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सूर्य नमस्कार में भी शामिल किया जाता है इस आसन को

Kajal Dubey
21 May 2023 3:40 PM GMT
सूर्य नमस्कार में भी शामिल किया जाता है इस आसन को
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स्वस्थ रहने के लिए योग जरूरी है। योग के कई आसन हैं। इनमें एक आसन भुजंगासन है। इस योग को करने से पेट पर अधिक बल पड़ता है। इससे पाचन तंत्र बहुत मज़बूत होता है। यह कई बीमारियों में फायदेमंद है। इससे कब्ज, अस्थमा, महिलाओं को होने वाली मासिक धर्म में समस्या को दूर किया जा सकता है।
भुजंगासन एक ऐसा योगासन है, जो दो शब्दों को मिलाकर बना है। एक भुजंग अर्थात सांप और दूसरा आसन। अंग्रेजी में भुजंगासन को कोबरा पोज कहा जाता है, क्योंकि इसे करते समय शरीर की आकृति कुछ सांप जैसी हो जाती है। स्वास्थ्य के लिए इस योगासन के कई फायदे हैं, इस वजह से सूर्य नमस्कार में भी इसे शामिल किया गया है। आज हम आपको इससे होंने वाले फायदे बताने जा रहे है।
एक शोध में कई प्रकार के योगासन के बारे में बताया गया है, जो महिलाओं में पेट के मोटापे को कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं। इन योगासनों में भुजंगासन का भी शामिल किया गया । इसके अलावा, भुजंगासन से संबंधित एक शोध में सीधे तौर पर माना गया है कि यह आसन पेट की मांसपेशियों में खिंचाव पैदा करता है, जिससे बढ़े हुए पेट को कम करने में मदद मिल सकती है । इस आधार पर भुजंगासन को पेट की चर्बी को कम करने में सहायक माना जा सकता है।
फेफड़ों को मजबूत करे
कई योगासन का है जो फेफड़ों से संबंधित समस्याओं में राहत पहुंचा सकते हैं। इन आसनों में भुजंगासन का नाम भी शामिल है। इस आसन में सांस लेने की प्रक्रिया का अभ्यास फेफड़ों को मजबूती प्रदान करने में मदद कर सकता है इस आधार पर फेफड़ों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए भी भुजंगासन को सहायक माना जा सकता है।
कंधे और गर्दन के तनाव को दूर करे
भुजंगासन एक स्ट्रेचिंग आसन है, जो शरीर में खिंचाव पैदा करता है। वहीं, यह माना गया है कि खिंचाव पैदा करने वाले आसन कंधे, पीठ और गर्दन के साथ-साथ पूरे शरीर को आराम पहुंचाने में मदद कर सकते हैं । इस आधार पर यह माना जा सकता है कि कंधे और गर्दन के तनाव को दूर करने के लिए भुजंगासन योग के फायदे सहायक साबित हो सकते हैं।
लेख में पहले ही बताया जा चुका है कि भुजंगासन एक ऐसा योगासन है, जिसका प्रभाव मुख्य रूप से रीढ़ पर पड़ता है । इस कारण यह रीढ़ को मजबूती प्रदान करने में मदद कर सकता है। वहीं, एक अन्य शोध में इसे रीढ़ को लचीला बनाने के लिए उपयोगी बताया गया है । इन तथ्यों को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि भुजंगासन के लाभ से रीढ़ को मजबूत और लचीला बनाया जा सकता है।
लिवर और किडनी के स्वास्थ्य के लिए उपयोगी
लिवर और किडनी के स्वास्थ्य को बनाए रखने में भी भुजंगासन के लाभ अहम भूमिका निभा सकते हैं। दरअसल, शरीर में उपापचय संबंधी गड़बड़ी किडनी विकार और फैटी लिवर की समस्या का कारण बन सकती है। वहीं, भुजंगासन उपापचय की बिगड़ी स्थिति को सुधारने में मदद कर सकता है ।
वजन को संतुलित रखे
लेख में पहले ही बताया जा चुका है कि भुजंगासन के अभ्यास से पेट की मांसपेशियों में खिंचाव पैदा होता है। इससे बढ़े हुए पेट को कम करने में मदद मिल सकती है । वहीं, संपूर्ण शारीरिक वजन को नियंत्रित करने से संबंधित एक शोध में भी इसे शारीरिक वजन को सुधारने वाले योगासनों की लिस्ट में शामिल किया गया है ।
तनाव से मुक्ति दिलाए
तनाव शारीरिक हो या फिर मानसिक, दोनों ही स्थितियों में भुजंगासन का अभ्यास लाभकारी सिद्ध हो सकता है। भुजंगासन करने के फायदे से संबंधित एक शोध में इस बात को साफ तौर पर स्वीकार किया गया है। शोध में जिक्र मिलता है कि भुजंगासन चिंता के कुछ सामान्य लक्षणों जैसे :- थकान, कमजोरी और सिर दर्द को दूर करने में मदद कर सकता है ।
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