लाइफ स्टाइल

PCOS के लक्षणों को कम करने के लिए जरूरी है यह 1 विटामिन

Manish Sahu
17 Aug 2023 10:27 AM GMT
PCOS के लक्षणों को कम करने के लिए जरूरी है यह 1 विटामिन
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लाइफस्टाइल: PCOS यानी पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम, महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन की वजह से होने वाली हेल्थ कंडीशन है। यह कंडीशन यूं तो आज के समय में व्यस्त और अनियमित जीवनशैली की वजह से काफी आम हो गई है, लेकिन इसके कई गंभीर परिणाम हो सकते हैं। इसकी वजह से महिलाओं के शरीर में मेल हार्मोन एंड्रोजन बढ़ जाता है। साथ ही, महिलाओं में नियमित रूप से ओव्युलेशन में भी दिक्कत आती है। जिसकी वजह से महिलाओं की फर्टाइल हेल्थ प्रभावित हो सकती है।
पीरियड साइकिल का अनियमित होना, पीरियड्स में दर्द अधिक होना, कमजोरी महसूस होना, हेयर फॉल, थकान, वजन बढ़ना, शरीर में अनचाहे बालों का उगना, ये सभी PCOS के लक्षण हो सकते हैं। इन लक्षणों को कम करने के लिए डाइट और लाइफस्टाइल में कई बदलाव जरूरी होते हैं। इन लक्षणों को सुधारने के लिए, विटामिन-डी का सही लेवल बहुत जरूरी है। विटामिन-डी का लेवल कितना होना चाहिए, इससे PCOS के किन लक्षणों में सुधार हो सकता है। इस बारे में एक्सपर्ट से जानते हैं। यह जानकारी डाइटिशियन मनप्रीत दे रही हैं। मनप्रीत ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से न्यूट्रिशन्स में मास्टर्स किया है। वह हार्मोन और गट हेल्थ कोच हैं।
PCOS के लिए विटामिन-डी
अगर आपको PCOS की समस्या है, तो इसके लक्षणों को कम करने के लिए तुरंत डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव करें। इसके लक्षण सभी के लिए अलग हो सकते हैं। कुछ महिलाओं को PCOS में बाल झड़ने, कमजोरी, थकान, ध्यान केंद्रित करने में मुश्किल और मांसपेशियों में कमजोरी हो सकती है। इन लक्षणों को सुधारने के लिए शरीर में विटामिन- डी का लेवल सही होना चाहिए। महिलाओं में विटामिन-डी की कमी भी काफी कॉमन है और अगर आपको PCOS के लक्षणों के साथ विटामिन-डी की भी कमी होती है, तो इसके लक्षण और अधिक नजर आ सकते हैं।
विटामिन-डी से PCOS के इन लक्षणों में होगा सुधार
मेंस्ट्रुअल साइकिल रेगुलेट होगी।
इंफ्लेमेशन कम होगा।
इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार होगा।
फर्टिलिटी में सुधार होगा।
एनर्जी लेवल और मूड भी अच्छा रहेगा।
बोन हेल्थ में सुधार होगा।
बालों का झड़ना कम होगा।
मांसपेशियों में मजबूती आएगी।
इम्यूनिटी बूस्ट होगी।
महिलाओं में कितना होना चाहिए विटामिन- डी?
अगर आपके शरीर में विटामिन-डी 30-100 ng/mL है, तो यह एकदम सही है। वहीं, 10-30 ng/mL विटामिन- डी होने पर इसे कम मना जाता है और अगर यह 10 ng/ml से भी कम हो गया है, तो आपको तुरंत इस पर ध्यान देना चाहिए। इसके परिणाम गंभीर हो सकते हैं। जैसे विटामिन-डी की कमी ठीक नहीं है, वैसे ही 100 ng/ml से अधिक विटामिन-डी होना भी नुकसानदेह हो सकता है।
विटामिन-डी का लेवल कैसे बढ़ाएं?
विटामिन-डी की कमी को पूरा करने का सबसे अच्छा सोर्स सूरज की रोशनी है, इसलिए सुबह के वक्त कम से कम 15-20 मिनट सूरज की रोशनी में जरूर रहें।
यह एक जरूरी माइक्रोन्यूट्रिएंट है। इसे डाइट में भी शामिल करना जरूरी है।
देसी घी, मक्खन, ड्राई फ्रूट्स, नट्स और डेयरी प्रोडक्ट इसका अच्छा सोर्स होते हैं।
रोजाना एक्सरसाइज भी विटामिन-डी की कमी को पूरा करने के लिए जरूरी है।
अगर शरीर में विटामिन-डी का लेवल काफी कम है, तो डाइट के साथ आप एक्सपर्ट की सलाह पर सप्लीमेंट्स भी ले सकते हैं।
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