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ऑफ़िस में आगे बढ़ने के लिए अक्सर सही योग्यता, समर्पण और कड़ी मेहनत करने की क्षमता महिलाओं के मामले में पर्याप्त नहीं होती. ऐसे में आपको अपनी योग्यता के अनुसार भुगतान और प्रमोशन पाने के लिए पक्षपात और भेदभाव के ख़िलाफ़ अपने एम्प्लॉयर और सहकर्मियों से लड़ना होता है. कड़ी मेहनत करनेवाली महिलाएं तब काफ़ी हतोत्साहित महसूस करती हैं, जब उन्हें केवल महिला होने के चलते महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स के लिए नहीं चुना जाता. सबसे आम है मातृत्व को कारण बताकर महिलाओं को मना करना. यह उन तमाम तरीक़ों में से एक है, जिसमें महिलाओं को ऑफ़िस में पक्षपात का सामना करना पड़ता है. अत: हमने प्रोफ़ेशनल्स की सहायता से कुछ ऐसे तरीक़े ढूंढ़ें हैं, जिनकी मदद से आप अपने साथ हो रहे पक्षपात को पहचान कर उससे निपट सकती हैं. आपको किसी भी सामान्य पुरुष की तरह महत्वाकांक्षी होने के लिए किसी से इजाज़त लेने की ज़रूरत नहीं है.
इस तरह ऑफ़िस में किया जाता है महिलाओं के साथ पक्षपात
मातृत्व को लेकर पक्षपात
बात चाहे आपके प्रमोशन को नज़रअंदाज़ करने की हो, क्योंकि आप मैटर्निटी लीव पर जा रही हैं या फिर बच्चा होने की वजह से कोई चुनौतीपूर्ण कार्यभार न देने की. यह सोच कि महिलाएं मां बनने के बाद प्रतिबद्धता और फ़ोकस खो देती हैं, आपको कई तरह से कमज़ोर बना सकती है. जबकि मां बनने से महिलाओं की योग्यता कम नहीं हो जाती. बजाय इसके वे ज़्यादा सजग, ज़िम्मेदार और समय प्रबंधन में माहिर हो जाती हैं.
यूं निपटें: अपनी कंपनी को बताएं कि आप अपने पिछले प्रदर्शन के आधार पर प्रमोशन के योग्य हैं और आप संस्था के प्रति प्रतिबद्ध हैं व छुट्टी ख़त्म होते ही आप काम पर वापस लौटने का इरादा रखती हैं. करियर को लेकर अपनी महत्वाकांक्षाओं के बारे में मैनेजमेंट से बात करें. छुट्टी के दौरान अपने सहकर्मियों के संपर्क में बनी रहें; कंपनी में क्या हो रहा है, यह जानने के लिए उन्हें फ़ोन करें. यह बहुत ज़रूरी है, यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपको भुला न दिया जाए और कंपनी को लगे कि आप उनसे जुड़ी हुई हैं.
इस तरह ऑफ़िस में किया जाता है महिलाओं के साथ पक्षपात
विवाह को लेकर पक्षपात
मातृत्व के बाद मैनेजमेंट को परेशान करनेवाली दूसरी सबसे बड़ी ख़बर किसी महिला कर्मचारी की शादी के अलावा और कुछ नहीं हो सकती. अक्सर जब महिलाएं अपनी शादी की बात ऑफ़िस में बताती हैं, तो बॉस ऐसे पेश आने लगते हैं, जैसे उन्होंने त्यागपत्र दे दिया हो. उन्हें नज़रअंदाज़ किया जाने लगता है.
