनस्क्रीन से अधिकतम सुरक्षा मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए आपको स्वैट-प्रूफ सनस्क्रीन का चुनाव करना चाहिए और हर 3 घंटे में इसे रिपीट करना चाहिए।


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