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कभी-कभी बिना वजह गिफ्ट, कोई ख़ास तोहफ़ा या फिर ख़ूबसूरत-सा सरप्राइज़ भी पत्नी को ख़ुश करने
पति-पत्नी का रिश्ता वक़्त के साथ न केवल मज़बूत होता जाता है, बल्कि उनमें एक-दूसरे के प्रति प्यार और विश्वास भी बढ़ता जाता है. लेकिन समस्या तब आती है, जब पत्नी का स्वभाव क्रोधित हो और पति के लिए इसे संभालना मुश्किल हो. आख़िर किन-किन बातों का ध्यान देना चाहिए, जिससे पत्नी शांत रहे और रिश्तों में प्यार और अपनापन भी बरक़रार रहे. आइए, इन्हीं पहलुओं पर एक नज़र डालते हैं.
जब कभी भी पत्नी ग़ुस्से में रहे, तब आप भरसक कोशिश करें कि शांत रहें. जब एक ग़ुस्सा हो और दूसरा शांत रहे, तो बात बिगड़ने से बच जाती है.
पत्नी को मान-सम्मान देना भी ज़रूरी होता है. कई बार पति द्वारा बात-बात पर पत्नी की उपेक्षा या फिर अवहेलना करना, उसकी नाराज़गी बढ़ा देता है. ऐसा क्यों होता है कि हम मां, बहन, अन्य महिलाओं को रिस्पेक्ट देने में कंजूसी नहीं करते, लेकिन जब बात बीवी की आती है, तो इसे टेक फॉर ग्रांटेड ले लेते हैं. पतियों को अपने इस रवैये पर ध्यान देने की आवश्यकता है.
जीवनसाथी के जन्मदिन, शादी की सालगिरह और उससे जुड़े ख़ास दिन व तारीख़ों को ध्यान रखना, पत्नी की नाराज़गी से बचने का अचूक उपाय है. अगर पति पत्नी के जन्मदिन या फिर वेडिंग एनिवर्सरी भूल जाते हैं, तो पत्नियों का पारा सातवें आसमान पर पहुंच जाता है. ऐसा करने से बचें.
कभी-कभी बिना वजह गिफ्ट, कोई ख़ास तोहफ़ा या फिर ख़ूबसूरत-सा सरप्राइज़ भी पत्नी को ख़ुश करने और उनकी नाराज़गी को दूर करने में कारगर साबित होता है. अचानक उनकी पसंद की कोई चीज़ उपहार में देना न केवल उन्हें रोमांचित करता है, बल्कि उनके ग़ुस्से को भी शांत करता है और गुस्से की जगह उनके मन में आपके प्रति भरपूर प्यार उमड़नेे लगता है.
ग़ुस्सैल पत्नी को हैंडल करने के लिए ज़रूरी है कि घर के महत्वपूर्ण निर्णयों में उन्हें भी शामिल करें. अक्सर कई पतियों की यह आदत होती है कि वे घर के ज़रूरी ़फैसलों में अपनी बीवी को शामिल नहीं करते और न ही उनकी बातों को तवज्जो देते हैं. यदि आप भी इस तरह के पतियों में शामिल हैं, तो आज से ही अपनी इस आदत को बदल डालिए.
पतियों की सकारात्मक सोच पत्नी के ग़ुस्से को दूर करने में मददगार होती है. पत्नी कितनी भी एंग्री मूड में हों, अगर आप धैर्य और पॉज़िटिव एटीट्यूड रखते हैं, तो सिचुएशन को हैंडल
करने में आसानी होती है. आपकी पॉज़िटिवनेस न केवल आपको स्थिति को संभालने में सहायता करती है, बल्कि पत्नी के ग़ुस्से को भी शांत करती है.
