- Home
- /
- लाइफ स्टाइल
- /
- अध्ययन में हुआ ये बड़ा...
लाइफ स्टाइल
अध्ययन में हुआ ये बड़ा खुलासा...क्या पैसे से खुशी हासिल होती है जानिए?
Deepa Sahu
27 Feb 2021 4:17 PM GMT
x
आपने हर किसी को ये कहते हुए सुना होगा
जनता से रिश्ता वेबडेस्क : आपने हर किसी को ये कहते हुए सुना होगा कि हमें जीवन में हमेशा खुश रहना चाहिए। चाहे कितनी भी मुश्किलें हों लेकिन हमें कभी हिम्मत नहीं हारनी चाहिए, और खुद को खुश रखने की कोशिशें करती रहनी चाहिए। ऐसी कई वजह होती हैं, जो लोगों को खुश करती हैं, और कई ऐसी वजह भी होती हैं जो लोगों से उनकी खुशी को छीन लेती हैं। लेकिन एक नए अध्ययन से पता चलता है कि पैसे से खुशी हासिल हो सकती है। जी हां, नया अध्ययन इस ओर ही इशारा करता है। तो चलिए जानते हैं इस बारे में।
दरअसल, हाल ही में प्रकाशित एक नए अध्ययन में जर्नल ऑफ प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज, मैथ्यू किलिंग्सवर्थ, पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के व्हार्टन स्कूल के एक वरिष्ठ साथी की रिपोर्ट है कि सात वर्षों में अमेरिका में 33 हजार से अधिक वॉलंटियर्स के जीवन पर नजर रखने के बाद पता चला कि जिनके पास ढेर सारा पैसा है उनके पास खुशियां खरीदने का अच्छा अनुभव होता है।
तकनीक की मदद से किलिंगवर्थ ने वॉलंटियर्स का रियल टाइम डाटा लिया, जिससे उन्हें लोगों के जीवन की गहराई के बारे में कई बातें पता चली। वॉलंटियर्स से कम से कम दिन में तीन बार मल्टीपल चॉइस यानी बहुविकल्पीय सवाल पूछे जाते थे, जिसके हिसाब से वो उन्हें रेटिंग देते थे। इसमें ये सवाल शामिल थे कि "आप अभी कैसा महसूस करते हैं?" और "कुल मिलाकर आप अपने जीवन से कितने संतुष्ट हैं?" समय-समय पर उनसे वित्तीय सुरक्षा के बारे में उनकी समझ, उनकी जीवन पर नियंत्रण की समझ अन्य सवाल पूछे गए।
जहां 2010 का अध्ययन जो इसी पत्रिका में प्रकाशित हुआ था में शोधकर्ताओं डैनियल काह्नमैन और एंगस डिएटन (दोनों नोबेल पुरस्कार विजेता) ने कहा था कि अमेरिका में 2010 में 75 हजार डॉलर की सालाना आय यानी लगभग 54 लाख रुपये उनके लिए खुशी और संतुष्टि वाली होती है। वहीं, दूसरी तरफ किलिंगवर्थ अपने निष्कर्षों में कहते हैं कि लोगों की खुशी बढ़ती रही क्योंकि लोगों की वार्षिक घरेलू आय 480,000 डॉलर यानी 3.4 करोड़ रुपये तक को पार कर गई।
किलिंगवर्थ ने अपने और साल 2010 में हुए अध्ययन में अंतर बताते हुए कहा कि, "केवल हाल ही में स्मार्टफोन के उपयोग के माध्यम से लोगों के जीवन को वास्तविक समय में देखना संभव हो गया है, जबकि पहले (2010 अध्ययन में) ये सर्वेक्षणों के माध्यम से देखा गया था कि लोगों ने पिछले सप्ताह या महीने में कैसा महसूस किया था। ऐसे में अपने अध्ययन में किलिंगवर्थ इस बात को कहते हैं कि पैसों से खुशियां खरीदी जा सकती है।
Deepa Sahu
Next Story