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ब्लड प्रेशर कम करने के लिए रोजाना खाएं रागी की रोटी, जानिए और भी लाभ
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| रागी की गिनती मोटे अनाज में होती है। कई जगहों पर रागी को मड़ुआ भी कहा जाता है। वर्तमान समय में भी कहीं-कहीं इसकी खेती की जाती है। हालांकि, 70-80 के दशक में देश के कई हिस्सों में रागी की खेती होती थी। वहीं, एशिया के कई देशों में इसकी खेती आज भी की जाती है। इसके पैदावार में पानी की अधिक आवश्यकता नहीं पड़ती है। भारत के दक्षिण राज्यों में मड़ुआ का सेवन अधिक किया जाता है। जबकि, वियतनाम में गर्भवती महिलाओं को दवा के रूप में दिया जाता है। इसमें अमीनो अम्ल मेथोनाइन पाया जाता है, जो अन्य अनाजों में नहीं पाया जाता है। इसके साथ ही रागी में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। खासकर डायबिटीज और हाइपरटेंशन के लिए रागी रामबाण दवा है। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
हड्डियां मजबूत होती हैं
हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो वयस्क व्यक्ति को प्रतिदिन 1000mg कैल्शियम का सेवन करना चाहिए। वहीं, 100 ग्राम रागी में 300mg कैल्शियम होता है। आसान शब्दों में कहें तो रोजाना 2-3 रागी की रोटी के सेवन से शरीर को पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम मिल सकता है। इसके सेवन से हड्डियां मजबूत होती है।
शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है
कई शोधों में खुलासा हो चुका है कि रागी के सेवन से शुगर को भी कंट्रोल किया जा सकता है। डाइट चार्ट की मानें तो 100 ग्राम मड़ुआ के आटे में महज 0.6 ग्राम शुगर होती है। साथ ही इसमें फैट भी कम होता है। वहीं, फाइबर की मौजूदगी के चलते यह देर से पचता है। इसके लिए रागी डायबिटीज के मरीजों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इसके सेवन से शुगर को कंट्रोल किया जा सकता है। हालांकि, सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर्स से जरूर सलाह लें।
उच्च रक्तचाप कंट्रोल करने में सहायक
डॉक्टर्स की मानें तो रागी में पोटैशियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसके सेवन से उच्च रक्तचाप को कंट्रोल किया जा सकता है। अगर आप हाई ब्लड प्रेशर के मरीज हैं और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखना चाहते हैं, तो रोजाना रागी की रोटी जरूर खाएं। आप चाहे तो दोनों समय रागी की रोटी खा सकते हैं। इससे मोटापा, मधुमेह और उच्च रक्तचाप समेत कई अन्य बीमारियों में आराम मिलता है।
डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।