कभी अपने हाथों से कुछ स्पेशल डिश बनाकर वाइफ को खिलाएं. शादी के बाद पत्नी के अलावा बहू, फिर मां बनकर बीवी की ज़िम्मेदारियां बढ़ती ही चली जाती हैं. दिनभर घर-बाहर के काम करते, अपने दायित्वों को निभाते-निभाते वह थक जाती है. इस रूटीन लाइफ से उसे भी ब्रेक की ज़रूरत होती है. आप वीकेंड में उसे ये ब्रेक दे सकते हैं. घर के कामों में उसकी मदद कर सकते हैं, एक दिन किचन की ज़िम्मेदारी आप संभाल लें. यकीन मानिए इससे वो हफ्ते भर ख़ुश और एनर्जेटिक महसूस करेगी.
पति का अधिक डॉमिनेटिंग होना भी पत्नी की नाराज़गी बढ़ाने का काम करता है. हर बात पर पत्नी को टोकना, यह मत करो, वो मत करो, यहां पर नहीं जाना है… सहेली के यहां, मायके क्यों जाना है… इसे मेल ईगो कह लें या फिर पति की तानाशाही, वे नहीं चाहते कि उनकी पत्नी घर से कहीं बाहर अधिक जाए, फिर वो दोस्तों के साथ सैर-सपाटा, पार्टी, मिलना-जुलना हो या फिर मायके के ख़ास कार्यक्रम में जाना हो. धीरे-धीरे पतियों की इस रोक-टोक से पत्नी की भावनाएं इस कदर आहत होती चली जाती हैं कि एक दिन यह चिंगारी शोला बन जाती है. ऐसे में इस तरह के पतियों को अपने रौब दिखाने, डॉमिनेट करने के आदत बदलने की ज़रूरत है.
जब कभी पत्नी ग़ुस्सा करें, तो शांत रहकर उनकी बातों को सुनें. यदि आप उनके गुस्से को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे, तो वहां से हट जाएं. जब पत्नी का क्रोध कम हो जाए, तब धैर्यपूर्वक उनकी बातों को सुनें और प्यार से उन्हें समझाएं. यक़ीनन यदि पत्नी की ग़लती है, तो वे इसे समझेंगी. साथ ही उन्हें इस बात की भी संतुष्टि होगी कि न केवल आपने उनके ग़ुस्से को झेला बल्कि उन्हें पलटकर कोई जवाब भी नहीं दिया. आपका यही व्यवहार उनके ग़ुस्से में ठंडक का काम करता है.
क्रोधावस्था में पत्नी की सही-ग़लत हर बात को उस व़क्त सहजता से स्वीकार कर लेना. अपनी सहमति प्रकट करना भी पत्नी के एंग्री बिहेवियर को हैंडल करने में कारगर साबित होता है. यह ऐसा रामबाण उपाय है कि पत्नी चाहे जितनी ग़ुस्से में हो, अगर आप उनकी बात मान लेते हैं, तो बहुत जल्द ही उनका दिमाग़ ठंडा हो जाता है. उन्हें इस बात से राहत मिलती है कि पति ने उनकी बातों को समझा.
हार्मोन हैं ज़िम्मेदार
क्या आप जानते हैं कि हमारे क्रोध के लिए सेरोटोनिन हार्मोन ज़िम्मेदार होते हैं. इसी हार्मोन की कमी के कारण हमें ग़ुस्सा आता है. सेरोटोनिन हार्मोन की कमी को दूर करने के लिए हेल्दी फूड खाना ज़रूरी होता है.
ग़ुस्सा कम करने के लिए क्या खाएं?
संतरा खाने से ग़ुस्से को शांत करने में सहायता मिलती है.
इसके अलावा हरी पत्तेदार सब्ज़ियां खाएं. हरी पत्तेदार सब्ज़ियां दिमाग़ और ख़ासकर न्यूरॉन्स के लिए बहुत उपयोगी होता है.
ओमेगा-3 से भरपूर भोजन खाएं.
नारियल खाना भी फ़ायदेमंद रहता है.
विटामिन डी से भरपूर फूड्स लेना भी बेहद लाभदायक रहता है.
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Apurva Srivastav
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