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जनता से रिश्ता बेवङेस्क | कुत्ते के काटने से रेबीज वायरस फैल सकता है जो जानलेवा हो सकता है। अगर आपको कभी कोई कुत्ता काट ले तो आपको तुरंत चिकित्सीय सहायता लेनी चाहिए। कुछ लोग यह सोचकर डॉक्टर के पास नहीं जाते हैं कि कुत्ते ने बहुत ज्यादा नहीं काटा है यानी घाव बहुत छोटा है। इस तरह की लापरवाही आपके लिए मुसीबत बन सकती है।
कुत्ते के काटने पर लोग आनन-फानन में गलत कदम उठा लेते हैं। आपको मालूम होने चाहिए कि ऐसी स्थिति में आपको सबसे पहले क्या करना है। कुछ जरूरी उपाय हैं, जिन्हें आपको कुत्ते के काटने के चंद सेकंड, मिनट या घंटों में करने चाहिए।
कुत्ते के काटने पर प्राथमिक उपचार
ऐसी स्थिति में सबसे पहले आपको खून रोकने और घाव को साफ करने के काम करना चाहिए। इसके बाद मेडिकल सहायता बुलानी चाहिए या डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
इस बीच तीन बातों का ध्यान रखें- 1) कटे हुए घाव पर भूलकर भी कपड़ा ना बांधे, घाव खुला रखें, 2) घाव वाले हिस्से को साबुन से धोएं, 3) 24 घंटे के अंदर डॉक्टर को दिखाएं और इन्फेक्शन से बचने के लिए पहला इंजेक्शन लगाएं।
कुत्ते के काटने का इलाज
यह सारे काम होने के बाद अगर संभव हो तो पता लगाने की कोशिश करें कि आपको रेबीज वाले कुत्ते ने तो नहीं काटा है। क्योंकि रेबीज वाले कुत्ते के काटने से आप भी रेबीज का शिकार हो सकते हैं।
रेबीज का कोई इलाज नहीं है और यह जानलेवा है। इसलिए कुत्ते के काटने के बाद कुछ दिनों तक उस कुत्ते पर नजर रखें अगर कुछ ही दिनों में उसकी मौत हो जाती है, तो समझ लें कि आपके लिए बड़ा खतरा है।
कुत्ते में रेबीज के लक्षण
- जब कुत्ते में छेड़खानी के बिना अपने आप झपटने और काटने की आदत आ जाए।
- कुत्ता लकड़ी, घास या अन्य वस्तुओं को भी काटने लगता है।
- अधिक हिंसक होना-घर से भागना और जो भी रास्ते में सामने आए, उसे काटना।
- कुत्ता फटी सी आवाज में भौंकता है अर्थात् उसकी पहले वाली आवाज बदल जाती है।
- सांस लेने के लिए तेज हांफना
- कुत्ता या पशु लक्षण मिलने के दस दिनों के अंदर मर जाता है।
पीड़ित में रेबीज के लक्षण
- कुत्ते के काटने के बाद चिड़चिड़ापन महसूस होना।
- बुखार आना।
- मुंह से लार निकलना।
- मासंपेशियों में जकड़न महसूस होना।
कुत्ते के काटने का इलाज
- अगर आपको रेबीज वाले कुत्ते ने नहीं काटा है, तो डॉक्टर आपके इलाज के लिए इन टीकों की सलाह दे सकता है।
- मामूली खरोंच के लिए टीका लगवाना सबसे प्रभावी है। अगर कुत्ते ने गहरा काटा है, तो एंटी-रेबीज इम्युनोग्लोबुलिन जरूरी है।
- ज्यादातर मामलों में डॉक्टर टांकें लगाने से बचते हैं, इससे दूसरे अंग प्रभावित हो सकते हैं।
- अगर पालतू कुत्ते ने काटा है तो तीन टीके लगाने होते हैं। यानि पहला टीका कुत्ते के काटने के एक दिन बाद, दूसरा तीन दिन बाद और तीसरा सात दिन बाद।
- अगर आवारा कुत्ते ने काटा है, तो आपको तीसरे टीके के बाद एक हफ्ते के अंतराल में पांच से सात टीके लगवाने होंगे।
- हल्की खरोंच के मामले में आपको कम से कम तीन टीके लगवाने होंगे।
कुत्ते के काटने पर घरेलू उपाय
शहद
शहद में एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। यह आपको एलर्जी से बचाने में सहायक है। इसमें कुत्ते के जहर को बेअसर करने की क्षमता होती है। इसके लिए प्याज का पेस्ट बनाकर उसमें शहद डालकर प्रभावित हिस्से पर लगाएं। इससे आपको लाभ मिल सकता है।
काली मिर्च
काली मिर्च के कुछ दाने और दो चम्मच जीरा पानी में डालकर अच्छी तरह से पीस लें। इस पेस्ट को कुत्ते के काटे वाले स्थान पर लगाएं। कुछ ही दिनों में आपको लाभ मिलना शुरू हो जाएगा।
प्याज
प्याज भी कुत्ते के जहर को हटाने में काफी मददगार है। इसके लिए प्याज का रस, अखरोट की गिरी को बराबर मात्रा में लेकर पीस लें और फिर इसमें थोड़ा सा नमक और शहद मिला लें। इस पेस्ट को प्रभावित जगह पर लगाकर पट्टी बांध लें। इससे आपको लाभ मिलेगा।
कुत्ते के काटने पर इंजेक्शन
एंटी रेबीज वैक्सीन उस स्थिति में दिया जाता है, जब किसी व्यक्ति को पागल कुत्ता, गीदड़, भेड़िए आदि काट ले। मरीज को 72 घंटे के अंदर इस वैक्सीन को लगवाना जरूरी है। वैक्सीन न लगवाने की स्थिति में रेबीज़ रोग होने का खतरा होता है।