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अस्थमा की बीमारी में डॉक्टर इन्हेलर का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं, लेकिन इसे लेकर लोगों में ये भ्रम भी होता है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | अस्थमा की बीमारी में डॉक्टर इन्हेलर का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं, लेकिन इसे लेकर लोगों में ये भ्रम भी होता है कि इन्हेलर का ज्यादा इस्तेमाल आदती बना सकता है और ये नुकसानदेह होगा. जानिए इस बारे में एक्सपर्ट क्या कहते हैं.
इन्हेलर का इस्तेमाल आपको आदती नहीं बनाता
अस्थमा एक क्रोनिक लंग कंडीशन है. इन्हेलर को लेकर लोगों के मन में ये भ्रम रहता है कि इसका इस्तेमाल एडिक्टिव बना देगा, जबकि सच ये है कि अस्थमा एक लंबे समय तक रहने वाली बीमारी है और ये डॉक्टर की सलाह पर इन्हेलर के इस्तेमाल से ही कंट्रोल होती है. अस्थमा के मरीजों के लिए इन्हेलर लाइफलाइन की तरह काम करता है.
इन्हेलर का इस्तेमाल अस्थमा के मरीजों को राहत देता है. कई बार डॉक्टर इसका इस्तेमाल शॉर्ट टर्म के लिए करने की सलाह देते हैं, तो कुछ गंभीर मामलों में मरीजों को लंबे समय तक भी इन्हेलर लेना पड़ सकता है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ये ठीक वैसा ही है जैसे ब्लड प्रेशर, डायबिटीज की दवाइयां और आंखों की रोशनी कम होने पर चश्मा आपके लिए जरूरी होता है.
इससे बीमारी को कंट्रोल करने में मदद मिलती है
इन्हेलर को लेकर एक भ्रम ये भी है कि इसमें स्टेरॉयड्स का इस्तेमाल किया जाता है, जो आपको नुकसान पहुंचा सकता है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कई लोग स्टेरॉयड्स के हानिकारक प्रभावों को इन्हेलर के इस्तेमाल से जोड़कर देखते हैं, उन्हें लगता है कि इससे हड्डियों के कमजोर होने का खतरा हो सकता है, लेकिन इन्हेलर में स्टेरॉयड्स की मात्रा बहुत कम माइक्रोग्राम डोज में होती है. ओरल स्टेरॉयड्स में ये मात्रा ज्यादा होती है. वहीं इन्हेलर को सीधे एयरवेज में दिया जाता है और ये बॉडी में डायरेक्टली एब्जॉर्व नहीं होता. इसलिए इसके साइड इफेक्ट बहुत कम होते हैं.
ये अस्थमा को गंभीर होने से रोकता है
ऐसा मिथ भी है कि इन्हेलर का इस्तेमाल सिर्फ अस्थमा के गंभीर मामलों में ही किया जाता है, लेकिन एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ये सच नहीं है. इन्हेलर एक ऐसा मेडिकेशन है जो न सिर्फ अस्थमा के मरीजों को आराम देता है, बल्कि ये लंबे समय तक अस्थमा को कंट्रोल भी करता है. इन्हेलर का इस्तेमाल अस्थमा को गंभीर होने से रोकता है.
अस्थमा की बीमारी पूरी तरह से ठीक नहीं होती
ऐसा माना जाता है कि अस्थमा की बीमारी पूरी तरह से ठीक हो सकती है, लेकिन अस्थमा एक लॉन्ग टर्म क्रोनिक कंडीशन है और ये बीमारी पूरी तरह से कभी ठीक नहीं होती. हालांकि डॉक्टर की सलाह पर दवाइयों और इन्हेलर के इस्तेमाल से इस बीमारी को कंट्रोल कर सकते हैं और अस्थमा के मरीज पूरी तरह से नॉर्मल लाइफ जी सकते हैं. अस्थमा की वजह से पैदा हुए लक्षण समय के साथ दब जाते हैं या कम हो जाते हैं. इसके आधार पर डॉक्टर दवाइयों को कम करने या पूरी तरह से बंद करने की सलाह देते हैं, लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि अस्थमा पूरी तरह से ठीक हो जाता है.
ये स्थिति हो सकती है जानलेवा
अस्थमा के मरीज अगर लंबे समय तक बिना दवाइयों के रहते हैं और आगे चलकर उनमें गंभीर लक्षण सामने आते हैं तो उनके लिए अस्थमा अटैक जानलेवा हो सकता है. इसलिए जरूरी है कि आप डॉक्टर की सलाह पर दवाइयां लें और डॉक्टर से परामर्श के बाद ही दवाइयां बंद करें.
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