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इनडोर प्रैक्टिस, खानपान में संपूर्ण आहार का न होना आमजन की तरह खिलाड़ियों को भी विटामिन डी की कमी से ग्रस्त कर रहा है। स्थिति यह है कि वर्तमान में 20 प्रतिशत से अधिक खिलाड़ियों में विटामिन डी की कमी है, जोकि एक गंभीर समस्या है। इसके चलते वह मैदान में अपनी पूरी क्षमता से न तो अभ्यास कर पाते हैं और न ही अपना बेहतर प्रदर्शन कर पाते हैं। यह जानकारी अमर उजाला से विशेष बातचीत में दी है पीजीआईएमएस के स्पोर्ट्स मेडिसिन के विभागाध्यक्ष सीनियर प्रोफेसर डॉ. राजेश रोहिल्ला ने।
उन्होंने बताया कि आमजन से अधिक खिलाड़ियों को विटामिन डी की जरूरत होती है। वह जल्द ही एक प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश के महत्वपूर्ण खेल सेंटरों में खिलाड़ियों के विटामिन डी के सैंपल जांचेंगे। इसमें 1000 खिलाड़ियों को शामिल किया जाएगा।
इसे खेल मंत्रालय व सरकार को भेजा जाएगा, ताकि समस्या को दूर किया जा सके और हम अपने खिलाड़ियों को अधिक मजबूत बना सकें। इस प्रोजेक्ट को सरकार के पास भेजा गया है। इसके लगभग सभी कार्य पूरे हो चुके हैं। इसकी मंजूरी मिलते ही इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो जाएगा।
सोनीपत, रोहतक, हिसार, शाहबाद में लेंगे सैंपल
डॉ. राजेश रोहिल्ला ने बताया कि सोनीपत, रोहतक, हिसार, शाहबाद के खिलाड़ियों के सैंपल लेने की तैयारी है। यहां अधिक खिलाड़ी हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हमारे खिलाड़ियों की क्या स्थिति है। एक खिलाड़ी को विटामिन डी का 800 इंटरनेशनल यूनिट लेना अनिवार्य होता है। इससे खिलाड़ी मजबूत होते हैं।
अमेरिका के खिलाड़ियों में 15 प्रतिशत कमी
डॉ. राजेश रोहिल्ला ने बताया अमेरिका के खिलाड़ियों में विटामिन डी की 15 प्रतिशत तो देश के खिलाड़ियों में 20 प्रतिशत से अधिक कमी है। जबकि देश में धूप की कमी नहीं है। माना यह भी जाता है कि देश में सांवला व गहरा सांवला रंग भी इस समस्या को जन्म देता है। क्योंकि स्किन का गहरा रंग भी सूर्य से विटामिन डी को ग्रहण करने की क्षमता को कम कर देता है।
शाकाहारी होना भी समस्या
एक्सपर्ट बताते हैं देश में खासकर उत्तर भारत के खिलाड़ी शाकाहारी हैं, इसलिए विटामिन डी की कमी होती है। क्योंकि मशरूम, मछली व अंडे में विटामिन डी मिलता है। इसके अलावा दूध में भी मिलता है, लेकिन हर किसी में इसकी मात्रा अलग-अलग होती है। खिलाड़ी के रंग का भी इसमें खास असर होता है।
विटामिन डी की कमी से होती है समस्या
शरीर में विटामिन डी की कमी से स्ट्रेस फैक्चर, मांसपेशी में दर्द, मांसपेशी में खिंचाव, बार-बार संक्रमण होना, फेफड़ों व दिल का सही से काम न करना आदि समस्या होती है। इससे किडनी की कार्यक्षमता में भी फर्क पड़ता है। यदि इसकी कमी को पूरा कर दिया जाए तो खिलाड़ी मैदान में अधिक ताकत से अभ्यास कर पाएगा और खेल पाएगा।
HARRY
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