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इस कारण होती है हाइपर-सेंसिटिविटी

Ritisha Jaiswal
23 Sep 2021 8:35 AM GMT
इस कारण होती है हाइपर-सेंसिटिविटी
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सबसे बड़ी और सबसे ज्यादा तक्लीफ देने वाली समस्या है दांतों पर ठंडा गर्म लगना। अक्सर लोग इस दांतों में होने वाली झुनझुनाहट को लेकर परेशान रहते हैं।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | सबसे बड़ी और सबसे ज्यादा तक्लीफ देने वाली समस्या है दांतों पर ठंडा गर्म लगना। अक्सर लोग इस दांतों में होने वाली झुनझुनाहट को लेकर परेशान रहते हैं। दरअसल, ठंडा, गर्म या मीठा खाने-पीने से कई बार दांतों में तेज झुनझुनाहट होती है, जिसे डेंटल हाइपर सेंसिटिविटी भी कहा जाता है। चलिए आपको बताते हैं कि सेंसिटिविटी और हाइपर सेंसिटिविटी में क्या फर्क है और इसका इलाज कैसे किया जाए...

दो तरह की होती है सेंसिटिविटी...
इसे समझने के लिए सेंसिटिविटी और हाइपर-सेंसिटिविटी में फर्क जानना जरूरी है। अगर ठंडा खाते वक्त ठंडक और गर्म खाते वक्त गर्माहट महसूस हो तो उसे सेंसिटिविटी कहा जाता है। वहीं, जब ठंडक और गर्माहट के साथ झुनझुनाहट व दर्द महसूस हो तो हाइपर-सेंसिटिविटी कहते हैं, जिसमें इलाज की जरूरत होती है।
इस कारण होती है हाइपर-सेंसिटिविटी
जब एनेमल या सीमेंटम दांतों से हट जाते हैं तो बाहरी वातावरण के संपर्क में आने से वो सेंसिटिव हो जाते हैं। एनेमल या सीमेंटम कई कारणों से टूट सकते हैं जैसे...
सख्त टूथब्रश, दंतमंजन या टूथपेस्ट का इस्तेमाल
. पायरिया रोग
. तंबाकू और गुटखे का लगातार सेवन
. अधिक अम्लीय फूड्स खाना
. दांत का कुछ हिस्सा टूट जाना
. मसूड़ों का ढीला होना
. कीड़ा लगने से कैविटी बन जाती है, जिससे सेंसिटिविटी होती है।
डेंटल सेंसिटिविटी होने पर क्या खाएं
उच्च फाइबर वाली सब्जियां, जैसे सेब और केले, सलाद, स्मूदी, दूध, ​साबुत अनाज, ओटमील, काजू, बादाम और अखरोट ,गाजर, चुकंदर, ब्रोकली, आलू, ​डेयरी उत्पाद आदि खाएं।
डेंटल सेंसिटिविटी होने पर क्या न खाएं
दांतों में सेंसिटिविटी है तो अम्लीय और खट्टी चीजें जैसे नींबू, कैरी, इमली आदि, मीठी चीजें, कैंडी, आइसक्रीम, कार्बोनेटेड कोल्ड ड्रिंक्स, सोडा से जितना हो सके दूरी बनाकर रखें।
इसके अलावा आप कुछ घरेलू नुस्खे अपनाकर इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।
सरसों का तेल
1 चम्मच सरसों या नारियल तेल में 1/2 चम्मच सेंधा नमक मिलाकर दांतों व मसूड़ों की मसाज करें और 5 मिनट बाद कुल्ला कर लें। हफ्ते में 2 बार ऐसा करने से सेंसिटिविटी दूर हो जाएगी।
नमक के पानी से कुल्ला
गुनगुने पानी में 2 चम्‍मच नमक मिलाकर सुबह और रात को सोने से पहले कुल्‍ला करें। इस आयुर्वेदिक उपचार से भी सेंसिटिविटी कम होगी।
नीम की दातुन
कठोर टूथब्रश और टूथपेस्ट की बजाए नीम की दातुन से दांतों की सफाई करें। इसके एटीबैक्टीरियल गुण सेंसिटिविटी से भी राहत दिलाएंगे और कीड़ा भी नहीं लगने देंगे।
लौंग का तेल
लौंग के तेल से दांतों व मसूड़ों की मालिश करने से भी सेंसिटिविटी की समस्या दूर हो जाएगी।
कच्चा प्याज
कच्चे प्याज के एंटी-इंफ्लेमेंट्री गुण भी झनझनाहट से आराम दिलाते हैं। इसके लिए प्याज के छोटे टुकड़े को दांतों में 5 मिनट तक दबाएं। इसके बाद गुनगुने पानी में नमक मिलाकर कुल्ला करें।


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