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गठिया का दर्द ठीक कर देगा
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। गाठिया दर्द के घरेलू उपाय : बीमारियों से छुटकारा पाने के लिए आपको सिर्फ दवाई लेने की जरूरत नहीं है। कुछ घरेलू नुस्खों से भी आप इस समस्या से निजात पा सकते हैं। खराब जीवनशैली के कारण मधुमेह, उच्च रक्तचाप, कैंसर जैसी बीमारियां बढ़ रही हैं। जिसमें से गठिया एक ऐसी स्थिति है जो शरीर में तरह-तरह के दर्द का कारण बनती है। गठिया के दर्द में जोड़ों के दर्द और जकड़न जैसी समस्याएं भी शामिल हैं । आप इस दर्द से सिर्फ दवाओं से ही नहीं बल्कि कुछ घरेलू नुस्खोंकिचन में पड़ा यह एक मसाला गठिया का दर्द ठीक कर देगा से भी छुटकारा पा सकते हैं। आमवाती दर्द के लिए मेथी के पत्ते बहुत फायदेमंद माने जाते हैं। दर्द से राहत पाने के लिए आप इसका सेवन कर सकते हैं। तो आइए आपको बताते हैं इसके फायदे…
गाठिया दर्द का घरेलू इलाज
दर्द से राहत दिलाएगी चाय की पत्ती: चाय की पत्ती में कई एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। आयुर्वेद के अनुसार तेज पत्ते के तेल का इस्तेमाल आप दर्द से राहत पाने के लिए कर सकते हैं। शोध में पत्तियों के गुणों का भी वर्णन किया गया है। उनके अनुसार तेजपत्ते के प्रयोग से घाव बहुत जल्दी ठीक हो जाते हैं। तेज पत्ते में पाए जाने वाले एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुणों के कारण यह घाव को जल्दी भरने में मदद करता है।
सूप से पाएं राहत : शोध के अनुसार तेजपत्ता में हाइड्रॉक्सीप्रोलाइन नामक पदार्थ पाया जाता है। इसके अलावा कोलेजन भी प्रचुर मात्रा में होता है। हाल ही में हुए एक शोध के अनुसार गठिया से पीड़ित लोगों को तेजपत्ता का सूप पिलाया गया, जिसके सेवन से उन्हें जोड़ों के दर्द से काफी राहत मिली। इसे समझाते हुए शोधकर्ताओं ने बताया कि तेजपत्ते के सेवन से लोगों को दर्द से काफी राहत मिलती है।
मलेरिया और पीलिया में भी हल्दी का इस्तेमाल : हल्दी का इस्तेमाल आप मलेरिया और पीलिया जैसी समस्याओं में भी कर सकते हैं. इसके इस्तेमाल से मलेरिया और पीलिया के मरीजों की स्थिति में भी काफी सुधार हुआ है। आयुर्वेद के अनुसार अगर कोई व्यक्ति पीलिया से पीड़ित है तो उसे दिन में 2-3 बार तेजपत्ता चबाना चाहिए। कई शोधों में यह भी साबित हो चुका है कि तेजपत्ता स्तन कैंसर और कोलोरेक्टल कैंसर से बचाव में काफी उपयोगी माना जाता है।
कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकता है हल्दी: हल्दी कैंसर कोशिकाओं के विकास को भी रोकती है । इसमें कैटेचिन, लिनलूल और पार्थेनोलाइड जैसे एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो शरीर को मुक्त कणों से बचाने में मदद करते हैं। इसके अलावा तेजपत्ते में पाया जाने वाला लिनालूल भी तनाव को कम करने में मदद करता है।
Bhumika Sahu
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