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स्वर्ग से कम नहीं है भारत की ये फूलों की घाटी, तस्वीरें देख खुश हो जाएगा दिल और घूमने का करेगा मन

Gulabi
22 Aug 2021 4:13 PM GMT
स्वर्ग से कम नहीं है भारत की ये फूलों की घाटी, तस्वीरें देख खुश हो जाएगा दिल और घूमने का करेगा मन
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हमारे देश फूलों की सैकड़ों प्रजातियां पाई जाती हैं. जो पर्यावरण की खूबसूरती बढ़ाने के साथ ही पर्यटन को आकर्षित करने का भी काम करती हैं

हमारे देश फूलों की सैकड़ों प्रजातियां पाई जाती हैं. जो पर्यावरण की खूबसूरती बढ़ाने के साथ ही पर्यटन को आकर्षित करने का भी काम करती हैं. हमारे देश में कई ऐसी अनजान फूलों की घाटी है, जो प्रकृति प्रेमियों के लिए यह जगह किसी स्वर्ग से कम नहीं है. आज हम आपको एक ऐसी ही घाटियों के बारे में बताने जा रहे हैं.

युमथांग घाटी: अगर आप भागमभाग भरे जीवन से हटकर कुछ शांत समय गुजारना चाहते हैं तो सिक्किम की युमथांग घाटी आपके लिए परफेक्ट जगह है. इस घाटी में आपको शानदार फूलों के नजारे, याक और गर्म झरनों का कॉम्बिनेशन देखने को मिलेगा.इसी घाटी में 'शिंगबा रोडोडेंड्रोन' अभयारण्य भी है. आपको यहां पर इस खूबसूरत फूल की 24 से अधिक किस्में दिखेंगीं.

गोबिंदघाट: ट्रेकर्स के बीच बहुत लोकप्रिय यह फूलों की घाटी नंदा देवी बायोस्फीयर रिजर्व का हिस्सा है. यह यूनेस्को के वर्ल्ड नेटवर्क ऑफ बायोस्फीयर रिजर्व में से एक है.अगर आप इस फूलों की घाटी में पहुंचते हैं तो आप पास में ही हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा और नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान की भी यात्रा कर सकते हैं.

कास पठार : इस पठार पर फूलों की 850 से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं. जिनमें ऑर्किड, टूथब्रश ऑर्किड, भारतीय अरारोट, दीपकाडी फूल, उष्णकटिबंधीय सूंड, वाई-तुरा और कई अन्य प्रजातियों के फूल शामिल हैं. यहां कासा फूल से मिलता है, जो यहां पाई जाने वाली सबसे आम प्रजाति है.

इडुक्की: . इस घाटी को खासतौर पर हनीमूनर के स्वर्ग के रूप में जाना जाता है. अगर आप अगस्त के महीने में यहां की यात्रा की योजना बनाते हैं तो आप नीलकुरिंजी नाम के शानदार लैवेंडर रंग के फूलों के साथ हरे घास के मैदान भी देख सकते हैं. ये फूल हर 12 साल में एक बार ही खिलते हैं.

इडुक्की: . इस घाटी को खासतौर पर हनीमूनर के स्वर्ग के रूप में जाना जाता है. अगर आप अगस्त के महीने में यहां की यात्रा की योजना बनाते हैं तो आप नीलकुरिंजी नाम के शानदार लैवेंडर रंग के फूलों के साथ हरे घास के मैदान भी देख सकते हैं. ये फूल हर 12 साल में एक बार ही खिलते हैं.



ज़ुकोउ घाटी: इस घाटी में दिलचस्प बात यह है कि डज़ुकौ लिली (Dzükou lily) नाम के फूल खिलते हैं. खास बात ये है कि फूलों की यह प्रजाति केवल नागालैंड में पाई जाती है. यह घाटी नागालैंड-मणिपुर सीमा के पास स्थित है. अगर आप शहर के कोलाहल से दूर केवल प्रकृति की सुंदरता का आनंद लेना चाहते हैं, तो यह जगह वाकई आपके लिए बनी है.



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