धर्म-अध्यात्म

ग्रहों की स्थिति में सुधार के लिए करें प्रदोष व्रत,जानें तिथि और पूजा मुहूर्त

Admin4
23 Feb 2022 11:06 AM GMT
ग्रहों की स्थिति में सुधार के लिए करें प्रदोष व्रत,जानें तिथि और पूजा मुहूर्त
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प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हर माह के दोनों पक्षों में त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2022) रखा जाता है. फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 28 फरवरी, सोमवार के दिन पड़ रही है. सोमवार को होने के कारण इसे सोम प्रदोष व्रत (Som Pradosh Vrat 2022) के नाम से जाना जाता है. सप्ताह में जिस भी दिन प्रदोष व्रत होता है उसे उसी दिन के नाम से जाना जाता है. प्रदोष व्रत भगवान शिव (Lord Shiva Pradosh Vrat) को समर्पित है.इस दिन विधि-विधान के साथ भगवान शिव (Lord Shiva) और माता पार्वती की पूजा-अर्चना (Mata Parvati Puja) की जाती है.

मान्यता है कि भगवान शिव को प्रदोष व्रत बेहद प्रिय हैं. इसलिए भगवान शिव की कृपा पाने के लिए प्रदोष व्रत रखा जाता है. ज्योतिषीयों के अनुसार अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि, राहु और चंद्रमा ग्रह परेशान कर रहे हैं तो इन उपायों से विशेष लाभ मिलेगा.
प्रदोष व्रत पर ग्रहों की स्थिति
प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा करने से ग्रह शांत होते हैं. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भगवान शिव की पूजा करने से शनि देव की अशुभता दूर होती है. इतना ही नहीं, जॉब, व्यापार और करियर से जुड़ी यदि कोई परेशानी बनी हुई है तो वह भी दूर होती है. इसके साथ ही चंद्रमा और राहु भी शांत होते हैं.बता दें कि प्रदोष व्रत की कथा भी चंद्रमा से जुड़ी हुई है.
इन मंत्रों का करें जाप (Do Mantra Jaap)
धार्मिक मान्यता है कि सोम प्रदोष व्रत के दिन इन मंत्रों का जाप करें. इस मंत्र के जाप से कुंडली में शनि, राहु और चंद्रमा की स्थिति सुधरती है. साथ ही जीवन पर उसके अशुभ प्रभाव भी कम होते हैं.
- ॐ नमः शिवाय.
- ॐ तत्पुरुषाय विद्महे, महादेवाय धीमहि, तन्नो रूद्र प्रचोदयात्.
प्रदोष व्रत 2022 तिथि और पूजा मुहूर्त (Pradosh Vrat 2022 Tithi And Puja Muhurat 2022)
फाल्गुन कृष्ण त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 28 फरवरी दिन सोमवार प्रात: 5:42 मिनट पर होगा और 1 मार्च तड़के 3:16 मिनट पर समाप्त होगा. उदयातिथि के आधार पर फाल्गुन माह का पहला प्रदोष व्रत 28 फरवरी को रखा जाएगा.
फाल्गुन माह के सोम प्रदोष व्रत की पूजा का मुहूर्त शाम 6:20 मिनट से रात 8:49 मिनट तक है. इस दिन प्रदोष काल में करीब ढाई घंटे का समय पूजा के लिए मिल रहा है. इसमें आप शिव परिवार की पूजा विधि-विधान के साथ कर सकते हैं.

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