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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आजकल दिल से जुड़ी बीमारी और ब्लड प्रेशर की समस्या ज़्यादा आम हो गई हैं। ऐसे में इस समस्या को कंट्रोल करने के लिए लोग घी और रिफाइन्ड ऑयल से दूरी बनाते हैं खाना में ऑलिव ऑयल यानी ज़ैतून का तेल या सरसों के तेल का उपयोग शुरू कर देते हैं। सिर्फ यही लोग नहीं, बल्कि जो लोग वज़न घटाना चाह रहे हैं, वे भी कम से कम तेल या फिर बिना तेल के खाने को तरजीह देते हैं। लेकिन क्या सच में तेल को डाइट से पूरी तरह से निकाल देना सही है? क्या इससे सेहत को फायदे पहुंचते हैं? आइए जानें।
खाने में तेल को पूरी तरह से बंद करने से लोग थकावट और बीमार महसूस करने लगेंगे। हमारे शरीर को फैट्स की ज़रूरत होती है। हमारे दिमाग़, न्योरॉन सिस्टम, नसों और कंडक्शन सिस्टम को सही तरीके से काम करने के लिए फैट्स की ज़रूरत होती है। इसलिए सभी को संतुलित आहार लेना चाहिए, जिसमें तेल भी लेकिन कम मात्रा में।
वहीं, सभी को ट्रांस फैट्स से दूर रहना चाहिए, जो स्ट्रीट फूड्स में मिलता है क्योंकि वे एक ही तेल को बार-बार इस्तेमाल करते हैं। साथ ही ये तेल ज़्यादा आंच में गर्म किया जाता है। एक व्यक्ति के लिए दिन में 2-3 चम्मच घी, सरसों का तेल या फिर ऑलिव ऑयल लेना हेल्दी माना जाता है। आपको यह जानकर हैरानी होगी, लेकिन खाना बनाने के लिए सरसों का तेल बेस्ट होता है।
पूरी तरह तेल न खाना क्यों ग़लत है?
बिना घी/तेल का खाना खाएंगे, तो आपका वज़न कम हो जाएगा, थका हुआ और बीमार महसूस करेंगे क्योंकि आप ज़रूरी पोषक तत्वों से भी दूर हो जाएंगे, जिसकी शरीर को ज़रूरत होती है, जो फैट यानी वसा है।
खाना पकाने के लिए बेस्ट हैं ये तीन तेल
ज़ैतून का तेल
ज़ैतून यानी ऑलिव ऑयल विटामिन-ई से भरपूर होता है, जो एक एंटी-ऑक्सीडेंट है। तेल का प्राथमिक एसिड मोनोअनसैचुरेटेड वसा होता है, जिसे ओलिक एसिड भी कहा जाता है और इसमें एंटी-कैंसर और एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं। ऑलिव ऑयल में एंटी-ऑक्सीडेंट्स कम्पाउंड होता है, जिसे ओलेओकैंथल और ओलेयूरोपिन कहा जाता है। ये LDL यानी ख़राब कोलेस्ट्रोल से बचाव कर सकते हैं। ज़ैतून के तेल में स्वस्थ हृदय केलिए यौगिक होते हैं और यह मोटापा, चयापचय सिंड्रोम और टाइप-2 मधुमेह जैसी स्थितियों को रोकने में मदद करता है।
सरसों का तेल
सरसों का तेल मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड से भरपूर होता है, जो इसे हृदय स्वास्थ्य के लिए अच्छा बनाता है। इसमें एंटी-इंफ्लामेटरी गुण हैं, जो इसे खाना पकाने के लिए एक स्वस्थ विकल्प बनाते हैं। लेकिन यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हाई प्लेम पर गरम किए गए तेल का दोबारा इस्तेमाल न करें।
घी
घी एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन और स्वस्थ वसा का एक समृद्ध स्रोत है। वहीं, वसा का सेवन कम मात्रा में किया जाना चाहिए, अध्ययनों से पता चलता है कि घी जैसे वसायुक्त खाद्य पदार्थ खाने से भोजन से आवश्यक विटामिन और खनिजों को अवशोषित करने में मदद मिल सकती है। इसलिए खाना अगर घी में पकाएंगे तो आप खाने से ज़्यादा पोषण अवशोषित करेंगे।
न्यूज़ क्रेडिट: navyugsandesh
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