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Chandrayaan 3 के पीछे इन महिलाओं ने निभाई अहम भूमिका, देश को है गर्व

SANTOSI TANDI
24 Aug 2023 7:17 AM GMT
Chandrayaan 3 के पीछे इन महिलाओं ने निभाई अहम भूमिका, देश को है गर्व
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देश को है गर्व
भारत की पूरे विश्व में वाहवाही हो रही है। चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 के पहुंचते ही हमारा देश साउथ पोल पर पहुंचने वाला पहला देश बन गया है। चंद्रयान की सफलता की बात हो रही है, तो हमें उसके पीछे मेहनत कर रहे धुरंधरों की भी प्रशंसा करनी चाहिए। आइए जानते हैं चंद्रयान 3 के पीछे किन महिलओं ने अहम भूमिका निभाकर रूढ़िवादी विचारों को मुंहतोड़ जवाब दिया है।
डॉ. रितु कारिधाल कौन हैं?
चंद्रयान-3 की लैंडिंग की जिम्मेदारी के पीछे डॉ. रितु कारिधाल ने महत्वपूर्ण रोल निभाया। रितु कारिधाल वरिष्ठ महिला वैज्ञानिक और चंद्रयान-3 की मिशन डायरेक्टर हैं। इससे पहले वो मंगलयान की डिप्टी ऑपरेशन डायरेक्टर और चंद्रयान-2 की भी मिशन डायरेक्टर रह चुकी हैं। डॉ. ऋतु करिधाल को 'रॉकेट वुमन ऑफ इंडिया' के नाम से भी जाना जाता है।
कल्पना कालाहस्ती चंद्रयान 3 की एसोसिएट डायरेक्टर (Who is Kalpana Kalahasti)
कल्पना कालाहस्ती चंद्रयान -3 परियोजना की एसोसिएट डायरेक्टर हैं। इससे पहले वो चंद्रयान -2 परियोजना में भी शामिल रही हैं। कल्पना कालाहस्ती चित्तूर जिले की रहने वाली हैं और उन्होंने चेन्नई में बीटेक ईसीई की शिक्षा ली है। कल्पना बचपन से ही इसरो में नौकरी करना चाहती थीं। कल्पना के पिता मद्रास उच्च न्यायालय में काम करते हैं।
मुथैया वनिता इसरो
मुथैया वनिता इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम इंजीनियर हैं। हार्डवेयर परीक्षण से लेकर चंद्रयान-2 चंद्र मिशन के परियोजना निदेशक बनने तक, उन्होंने कई अलग-अलग परियोजनाओं में काम किया है।
अनुराधा टी.के कौन हैं?
अनुराधा टी.के सेवानिवृत्त भारतीय वैज्ञानिक इसरो और विशेष संचार उपग्रहों की परियोजना निदेशक थीं। अनुराधा 1982 में अंतरिक्ष एजेंसी में शामिल हुईं और सभी उपग्रह परियोजना निदेशक बनने वाली पहली महिला थीं।
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