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धर्म-अध्यात्म
आंखों की समस्याओं से बचने के लिए हर रविवार करें नेत्रोपनिषद् स्तोत्र का पाठ
Tara Tandi
21 March 2021 6:05 AM GMT
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रविवार का दिन भगवान सूर्य को समर्पित होता है. भगवान सूर्य की आराधना करने से व्यक्ति का यश, मान-सम्मान बढ़ता है,
जनता से रिश्ता वेबडेसक | रविवार का दिन भगवान सूर्य को समर्पित होता है. भगवान सूर्य की आराधना करने से व्यक्ति का यश, मान-सम्मान बढ़ता है, तरक्की होती है और तमाम रोगों से बचाव होता है. सूर्य आराधना के लिए सबसे बेहतर तो ये है कि रविवार के दिन सूर्य देव को समर्पित व्रत रखा जाए, लेकिन अगर आप उनका व्रत रखने में सक्षम नहीं हैं तो आप हर रविवार दो काम अवश्य करें. पहला सूर्यदेव को अर्घ्य दें और दूसरा नेत्रोपनिषद् स्तोत्र का पाठ करें.
सूर्य की पूजा में नेत्रोपनिषद् स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति का स्वास्थ्य हमेशा बेहतर रहता है. उसका नेत्र रोगों और अंधेपन से बचाव होता है. अगर आप सूर्यदेव को अर्घ्य और नेत्रोपनिषद् स्तोत्र का पाठ नियमित तौर पर करते हैं तो इससे चमत्कारिक परिणाम सामने आते हैं. ये भी माना जाता है कि यदि नेत्रोपनिषद् स्तोत्र का पाठ रोजाना करने से आंखों की खोई हुई रोशनी को भी वापस पाया जा सकता है. नेत्रोपनिषद् स्तोत्र का पाठ सुबह के समय भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद किया जा सकता है.
ये है नेत्रोपनिषद् स्तोत्
ऊं नमो भगवते सूर्याय अक्षय तेजसे नमः
ऊं खेचराय नमः
ऊं महते नमः
ऊं रजसे नमः
ऊं असतोमासद्गामय, तमसोमा ज्योतिर्गमय, मृत्योर्मामृतंगामाया उष्णो भगवानम शुचिरुपः हंसो भगवान हंसरूपः
इमाम चक्शुश्मती विध्याम ब्राम्हणोंनित्यमधिते
न तस्याक्षिरोगो भवति न तस्य कुलेंधो भवति
अष्टो ब्राम्हानान प्राहाइत्व विध्यासिद्धिर्भाविश्यती
ऊं विश्वरूपा घ्रिनानतम जातवेदा सन्हीरान्यमयाम ज्योतिरूपमायाम
सहस्त्रराशिम्भिः शतधा वर्तमानः पुनः प्रजाना
मुदयातेश्य सूर्यः
ऊं नमो भगवते आदित्याय अहोवाहन वाहनाय स्वाहा
हरिओम तत्सत ब्राम्हानें नमः
ऊं नमः शिवाय
ऊं सूर्यायअर्पणमस्तु
सूर्यदेव को अर्घ्य देने के का नियम
भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए हमेशा तांबे के लोटे का इस्तेमाल करना चाहिए. तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें लाल रोली, अक्षत, गुड़ और लाल रंग का पुष्प डालें. इसके बाद शुद्ध मन से से सूर्य मंत्र ऊं सूर्याय नमः का जाप करते हुए भगवान सूर्य को अर्घ्य दें. अर्घ्य देते समय पानी की धारा से भगवान सूर्य के दर्शन करें और इस बात का खयाल रखें कि पानी की छींटें आपके पैरों पर न पड़ें. इससे बचने के लिए आप किसी खाली बर्तन या बाल्टी को रखकर अर्घ्य दें. बाद में उस पानी को किसी गमले में डाल दें. इसके अलावा अर्घ्य सूर्योदय के समय से लेकर सुबह 9 बजे के बीच दें, तभी इसका पूर्ण लाभ आपको मिल सकता है.
सूर्य को अर्घ्य देने से लाभ
नियमित तौर पर सूर्यदेव को अर्घ्य देने से कुंडली में सूर्य की स्थिति प्रबल होती है. इसके साथ ही व्यक्ति को आयु, आरोग्य, धन-धान्य, पुत्र, मित्र, तेज, यश, सौभाग्य, वैभव आदि सबकुछ प्राप्त होता है. यदि अर्घ्य रोजाना नहीं दे सकते तो कम से कम हर रविवार को जरूर दें. यदि आप भगवान सूर्य का व्रत रखना चाहते हैं तो व्रत में एक समय भोजन करें और तेल व नमक का सेवन न करें.
Tagsअंधेपन
Tara Tandi
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