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जाती हुई ठंड से गला खराब हो सकता है , इस घरेलू उपाय से होगा ठीक

Khushboo Dhruw
19 Feb 2024 3:31 PM GMT
जाती हुई ठंड से गला खराब हो सकता है , इस घरेलू उपाय से होगा ठीक
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गले में खराश के कारण सूजन हो सकती है, जिसे फैरिंक्स के रूप में जाना जाता है। इस सूजन के कारण आपके गले में खराश के कुछ लक्षण हो सकते हैं जैसे खरोंच, दर्द, सूजन, और असुविधा। जब आपको गले में खराश होती है, तो उसके लिए आपको जल्दी कदम उठाना चाहिए, क्योंकि यह अधिक बढ़ सकती है।

गले में खराश आपको परेशान कर सकती है, और यह खुजली और कभी-कभी खांसी के लक्षण भी पैदा कर सकती है। कई बार, गले में खराश होने के कुछ दिनों बाद सर्दी और जुकाम का भी अनुभव हो सकता है। गले की खराश कई बार टांसिल के बढ़ने के कारण भी हो सकती है, जिससे आपको खाने में दर्द का अनुभव हो सकता है।
चलिए जानते हैं क्या हो सकते है गले में खराश के कारण
वायरल संक्रमण
वायरस गले में खराश के प्रमुख कारणों में से एक है। यह आमतौर पर सामान्य सर्दी या फ्लू का लक्षण होता है। लेकिन, खसरा, चिकनपॉक्स, क्रुप और अन्य बीमारियों के कारण बनने वाले वायरस भी गले में खराश का कारण बन सकते हैं। इसके अलावा, SARS-CoV-2 वायरस जो COVID-19 का कारण है, भी गले में खराश का कारण बन सकता है।
गले में संक्रमण होना
वायरस के अलावा, गले में खराश का एक आम कारण बैक्टीरिया होता है। विशेष रूप से बच्चों में, गले का संक्रमण स्ट्रेप्टोकोकस बैक्टीरिया के कारण एक आम समस्या होती है। इसके लक्षण में बुखार, ठंड लगना, टॉन्सिल पर लाल या सफेद धब्बे शामिल हो सकते हैं।
टॉन्सिल्लिटिस
टॉन्सिलिटिस में टॉन्सिल में सूजन होती है, जो आमतौर पर वायरल संक्रमण के कारण होती है। टॉन्सिल आपके गले के पीछे स्थित होती हैं और ये आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली की पहली पंक्ति में आती हैं। वे आपके शरीर में प्रवेश करने वाले कीटाणुओं की जांच करते हैं।
गले की खराश को ठीक करने के टिप्सनमक वाले पानी से गरारे
पहले, एक बड़ा प्याला लें और उसमें गरम पानी डालें। फिर, उसमें दो चुटकी नमक डालें और धीरे से उसे हल्का गरम करें। इसके बाद, गुनगुने पानी को एक गिलास में लेकर लगभग पांच मिनट तक गरारे करें। यह गले की खराश को कम करने में मदद करता है और आपको गले के दर्द से राहत दिलाता है।
मुलेठी का सेवन करें
गले की खराश को कम करने के लिए मुलेठी बहुत फायदेमंद होती है। जब आपको गले में खराश होती है, तो आप एक छोटा सा टुकड़ा मुलेठी को मुंह में रख सकते हैं और धीरे-धीरे चूस सकते हैं। इससे आपको गले के दर्द में तुरंत राहत मिल सकती है।काली मिर्च के साथ मिश्री का सेवन
गले की खराश, खांसी या जुकाम के लिए काली मिर्च बहुत उपयोगी मानी जाती है। अगर इसे मिश्री के साथ सेवन किया जाए तो इसके फायदे और भी बढ़ जाते हैं। काली मिर्च पाउडर और मिश्री को बराबर मात्रा में लें और इसे मिलाकर एक बंद डिब्बे में संयुक्त रूप से रखें। गले में खराश होने पर इसकी थोड़ी सी इस मात्रा का सेवन रोजाना 2 से 3 बार करें।
अदरक का काढ़ा
अदरक को छील लें और फिर इसे पानी में डालकर कुछ देर तक उबालने दें। जब पानी आधा हो जाए, तो समझ लें कि आपका काढ़ा तैयार हो चुका है।
तुलसी का काढ़ा पैरों के दर्द में तुलसी का काढ़ा बहुत फायदेमंद होता है। ऐसा करने के लिए एक बर्तन में तेज आंच पर पानी उबालें। - दूसरी ओर लौंग, काली मिर्च और दालचीनी को ब्लेंडर में पीस लें. - अब इस पिसे हुए मसाले को तुलसी की कुछ पत्तियों के साथ एक कंटेनर में रखें और उबाल लें. यह काढ़ा गले की खराश से राहत दिला सकता है।
लौंग
ले की खराश के लिए लौंग को विभिन्न तरीकों से उपयोग किया जा सकता है। इसे सीधे चबाया जा सकता है, गर्म पानी में लौंग डालकर उसे सेवन किया जा सकता है, या फिर लौंग की हर्बल टी बनाई जा सकती है। लौंग की हर्बल टी बनाने के लिए, एक कप पानी में लौंग को उबालें और उसमें आधा चम्मच शहद मिलाकर छान लें, और फिर पिएं।
लहसुन
गर्म या भुना हुआ लहसुन आपको सर्दी-जुकाम से दूर रखता है और गले की खराश को भी दूर करने में अच्छा प्रभाव दिखाता है। इसमें एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं जो ये वायरल संक्रमण को खत्म करने में मदद करते हैं।
शहद
देसी नुस्खों में शहद को अक्सर उपयोग किया जाता है। इसकी वजह है कि शहद में एंटीबैक्टीरियल और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो गले की खराश, गला दर्द, खांसी, और जुकाम को दूर करने में कारगर होते हैं। शहद को आप गर्म पानी में डालकर पी सकते हैं, हर्बल टी में मिला सकते हैं, या फिर इसे अदरक के साथ भी खाया जा सकता है।


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