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गर्दन का कालापन दूर करने के इलाज - Treatments For Dark Neck
गर्दन का कालापन दूर करने के लिए कई तरह के इलाज उपलब्ध हैं। कई ऐसे नुस्खे भी हैं, जिन्हें आजमाकर आप गर्दन का कालापन दूर कर सकते हैं। तो चलिए इनके बारे में जानते हैं।
1. केमिकल पील - Chemical Peels
केमिकल पील को केम एक्सफोलिएशन या डर्मापीलिंग के रूप में भी जाना जाता है। यह त्वचा में सुधार करने का एक रासायनिक समाधान है। इस ट्रीटमेंट के तहत प्रभावित जगह जैसे गर्दन में एक रासायनिक घोल लगाया जाता है। इस घोल से त्वचा की परतें टूटने लगती हैं और नई त्वचा सामने आ जाती है। नई त्वचा चमकदार और निखरी हुई होती है।
आम तौर पर केमिकल पील का उपयोग सभी प्रकार की त्वचा पर किया जा सकता है। लेकिन अगर आपकी त्वचा का रंग गहरा है, तो ट्रीटमेंट के बाद आपकी त्वचा के काले पड़ने का अधिक जोखिम होता है। इस स्थिति को पोस्ट-इंफ्लेमेटरी हाइपरपिग्मेंटेशन कहा जाता है। अगर आपकी त्वचा का रंग स्वाभाविक रूप से गहरा है, तो आप हाइपरपिग्मेंटेशन के जोखिम को कम करने के लिए अपने त्वचा एक्सपर्ट से सलाह ले सकते हैं।
केमिकल पील को डॉक्टर की मदद से क्लिनिक में लगाया जाता है।
इस दौरान पहले आपकी त्वचा को एक ऐसे एजेंट से साफ किया जाता है, जो त्वचा से अतिरिक्त ऑयल को हटा देता है।
इसके बाद प्रभावित जगह पर केमिकल पील लगाया जाता है। इसके लिए आमतौर पर ग्लाइकोलिक एसिड, ट्राइक्लोरोएसिटिक एसिड, सैलिसिलिक एसिड, लैक्टिक एसिड या कार्बोलिक एसिड (फिनोल) इस्तेमाल होते हैं। ये त्वचा की गहराई में जाकर उसे छीलते हैंं, ताकि नई त्वचा बाहर आ सके।
केमिकल पील तीन स्तर (लाइट, मीडियम और डार्क) पर लगाए जाते हैं और कौन सा केमिकल लगाया जाना है, यह फैसला डॉक्टर लेते हैं। गर्दन का कालापन कितना है और किस स्तर का है, यह देखने के बाद ही डॉक्टर केमिकल पील की मात्रा इस्तेमाल करने पर फैसला लेते हैं। [2]
2. मइक्रो डर्माब्रेशन - Microdermabrasion
माइक्रो डर्माब्रेशन ट्रीटमेंट में उपकरणों की मदद से त्वचा से प्रभावित परत को हटाया जाता है। जो भी लोग दाग, सूरज से त्वचा को हुए नुकसान और गर्दन के कालेपन जैसी समस्याओं से परेशान हैं, उनके लिए माइक्रो डर्माब्रेशन एक बेहतरीन उपचार हो सकता है। माइक्रो डर्माब्रेशन ट्रीटमेंट दो प्रकार का होता है। पहले ट्रीटमेंट में एक मशीन की मदद से आपकी त्वचा में छोटे क्रिस्टल को लगाया जाता है। यह क्रिस्टल मृत और प्रभावित त्वचा हो हटाते हैं। वैक्यूम की मदद से क्रिस्टल और प्रभावित त्वचा को खींच लिया जाता है।
3. लेज़र - Laser
लेजरों का उपयोग गर्दन के कालेपन को दूर करने के लिए भी किया जाता है। इसमें लेजर की मदद से परत दर परत त्वचा को बहुत सटीक रूप से हटाया जाता है। यह नए और स्वस्थ कोलेजन के विकास को बढ़ावा देता है। इससे त्वचा के बेहतर होने में मदद मिलती है। हालांकि इस ट्रीटमेंट को अपनाने से पहले डॉक्टर को अपनी पुरानी मेडिकल हिस्ट्री जरूर बताएं। हो सकता है कि कुछ मामलों में डॉक्टर इंतजार करने के लिए कहें।
लेजर आमतौर पर गोरे रंग वाले लोगों के लिए ज्यादा बेहतर होती है, क्योंकि गहरे रंग की त्वचा वाले लोगों में हाइपरपिग्मेंटेशन (त्वचा का काला पड़ना) का खतरा अधिक होता है। इस उपचार के बाद 3 महीने तक धूप में निकलने से बचना चाहिए। [4]
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Apurva Srivastav
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