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लाइफ स्टाइल
अनिद्रा से छुटकारा पाने के लिए सोने से पहले कमरे में जला ले इस पौधे के 4 पत्ते
Kajal Dubey
24 May 2023 11:24 AM GMT

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धरती पर ऐसे हजारों पेड़-पौधे हैं जिनका इस्तेमाल कई दवाओं और पारंपरिक चिकित्सा में किया जाता है। ऐसा ही अनगिनत गुणों से भरपूर पौधा है तेज पत्ता (Bay leaf)। तेज पत्ते का इस्तेमाल व्यंजनों में जायका और खुशबू बढ़ाने के लिए किया जाता है। तेज पत्ता लॉरेल प्लांट से आते हैं जोकि एक सदाबहार झाड़ी है। ये पत्तियां कुछ हद तक यूकेलिप्टस की पत्तियों जैसी नजर आती हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि इसका इस्तेमाल कर कई शारीरिक बीमारियों से बचा सकता है। आयुर्वेद में इस औषधीय पत्ते के प्रयोग के कई लाभ बताए गए हैं। आयुर्वेद के अनुसार, तेज पत्ते प्रकृति में गर्म होते हैं और इसलिए कफ और वात दोषों को शांत करते हैं, जबकि वे पित्त दोष को बढ़ाते हैं।
तेज पत्ते में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं और यही वजह है कि सदियों से इनका उपयोग प्राकृतिक चिकित्सा में किया जाता रहा है। इस जड़ी बूटी की पत्तियों और तेल का औषधि बनाने के लिए भी उपयोग किया जाता है।
तेज पत्ते का इस्तेमाल डायबिटीज, कैंसर, पेट की समस्याओं, दर्द और कई अन्य सेहत से जुड़ी समस्याओं में किया जाता है।
एक शोध में सामने आया कि तेज पत्ते से बनी चाय पीने से अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मदद मिल सकती है। यह भी माना जाता है कि इसे खाने के अलावा जलाने और इसकी सुगंध लेने से भी कई बीमारियां ठीक हो सकती हैं।
4 तेज पत्ते की मदद से अनिद्रा को करे दूर
नींद नहीं आना यानी अनिद्रा एक गंभीर बीमारी है। तेज पत्ते आपके शरीर को आराम देने में मदद करते हैं। यह अनिद्रा से निपटने में प्रभावी हैं क्योंकि वे आपके मस्तिष्क के कामकाज को शांत करते हैं। सोने से पहले अपने कमरे में 4 तेज पत्ते जला दें या फिर पानी में तेज पत्ता डालकर सोने से पहले इसे पी लें।
डायबिटीज के इलाज में सहायक
मधुमेह की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए तेज पत्ते का सेवन लाभकारी साबित हो सकता है। तेज पत्ते का सेवन करने से आपका शुगर लेवल कम हो सकता है और आपके दिल की सेहत में सुधार हो सकता है। यह एंटीक्सीडेंट का बेहतर स्रोत है और इंसुलिन उत्पादन में मदद करता है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार तेज पत्ता युक्त कैप्सूल का सेवन इंसुलिन के स्तर में सुधार कर सकता है। इससे व्यक्ति के रक्त में ग्लूकोज की मात्रा घट सकती है। शोध के दौरान 30 दिन तक टाइप 2 डायबिटिज से पीड़ित मरीजों को तेज पत्ते के कैप्सूल खाने के लिए दिए गए। 30 दिन के बाद इनके सीरम ग्लूकोज में 21%-26% तक की कमी देखी गई। साथ ही कोलेस्ट्रॉल प्रोफाइल में सुधार पाया गया।
श्वसन तंत्र के लिए फायदेमंद
खांसी, फ्लू, ब्रोंकाइटिस, अस्थमा व इन्फ्लूएंजा जैसी सांस से जुड़ी समस्याओं में तेज पत्ते का सेवन फायदेमंद साबित होता है। तेज पत्ते के अर्क में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जिसकी मदद से श्वसन तंत्र में आई सूजन और उससे पैदा होने वाली बीमारियों से बचाव होता है।
दिमाग को करता है शांत
तेज पत्ते में लिनालूल होता है। यह यौगिक चिंता और दिमाग को शांत करने में मदद करता है। सिर्फ 10 मिनट तक तेज पत्ते को सूंघने से आपको तुरंत बेहतर महसूस होने लगता है।
दिल को स्वस्थ रखने में सहायक
तेज पत्ते में मौजूद रटिन और कैफिक एसिड आपके दिल को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। यह यौगिक दिल की दीवारों को मजबूत करके हृदय संबंधी समस्याओं को दूर रखते हैं और खराब कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने में मदद करते हैं।
दांतों के लिए फायदेमंद
दांतों के लिए भी तेज पत्ता फायदेमंद हो सकता है। इसमें विटामिन-सी जैसे टैनिन पाए जाते हैं, जो मसूड़ों के टिश्यू में कसाव लाकर उन्हें स्वस्थ बनाए रख सकते हैं। साथ ही तेज पत्ते से बनने वाली राख से मंजन करने से मसूड़े मजबूत हो सकते हैं। तेज पत्ता मुंह में बैक्टीरिया को पनपने से भी रोक सकता है। एनसीबीआई की वेबसाईट पर प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार तेज पत्ते का एसेंशियल ऑयल मुंह में पाए जाने वाले स्टैफिलोकॉकस ऑरियस नामक बैक्टीरिया के खिलाफ लड़ सकता है।
इम्यूनिटी पावर को बनाते हैं मजबूत
विटामिन सी से भरपूर होने की वजह से तेज पत्ते का सेवन मजबूत इम्यून सिस्टम बनाता है। इसमें जिंक और Vitamin A भी होता है, जो आपकी आंखों, नाक, गले और पाचन तंत्र के लिए अच्छा होता है। यह पेट से जुड़े गंभीर रोग या सीलिएक रोग से निपटने में भी बहुत प्रभावी हो सकते हैं।
कैंसर से बचाव
कैंसर जैसी खतरनाक और जानलेवा बीमारी से खान-पीन का ध्यान रखकर और नियमित रूप से व्यायाम करके बचाव किया जा सकता है। इसके साथ ही तेज पत्ते का सेवन कैंसर से बचाव करने में मदद कर सकता है। यह कैंसर कोशिकाओं के विकास में बाधा उत्पन्न करता है। एक शोध में सामने आया है कि तेज पत्ता के गुण पेट के कैंसर से बचाव कर सकते हैं। एक अन्य शोध में सामने आया है कि तेज पत्ते के अर्क में कैंसर रोधी प्रभाव पाया जाता है, जो स्तन कैंसर के विकास को बाधित कर सकता है। इसमें मौजूद एंटीप्रोलिफेरेटिव (कोशिका प्रसार को रोकने वाले) और साइटोटॉक्सिक (कोशिकानाशक) गुण स्तन कैंसर को पनपने से रोक सकते हैं।
फंगल इन्फेक्शन से बचाव
एंटीफंगल गुणों से समृद्ध तेज पत्ता विशेष रूप से कैंडिडा एल्बीकैंस नाम के यीस्ट संक्रमण के खिलाफ प्रभावी रूप से काम कर सकता है। तेज पत्ते का एसेंशियल ऑयल त्वचा संबंधी फंगल संक्रमण होने पर इस्तेमाल किया जा सकता है।
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Kajal Dubey
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