यूं निपटें: यह अन्यायपूर्ण है कि आपका एम्प्लॉयर, आपसे सीधे बिना कोई स्पष्टीकरण मांगे, यह समझने लगे कि आप कंपनी के लिए प्रतिबद्ध नहीं होंगी. यहां आपका यह समझना भी ज़रूरी होगा कि शादी के बाद चीज़ें क्या और किस तरह बदल सकती हैं. अपने भावी पति और ससुरालवालों से इसके बारे में स्पष्ट बातचीत करें और उन्हें समझाएं कि आप अपनी नौकरी के प्रति कितनी समर्पित हैं और कितना समय ऑफ़िस में बिताना पड़ेगा. आप नहीं चाहतीं कि शादी के बाद आपसे किसी प्रकार की अप्रत्याशित उम्मीद की जाए, जैसे-घर की देखरेख करने और परिवारवालों की अपेक्षाओं पर खरा उतरने की, जो आपकी नौकरी के लिए प्रतिकूल हो सकता है.
इस तरह ऑफ़िस में किया जाता है महिलाओं के साथ पक्षपात
शांतिपूर्ण पक्षपात
यह काफ़ी पेचीदा होता है. क्या आपको वे सभी मौ़के याद हैं, जब आपके बॉस ने आपको ऑफ़िस से जल्दी घर जाने की इजाज़त दे दी हो और लंबे असाइन्मेंट्स से आपको मुक्त किया हो, ताकि आप अपने परिवार के साथ ज़्यादा से ज़्यादा समय बिता सकें? ख़ैर, इतने दयालु बॉस का होना भी अच्छा नहीं होता, ख़ासतौर पर जब आपको इन्क्रिमेंट के वक़्त औसत रेटिंग दी गई हो और प्रमोशन के लिए आपके नाम पर विचार तक न किया गया हो, क्योंकि आप बाक़ियों की तरह ऑफ़िस में देर तक नहीं रुकतीं!
यूं निपटें: इससे निपटना काफ़ी मुश्क़िल है, क्योंकि आपकी इसमें कोई ग़लती नहीं है. आख़िरकार, आपने किसी को अपने साथ नर्मी से पेश आने नहीं कहा था. यदि आपको लगता है कि आपने अपनी टीम के बाक़ी सदस्यों के बराबर काम किया है तो अपने बॉस से बात करें और उन्हें बताएं कि आप जानती हैं कि वे आपकी भलाई सोचते हैं, लेकिन आप इससे ज़्यादा की उम्मीद करती हैं. और यह भी कि आप अपनी निजी ज़िंदगी को बेहतर ढंग से चला सकती हैं, बग़ैर उनकी सहायता के!
इस तरह ऑफ़िस में किया जाता है महिलाओं के साथ पक्षपात
वरिष्ठ पद के लिए पक्षपात
सही योग्यता और प्रतिबद्धता होने के बावजूद कई बार उपयुक्त जगह पाना काफ़ी मुश्क़िल हो जाता है. यह सच है कि नेतृत्व करनेवाली वरिष्ठ भूमिकाओं में महिलाएं बहुत कम हैं. शुरुआती स्तर पर ढेरों महिलाएं हैं, लेकिन वरिष्ठ पदों पर इनकी संख्या पर्याप्त नहीं है.
यूं निपटें: शोध बताते हैं कि महिलाओं को आगे बढ़ने के लिए संस्था में उनका उत्तरदायित्व लेनेवाले की ज़रूरत होती है-वरिष्ठ पदाधिकारी उनकी सिफ़ारिश करें, अलग-अलग फ़ोरम्स पर उनके पक्ष में बात करें और उनपर विश्वास जताने का जोख़िम उठाएं. जब आपकी संस्था में आपके लिए बात करनेवाला (स्पॉन्सर) हो तो लोगों की नज़र आप पर जल्दी पड़ती है. और अपनी संस्था में स्पॉन्सर पाने का तरीक़ा है-लंबी अवधिवाले असाइन्मेंट्स लेना, नेटवर्किंग, अपने काम को दिखाना, करियर से जुड़ी महत्वाकांक्षाओं के बारे में बात करना और संस्था के अलिखित नियमों को समझना. शांति से काम करना आपको कहीं नहीं ले जाएगा. आपका काम दिखना चाहिए. आपका काम आपके लिए नहीं बोलेगा, आपको अपने काम के बारे में बोलना होगा.
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Kajal Dubey
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