लाइफ स्टाइल

ब्‍लड सर्कुलेशन में सुधार और लिवर को डिटॉक्‍स करते हैं ये योगासन, रोजाना 10 मिनट करें

Manish Sahu
10 Aug 2023 4:29 PM GMT
ब्‍लड सर्कुलेशन में सुधार और लिवर को डिटॉक्‍स करते हैं ये योगासन, रोजाना 10 मिनट करें
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लाइफस्टाइल: लिवर ऐसा अंग है, जो हमारे शरीर के कई जरूरी काम करता है। यह शरीर में हर मिनट प्रसारित होने वाले ब्‍लड का 30 प्रतिशत प्राप्त करता है। लिवर शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने और पोषक तत्वों को स्‍टोर करने के लिए लगातार काम करता है।
लिवर पित्त का भी स्राव करता है और कार्बोहाइड्रेट, फैट और प्रोटीन का मेटाबॉलिज्‍म करता है। यदि यह रोगग्रस्‍त हो जाए, तो शरीर को काफी नुकसान हो सकता है। लेकिन आज हम आपको कुछ योगासन के बारे में बता रहे हैं, जो ब्‍लड सर्कुलेशन में सुधार और लिवर को डिटॉक्‍स करने में मदद करते हैं। इन योगासन के बारे में हमें अक्षर योग केंद्र के योग और आध्यात्मिक गुरु हिमालयन सिद्ध अक्षर बता रहे हैं।
एक्‍सपर्ट का कहना है, ''ये योगासन शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालते हैं, लिवर की कामों में सुधार करते हैं और हमारे शरीर को हेल्‍दी रखते हैं। योगासन फाइब्रोसिस, एपोथोसिस, लिवर की सूजन, फैटी लिवर रोग और तनाव जैसी समस्‍याओं को ठीक करने के लिए लिवर को तैयार करते है। यह आसन, ऊर्जा स्रोत के रूप में लिवर में जमा फैट का इस्‍तेमाल करते हैं। इन आसनों का अभ्यास हफ्ते में कम से कम 3 बार करें। प्रत्येक आसन में 15-30 सेकंड तक रहे और 3 सेट तक दोहराएं।''
ताड़ासन (पर्वत मुद्रा)
पैरों को शरीर की चौड़ाई बराबर फैलाकर पंजों को आगे की ओर करके खड़े हो जाएं।
टेलबोन को थोड़ा सा मोड़ें।
कंधों को चौड़ा और शिथिल रखें।
सिर को सीधा करें ताकि हमारी ठोड़ी फर्श के समानांतर हो।
बाजुओं को सिर के ऊपर उठाएं, उन्हें कंधे की चौड़ाई बराबर रखें।
कंधों को कानों से दूर रखें करें।
एक मिनट के लिए आसन को रोककर रखें।
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वृक्षासन
सीधे खड़े होकर शुरुआत करें।
दाहिने पैर को फर्श से उठाएं और शरीर के वजन को बाएं पैर पर बैलेंस करें।
दाहिने पैर को बाईं जांघ पर रखें।
पैर को अपनी जगह पर लाने के लिए उन्हें हथेलियों से सहारा दे सकते हैं।
बैलेंस बनाने के बाद, हथेलियों को हृदय चक्र पर प्रणाम मुद्रा में जोड़ें।
प्रणाम मुद्रा को आकाश की ओर उठाएं।
कोहनियों को सीधा करें और सिर को बाजुओं के बीच में रखें।
दूसरे पैर से इस योगासन को दोहराएं।
अधोमुख श्वानासन
हाथों और पैरों के बल आ जाएं।
हिप्‍स को ऊपर उठाएं।
घुटनों और कोहनियों को सीधा करें और उल्‍टा 'वी' आकार बनाएं।
हाथों को कंधे की चौड़ाई बराबर रखें।
उंगलियां आगे की ओर होनी चाहिए।
हथेलियों पर दबाव डालें।
एड़ियों को फर्श पर धकेलने का प्रयास करें।
नजर पैर की उंगलियों पर केंद्रित रखें।
वज्रासन
बाजुओं को शरीर के बगल में रखकर सीधे खड़े हो जाएं।
आगे की ओर झुकें और धीरे-धीरे घुटनों को चटाई पर रखें।
पेल्विक को एड़ी पर रखें और पैर की उंगलियों को बाहर की ओर रखें।
एड़ियों को एक-दूसरे के करीब रखें।
पंजों को एक दूसरे के ऊपर न रखें।
हथेलियों को घुटनों पर रखें।
पीठ सीधी करें और आगे की ओर देखें।
इस आसन में कुछ देर रहे।
पश्चिमोत्तानासन
दंडासन से शुरुआत करें।
इस बात का ध्‍यान रखें कि घुटने थोड़े मुड़े और पैर आगे की ओर फैले हुए हों।
हाथों को ऊपर की ओर फैलाएं और रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें।
सांस छोड़ें और पेट से हवा निकालें।
सांस छोड़ते हुए हिप्‍स के बल आगे की ओर झुकें।
हाथों को नीचे करें और पैर के बड़ी उंगली को पकड़ें।
नाक को घुटनों से छूने की कोशिश करें।
कुछ देर तक आसन में रहें।
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