लाइफ स्टाइल

ऐसे लगाएं बच्चों का पढ़ाई में मन

Apurva Srivastav
28 May 2024 4:28 AM GMT
ऐसे लगाएं बच्चों का पढ़ाई में मन
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लाइफस्टाइल : पढ़ाई-लिखाई बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए काफी जरूरी होती है। हालांकि, हर बच्चा एक जैसा नहीं होता, इसलिए उनके पढ़ने का तरीका भी अलग-अलग होता है। कुछ बच्चे आसानी से एक जगह बैठकर शांति से पढ़ लेते हैं, तो वही कुछ का मन पढ़ाई में कम और खेलने में अधिक लगता है। ऐसे में उन्हें पढ़ाना काफी मुश्किल काम हो जाता है।
हर मां-बाप की इच्छा होती है कि उनका बच्चे अच्छे से मन लगाकर पढ़े, ताकि वे जीवन में एक बेहतर इंसान बन सके और सफलता हासिल कर सके। इसके लिए वे अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए कई तरीके अपनाते हैं। कभी प्यार से समझाकर, तो कभी डांट-डपटकर। लेकिन बच्चों को पढ़ाने के लिए जरूरी है कि पेरेंट्स भी उनके साथ सक्रिय बनें और उनके पढ़ाई के माहौल में कुछ जरूरी बदलाव करें, जिससे उनका पढ़ाई में मन लगना शुरू हो।
इस आर्टिकल में हम ऐसी ही कुछ आदतों के बारे में जानने की कोशिश करेंगे, जो आपके बच्चे की पढ़ाई में मदद कर सकते हैं और वे बिना रोए-धोए भी पढ़ सकते हैं।
पढ़ाई का समय निश्चित करें
रोज पढ़ाई करने के लिए बच्चों का समय निश्चित होना चाहिए। इससे उनमें एक आदत बनेगी कि इस समय से इस समय इन्हें पढ़ना है। इससे उनका ध्यान बार-बार इधर-उधर कम भटकेगा। साथ ही, वे पढ़ाई के प्रति प्रतिबद्ध भी बनेंगे। कोशिश करें कि इस समय में वे रोज एक नई चीज को सीखें, ताकि उनकी रूचि बढ़ें और वे पढ़ाई के प्रति प्रेरित भी होते रहें।
शांत माहौल रखें
कुछ बच्चे बहुत चंचल स्वभाव के होते हैं और उनका ध्यान आसानी से इधर-उधर भटकता रहता है। इसलिए उनके पढ़ाई का स्थान किसी शांत जगह पर होना चाहिए। कोशिश करें कि इस समय घर में शांति रहे और गाने चलाने या टीवी आदि का चलाएं। साथ ही, उनके पास से फोन वगैरह भी दूर रखें। जब उन्हें पढ़ाई के लिए इसकी जरूरत हो, तब ही अपनी निगरानी में इनका इस्तेमाल करने दें।
कार्यों को छोटे-छोटे भागों में बांटे
छोटे बच्चे किसी भी काम को करने में बहुत जल्दी ऊब जाते है। ऐसे में उनकी पढ़ाई के कामों को छोटे छोटे भागों में बांट देना चाहिए जिससे उनका इंट्रेस्ट बना रहता है।
शिक्षण प्रक्रिया में सक्रिय बने रहना
पढ़ाई की प्रक्रिया में सक्रिय रहना बच्चों की सोचने की क्षमता को बढ़ावा देता है। इसलिए बच्चों में नोट्स तैयार करना,मुख्य बिंदुओं को नोट करना और बाद में उसकी जानकारी हासिल करना और प्रश्न पूछना जैसी आदतों को बढ़ावा देना चाहिए।
पढ़ाई के बीच ब्रेक जरूर दें
छोटे बच्चे ज्यादा समय तक एक जगह टिक नहीं सकते। इसलिए उनकी पढ़ाई में उन्हें 10-15 मिनट का ब्रेक जरूर दें। इससे वे तरोताजा महसूस करेगें और फिर से पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर पायेंगे।
हाइड्रेशन और संतुलित आहार का ध्यान रखें
स्वस्थ्य शरीर ही स्वस्थ्य मानसिकता को बढ़ावा देती है। इसलिए बच्चों के संतुलित आहार और हाइड्रेशन का खयाल रखना भी जरूरी है। उन्हें हेल्दी खाना दें और समय से खाना खिलाएं।
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