लाइफ स्टाइल

बोलने की कला में सुधार लाने के लिए टोन पर ध्यान देना है जरूरी

Ritisha Jaiswal
30 Aug 2022 3:03 PM GMT
बोलने की कला में सुधार लाने के लिए टोन पर ध्यान देना है जरूरी
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आमतौर पर बोलने की शैली को पर्सनैलिटी डेवलपमेंट का अहम हिस्सा माना जाता है

आमतौर पर बोलने की शैली को पर्सनैलिटी डेवलपमेंट का अहम हिस्सा माना जाता है. आपने अक्सर देखा होगा कि कुछ लोगों की कम्यूनिकेशन स्किल्स (Communication skills) काफी जबरदस्त होती हैं. वहीं कुछ लोग काफी शर्मीले स्वभाव के होते हैं. जिन्हें अक्सर लोगों के सामने कुछ बोलने में झिझक महसूस होने लगती है. ऐसे में कुछ खास टिप्स फॉलो करके आप चंद दिनों में अच्छे वक्ता बन सकते हैं.

दरअसल कई लोग अपनी बात को काफी शालीनता और मजेदार तरीके से कहने में एक्सपर्ट होते हैं. वहीं कुछ लोग चाहकर भी अपने विचार दूसरों से व्यक्त नहीं कर पाते हैं और अनजान लोगों के आगे बोलने में असहज महसूस करने लगते हैं. हालांकि अगर आप चाहें तो कुछ आसान तरीकों से अपने बोलने की शैली में सुधार करके शानदार स्पीकर बन सकते हैं. तो आइए जानते हैं स्पीकिंग स्किल्स को बेहतर करने के टिप्स.
सोच-समझ कर करें शब्दों का चुनाव
बेहतर वक्ता बनने का पहला स्टेप डिक्शन में सुधार करना होता है. ऐसे में बोलने से पहले शब्दों का चुनाव सोच-समझ कर करें. साथ ही शब्दों का सही उच्चारण भी बेहद जरूरी होता है. वहीं उच्चारण प्रैक्टिस के लिए आप टंग ट्विस्टर आजमा सकते हैं. बता दें कि अच्छे शब्दों को सही तरीके से बोलकर आप किसी को भी आसानी से इम्प्रेस कर सकते हैं.
स्पीकिंग स्किल्स को बेहतर बनाने के लिए जोर-जोर से बोलकर पढ़ना भी एक अच्छा ऑप्शन होता है. इससे न सिर्फ नए शब्दों और उनके उच्चारण की प्रैक्टिस हो जाती है बल्कि आपको किताब में लिखी नई चीजों के बारे में भी सीखने का मौका मिलता है. वहीं बोलने का अभ्यास करने से आप खुद की भाषा को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं.
बोलने की कला को निखारें
बोलने की कला में सुधार लाने के लिए टोन पर ध्यान देना आवश्यक होता है. ऐसे में अपनी बात रखते समय जरूरत के हिसाब से तेज या धीमी टोन में अपनी बात कहें. इससे आप अपनी बातों से ज्यादा लोगों को प्रभावित कर सकते हैं. वहीं सही टोन में विनम्रतापूर्वक बात करने से लोग आपकी बातों को लम्बे समय तक याद भी रख पाते हैं
नॉन स्टॉप बोलने से बचें
अच्छा बोलने का मतलब ये बिल्कुल नहीं है कि आप दूसरों की सुने बिना लगातार बोलते ही जाएं. इसलिए नॉन स्टॉप बोलने के बजाए आराम-आराम से और रुक-रुक कर बोलना बेहतर रहता है. इससे लोग आपकी बात को समझ सकेंगे. वहीं अपनी कॉन्वर्सेशन को टू वे बनाने की कोशिश करें. जिससे लोग ज्यादा एटेंशन के साथ आपकी बात सुनेंगे.


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