लाइफ स्टाइल

उमस में वर्कआउट के दौरान नहीं रखी यह सावधानी, जानें क्‍या है बड़ी वजह

Manish Sahu
22 July 2023 9:29 AM GMT
उमस में वर्कआउट के दौरान नहीं रखी यह सावधानी, जानें क्‍या है बड़ी वजह
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लाइफस्टाइल: बारिश के बाद सुहाने हुए मौसम में चहल-कदमी तक का मामला तो ठीक है, लेकिन यदि आप इस मौसम में वर्कआउट कर अपनी सेहत बनाने की सोच रहे हैं, तो जरा ठहर जाइए. दरअसल, मानसून के मौसम में बारिश के साथ, एक चीज और आती है, और वह है उमस. बस यही उमस, मानसून के मौसम में वर्कआउट करने वाले लोगों के लिए मुसीबत साबित हो जाती है.
कहा तो यहां तक जाता है कि कई बार उमस भरे मौसम में वर्कआउट जानलेवा भी साबित हो सकता है. ऐसे में, सवाल यह उठता है कि क्या बरसात के इस मौसम में, वर्कआउट से बिल्कुल परहेज करना चाहिए? इस सवाल का जवाब जानने के लिए आइए चलते हैं इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल और सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर एस. चटर्जी से जानते हैं इस सवाल का सही जवाब.
वर्कआउट से पहले शरीर को बनाए मौसम के अनरूप
डॉ. एस. चटर्जी का इस बाबत कहना है कि वातावरण में ह्यूमिडिटी (नमी) के चलते कुछ परेशानियां हो सकती है, लेकिन इस यह मतलब नहीं है कि हम वर्कआउट पूरी तरह से छोड़ दें. हां, इस मौसम में एक्‍सरसाइज के कुछ नियम हैं, जैसे मौसम के अनुरूप आपको अपना शरीर ढालना होगा. इसके लिए, आपको हल्‍की एक्‍सरसाइज के साथ शुरूआत करनी होगी.
हाई इंटेंसिटी एक्‍सरसाइज से शुरूआत में हमें परहेज करना चाहिए. जैसे-जैसे आपका शरीर उसम भरे मौसम के अनरूप होता जाएगा, आपका शरीर खुद-ब-खुद इस बात के संकेत देने लगेगा कि अब आप अपनी एक्‍सरसाइज का समय और इंटेंसिटी बढ़ा सकते हैं.
ज्यादा वर्कआउट कर भी लिया तो क्या होगा
यदि हमने तमाम बातों को नजरअंदाज करते हुए उमस भरे इस मौसम में ज्यादा वर्कआउट कर भी लिया, तो क्या हो जाएगा? इसको लेकर डॉ. एस चटर्जी का कहना है कि वर्कआउट के दौरान शरीर से निकलने वाला पसीना जब सूखता है, तब बॉडी को ठंडक पहुंचती है. इस पूरी प्रक्रिया को स्‍वेट वैपोरेशन बोलते हैं. वहीं, ह्यूमिडिटी के दौरान वातावरण में पानी की मात्रा अधिक होने की वजह से पसीना वैपोरेट नहीं हो पाता है.
नतीजनत, बॉडी का अंदरूनी तापमान तेजी से बढ़ने लगता है और उसका प्रभाव शरीर के तमाम प्रमुख अंगो पर पड़ता है. शरीर के अंदरूनी तापमान बढ़ने की वजह से ब्रेन, हार्ट और किडनी प्रभावित हो सकते हैं. ऐसी स्थिति में शरीर के कुछ आर्गन डैमेज भी हो सकते हैं. यदि आप बाड़ी को सही तरीके से एक्लाइमेटाइज करके धीरे-धीरे सबकुछ करें, तो आपको कोई नुकसान नहीं होगा.
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