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Diabetes में भी रहना हे सेहतमंद, तो आज से ही शुरू कर दें इस मुलायम पत्ते का सेवन
डायबिटीज के मरीजों की जिंदगी आसान नहीं होती क्योंकि उन्हें ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रखने के लिए कई चीजों से परहेज करना पड़ता है और साथ ही हेल्दी लाइफस्टाइल को भी अपनाना होता है. आज के दौर में कई दवाइयां मौजूद हैं जो मधुमेह के रोगियों की सेहत को मेंटेन रखती हैं, लेकिन भारत जैसे देश में सदियों से आयुर्वेदिक इलाज पर भरोसा किया जाता रहा है. ग्रेटर नोएडा के GIMS अस्पताल में कार्यरत मशहूर डाइटीशियन डॉ. आयुषी यादव (Dr. Ayushi Yadav) ने ZEE NEWS को बताया कि एक खास पत्ते की मदद से ग्लूकोज लेवल कम किया जा सकता है.
आयुर्वेद का खजाना है ये पत्ता
हम बात कर रहे हैं आक के पत्ते (Aak Leaves) की, जिसे आयुर्वेद का खजाना माना जाता है. इसे 'मदार' का पौधा भी कहा जाता है, इंग्लिश में इसे जायंट कैलोट्रोप (Giant Calotrope) पुकारा जाता है और इसका साइंटिफिक नाम कैलोट्रोपिल गिगनटी (Calotropis Gigantea) है. आक के पत्ते मुलायम होते हैं और इसका रंग थोड़ा हरा और थोड़ा सफेद होता है, लेकिन सूखने के बाद ये पीले रंग के नजर आने लगते हैं.
डायबिटीज के मरीजों के लिए वरदान
डायबिटीज (Diabetes) के मरीजों के लिए आक के पत्ते (Aak Leaves) किसी वरदान से कम नहीं होते इसके सेवन से ब्लड शुगर लेवल को कम किया जा सकता है जिससे सेहत सलामत रहती है.
कैसे करें आक के पत्तों का इस्तेमाल
इसके लिए आक के पत्ते (Aak Leaves) को धूप में सुखा लें और फिर इसे पीसकर पाउडर की शक्ल दे दें. अब रोजाना 10 मिलीलिटर पानी में इस पाउडर को मिलाकर सेवन करें. दूसरा तरीका ये है कि आप इसके पाउडर को रात के वक्त तलवे में लगाकर मोजे पहन लें और सो जाएं. सुबह के वक्त मोजे उतार लें, ऐसा करने से डायबिटीज के मरीजों का ब्लड शुगर लेवल कम हो जाएगा.
आक के पत्तों के अन्य फायदे
ऐसा नहीं है कि इन पत्तों का इस्तेमाल आप ब्लड शुगर लेवल को कम करने के लिए ही कर सकते हैं, बल्कि अगर आपको दांतों की प्रॉब्लम, कब्ज, दस्त या जोड़ों का दर्द है तो आप आक के पत्तों का इस्तेमाल कर सकते हैं.
सावधानी है जरूरी
आक के पत्ते से एक सफेद दूध निकलता है जो थोड़ा आंखों के लिए खतरनाक है, इसलिए इस पत्ते के इस्तेमाल के वक्त सावधानी जरूर बरतें और साथ ही ताजे पत्तों को बच्चों की पहुंच से दूर रखें, वरना फायदा उठाने की कोशिश में कहीं नुकसान न हो जाए.