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लाइफ स्टाइल
हाथ जैसे दिखने वाला यह फल है दुर्लभ, भारत की कुछ ही जगहों में मिलता है खाने को
SANTOSI TANDI
14 Jun 2023 6:50 AM GMT
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, भारत की कुछ ही जगहों में मिलता
हाथों की उंगलियों की तरह दिखने वाला यह दुर्लभ फल बुद्ध के हाथ के नाम से जाना जाता है। बहुत से बौद्ध मंदिरों में इस फल को भगवान बुद्ध को अर्पित किया जाता है। बुद्ध के हाथ फल को नींबू या खट्टे फलों के प्रजातियों में से एक माना गया है। ऐसा माना जाता है कि इस फल को बौद्ध भिक्षु भारत से चीन ले गए और वहां इसके और भी कई किस्मों को लगाया गया। देखने में यह फल हाथ जोड़ी हुई उंगलियों के समान पीले रंग की दिखती है। इस फल को लेकर लोगों के बीच यह मान्यता है कि यह फल दीर्घायु, प्रसन्नता, सौभाग्य का प्रतीक है। इस फल को चीनी लोग सौभाग्य के प्राप्ति के लिए अपने घर एवं धार्मिक स्थानों में रखते हैं। इस फल को लोग नए साल में उपहार के रूप में भी भेंट करते हैं ताकि लोगों के जीवन में सब कुछ अच्छा हो।
फिंगर साईट्रॉन फल के बारे में
यह फल दिखने में नींबू पीलs रंग का होता है, साथ खाने में खट्टा और हल्का कड़वा लगता है। इस फल को लोग सजावट और औषधीय उपचार के लिए उपयोग करते हैं। यह फल बेहद ही दुर्लभ है इसलिए आपको यह हर कहीं नहीं मिलेगा। इस फल के अधिकांश किस्मों में इसका गूदा खाने लायक नहीं होता है। इसे खाने के लिए इस फल के उंगली को पहले तोड़ा जाता है फिर इसके छिलके को उतारकर खाया जाता है। इस फल को अंग्रेजी , चीनी , जापानी , कोरियाई , वियतनामी और फ्रेंच सहित कई भाषाओं में बुद्ध का हाथ कहा जाता है ।
बुद्ध के हाथ पेड़ के बारे में
फिंगर साईट्रॉन का पेड़ नींबू के पेड़ की तरह ही कांटेदार होता है, इसके अनगिनत शाखाएं होती है और यह साइज में ज्यादा बड़ा नहीं होता है। इस पेड़ की पत्ती हल्के हरे रंग की होती है, जो कि लगभग चार से छह इंच तक बढ़ती है। इस पेड़ के फूल बैंगनी रंग के होते हैं, जो कि गुच्छों में खिलते हैं। इस फल की उंगलियों में गूदा और बीज होते हैं। इस फल के पेड़ लगाने के लिए 2-3 साल पुरानी टहनी को काटकर इसका पेड़ उगाया जा सकता है।
फिंगर साईट्रॉन फल का उपयोग
इत्र
बुद्ध के हाथ नामक यह फूल बहुत सुगंधित होता है, जिसका इस्तेमाल चीन और जापान में इत्र (इत्र का इतिहास) बनाने के लिए किया जाता है।
धार्मिक महत्व
इस फल से जुड़े कई धार्मिक महत्व है, जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि किसी को भेंट करने के लिए इस फल को दिया जाता है। साथ ही इस मंदिरों में प्रसाद ( मंदिरों में मिलने वाले प्रसाद ) के रूप में बांटा जाता है। लोग इसके बंद उंगलियों वाले फल को कार्य के प्रतीक के रूप में रखते हैं। चीन में इस फल को लेकर यह माना जाता है कि यह सौभाग्य, दीर्घायु और प्रसन्नता का प्रतीक है।
सजावट के लिए
लोग इस फल को सजावट के लिए अपने घरों में वास और कंटेनर में स्टोर करके रखते हैं।
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खाने में उपयोग
नींबू के अन्य किस्मों के विपरीत इस फल के अधिकांश किस्मों में गूदा या रस नहीं होता है। लोग इसे इसके सुगंध के लिए लाते हैं और इसका उपयोग विभिन्न तरह के डेजर्ट और ड्रिंक्स (खट्टे नींबू से तैयार किए जाते हैं ये डेजर्ट) के लिए किया जाता है। इसके सूखे छिलके का उपयोग दवा और टॉनिक बनाने के लिए किया जाता है।
भारत में उत्पादन
यह फल भारत में हिमालय के निचले क्षेत्र में उगाया जाता है।
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बुद्ध के हाथ फुल से जुड़ी ये रही कुछ जानकारी। उम्मीद है आपको यह लेख पसंद आया हो, यह लेख पसंद आया हो तो इसे लाइक और शेयर जरूर करें और ऐसे ही लेख पढ़ते रहने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी के साथ।
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