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इस एक टेस्ट से लगेगा दिल की बीमारियों का पता, बच सकती है पेशेंट की जिंदगी
भारत में दिल की बीमारियों से पीड़ित होने वालों की तादाद काफी ज्यादा है, इसकी वजह ये है कि हमारी जीवनशैली लगातार गड़बड़ होती जा रही है और ऑयली फूड्स खाने के चलन ने आग में घी डालने का काम किया है. इससे खून में बैड कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ने लगता है जो हाई बल्ड प्रेशर पैदा करता है और इसके कारण हार्ट अटैक (Heart Attack) कोरोनरी आर्टरी डिजीज (Coronary Artery Disease) और ट्रिपल वेसल डिजीज (Triple Vessel Disease) जैसी दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा पैदा होने लगता है.
हार्ट अटैक से बचने के लिए कराएं ये टेस्ट
अगर आप चाहते हैं कि हार्ट अटैक (Heart Attack) के खतरे से बचा जाए तो इसके लिए एक खास तरह का ब्लड टेस्ट कराना जरूरी है जिसे ट्रोपोनिन टी टेस्ट (Troponin T Test) कहा जाता है. ये दिल से जुड़ी बीमारियों का पता लगाने का काफी कारगर उपाय है, इससे खून में मौजूद ट्रोपोनिन लेवल का पता चलता है. ट्रोपोनिन असल में हार्ट मसल्स में मौजूद एक तरह का प्रोटीन, जिसका स्तर अगर बढ़ जाए तो दिल की मांसपेशियां खराब हो सकती हैं.
आखिर कब कराएं ट्रोपोनिन टी टेस्ट?
अगर आपके शरीर में कुछ खतरनाक लक्षण दिखने लगें तो ट्रोपोनिन टी टेस्ट (Troponin T Test) जरूर कराएं, जिसमें सीने में दर्द, चक्कर आना, गले में दर्द, जबड़े में दर्द, बेचैनी, जरूरत से ज्यादा पसीना आना, उल्टी आना और अधिक थकान महसूस होना शामिल है. इन लक्षणों को इग्नोर करना खतरे से खाली नहीं है, ऐसे में टेस्ट कराने से आप भविष्य होने वाली परेशानियों से खुद का बचाव कर सकते हैं.
कैसे होता है ट्रोपोनिन टी टेस्ट?
ट्रोपोनिन टी टेस्ट (Troponin T Test) एक तरह का ब्लड टेस्ट है जिसके जरिए बॉडी में मौजूद सोडियम, क्रिएटिनिन और पोटेशियम का पता लगाया जाता है. अगर इनमें से किसी भी चीज का लेवल बढ़ जाए तो ये हार्ट अटैक (Heart Attack) का कारण बन सकता है. इसमें हाथ की नस में सुई डालकर ब्लड सैंपल लिया जाता है. इसे टेस्ट के जरिए दुनियाभर के मरीजों को फायदा मिलता है. अगर आप भी वक्त रहते ट्रोपोनिन टी टेस्ट करा लेंगे तो संभावित खतरे से बचा जा सकता है.