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इस बार पड़ने वाली है भयंकर गर्मी, जानिए किन राज्यों पर दिखेगा इसका असर
जनता से रिश्ता बेवङेस्क | मार्च शुरू होने के साथ ही गर्मी ने भी दस्तक दे दी है. गर्मी ने अब धीरे धीरे अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है. इसी बीच, उन लोगों के लिए एक बुरी रिपोर्ट है कि इस बार मौसम और भी ज्यादा परेशान करने वाला है. बताया जा रहा है कि इस बार गर्मी ज्यादा असर दिखाएगी और तापमान हमेशा के मुकाबले ज्यादा रहेगा. इसलिए आप पहले से ही तैयार हो जाइए, क्योंकि आने वाले मौसम आपको परेशान करने वाला है.
भारत के कई हिस्सो में गर्मी काफी ज्यादा भयानक रूप दिखाएगी, जिससे आम लोगों को मुश्किल हो सकती है. ऐसे में जानते हैं आने वाले गर्मी के महीने में मौसम कैसा रहने वाला है और किन-किन शहरों में गर्मी का प्रभाव सबसे ज्यादा रहेगा… आइए जानते हैं आने वाले मौसम को लेकर कुछ खास बातें…
कैसा रहेगा मौसम?
हाल ही में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मार्च से मई तक के अपने ग्रीष्मकालीन पूर्वानुमान में कहा कि उत्तर, पूर्वोत्तर भारत तथा पूर्व एवं पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में दिन का तापामान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है. लेकिन, दक्षिण और उसके पास वाले मध्य भारत में दिन का तापमान सामान्य से कम रह सकता है. यानी इन स्थानों पर हर बार के मुकाबले कम पड़ने वाली है. वहीं, कई क्षेत्रों में तो इस बार दिन के साथ ही रात भी गर्म रहने वाली हैं.
किन राज्यों में पड़ेगी ज्यादा गर्मी?
बता दें कि इस बार यानी मार्च से मई के महीने तक नॉर्थ, वेस्ट-उत्तर और ईस्ट नॉर्थ भारत के अधिकतर उपसंभागों और मध्य भारत के पूर्वी एवं पश्चिमी भाग में गर्मी ज्यादा पड़ने वाली है. बताया जा रहा है इन क्षेत्र में सामान्य से ज्यादा तापमान रहने वाला है. बता दें कि पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, ईस्ट यूपी, वेस्ट यूपी, बिहार, झारखंड छत्तीसगढ़ और ओडिशा में समान्य से ज्यादा तापमान रहने की उम्मीद है. इन इलाकों गर्म-दिनों के साथ-साथ रातें भी काफी गर्म होंगी.
माना जा रहा है कि इस बार 0.71 फीसदी तक तापमान में बदलाव हो सकता है. यानी गर्मी पहले के मुकाबले ज्यादा होने वाली है. वहीं, मौसम विभाग के अनुसार पूरे उत्तर और मध्य भारत में सोमवार यानी 1 मार्च का तापमान सामान्य से 3-6 से डिग्री तक अधिक रहा है.
2020 था सबसे गर्म साल
पृथ्वी पर अब तक का सबसे गर्म साल 2016 को माना जाता था. लेकिन अब 2020 को सबसे गर्म साल गिना जाएगा, क्योंकि इस पर पृथ्वी पर तापमान काफी ज्यादा रहा था. यूरोपियन यूनियन के अर्थ ऑब्ज़र्वेशन प्रोग्राम, कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस ने बताया था कि 2020 में तापमान असामान्य रूप से ऊँचे स्तर पर रहे यानी गर्मी ज्यादा रही. बता दें कि आर्कटिक में रिकॉर्ड तापमान, ऑस्ट्रेलिया-अमेरिका में बहुत बड़ी वाइल्ड फ़ायर या मानसून के दौरान कई एशियाई देशों में भारी बरसात के कारण ये साल काफी गर्म रहा.
इस बार गर्म हवाएं भी चलेंगी?
भारत में गर्मी में लू का भी काफी असर रहता है. जब किसी स्थान पर अधिकतम तापमान सामान्य से 4 डिग्री अधिक बढ़ जाता है, तो इनकी आशंका बढ़ जाती है. वैसे लू के बारे में सही अनुमान नहीं लगाया जा सकता, लेकिन इस बार इनका खतरा ज्यादा है. राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पश्चिम मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, महाराष्ट्र में विदर्भ, बंगाल के कुछ हिस्सों में लू का प्रकोप ज्यादा रहता है.
इन वजह से पड़ रही है कुल सालों से ज्यादा गर्मी?
वैसे तो हर ला नीना की वजह से भारत के मौसम पर काफी असर पड़ता है. हालांकि, इसके आने से गर्मी का प्रभाव कम होता है, पिछले साल 2020 में ला नीना के बाद भी काफी गर्मी रही थी. साथ ही तापमान पर असर हवा के रूख की वजह से भी होता है और वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की वजह से भी काफी असर पड़ता है. ऐसे में इन्हीं वजहों से इस बार भी गर्मी का असर रहने वाला है. अक्सर लोग ग्लोबल वार्मिंग को ही गर्मी का कारण मानते हैं, लेकिन गर्मी के लिए कई फेक्टर काम करते हैं. दरअसल, सोलर रेडिएशन की वजह से भी कई सालों से उत्तर भारत में गर्मी बढ़ रही है, ऐसे में भी इस बार भी यह कारण गर्मी बढ़ा सकता है.