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ऐसी हुई थी क्रिसमस पर्व की शुरुआत, जानें इसकी जुड़ी रोचक बातें

Triveni
19 Dec 2022 11:32 AM GMT
ऐसी हुई थी क्रिसमस पर्व की शुरुआत, जानें इसकी जुड़ी रोचक बातें
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फाइल फोटो 

दुनियाभर में हर साल 25 दिसंबर के दिन क्रिसमस पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | दुनियाभर में हर साल 25 दिसंबर के दिन क्रिसमस पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन लोग चर्च में एक साथ जुटकर ईसाई धर्म के संस्थापक ईसा मसीह के जन्म दिवस को प्रार्थना गाकर मनाते हैं। साथ ही इस दिन घरों में क्रिसमस ट्री को सुंदर तरीके से सजाया जाता है और तरह-तरह के पकवान बनाए जाते हैं। अब जब क्रिसमस पर्व में कुछ ही दिन बचे हुए हैं तो इस खास पर्व से जुड़ी ज्यादातर तैयारियां पूरी की जा चुकि हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि क्रिसमस का इतिहास क्या है और ईसाई धर्म में इस पर्व का महत्व क्या है। आइए जानते हैं-

क्रिसमस का महत्व (Importance of Christmas 2022)
पूरी दुनिया में और खासकर ईसाई बहुल देशों में क्रिसमस पर्व को बड़े ही उत्साह से मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन ईसा मसीह जन्म हुआ था। जिन्हें लोगों को पापों से मुक्त कराने के लिए और उन्हें सही मार्ग दिखाने के लिए ईश्वर द्वारा धरती पर भेजा गया था।
क्रिसमस पर्व का इतिहास (History of Christmas 2022)
क्रिसमस के इतिहास से जुड़े कई दावे किए जाते हैं। लेकिन माना जाता है कि सबसे पहला क्रिसमस पर्व रोम में मनाया गया था। लेकिन यहां इस दिन को सूर्य देवता के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। बता दें कि 330 ई तक ईसाई धर्म का प्रभाव रोम में तेजी से बढ़ने लगा था और इस धर्म को मानने वालों की संख्या में भी तेजी से बढ़ोतरी हो रही थी। वहीं कुछ सालों बाद रोम में ईसाई धर्म के अनुयायियों ने यीशू मसीह को सूर्य देवता का रूप मान लिया और तब से 25 दिसंबर को क्रिसमस का त्योहार मनाया जाने लगा।
ईसा मसीह के जन्म से जुड़ा इतिहास
माना जाता है कि ईसा मसीह का जन्म बैथलहम में 4 ईसा पूर्व मैरी और जोसेफ के घर हुआ था। उनका जन्म एक अस्तबल में हुआ था। कहा यह भी जाता है कि उनके पिता और यीशू बढ़ई थे और 30 वर्ष की आयु में उन्होंने जनजागरण का कार्य शुरू कर दिया था।

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