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विद्यार्थियों के लिए बहुत काम की हैं आचार्य चाणक्य की ये बातें
Gulabi Jagat
3 May 2022 2:09 PM GMT
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आचार्य चाणक्य की बातें
Chanakya Niti : आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों के जरिए जीवन के हर पहलू के बारे में विस्तार से जानकारी दी है। चाणक्य नीति में ऐसी कई बातें बताई गई हैं, जिनका पालन करके आप किसी भी समस्या से बाहर आ सकते हैं। इसके अलावा आचार्य चाणक्य ने विद्यार्थी जीवन के बारे में भी विस्तार से बताया है। चाणक्य नीति के अनुसार विद्यार्थी जीवन अनमोल है, इसलिए इसका महत्व समझना चाहिए। साथ ही विद्यार्थियों को अपनी शिक्षा के प्रति गंभीर रहना चाहिए। लापरवाही, बुरी संगत और आलस विद्यार्थी जीवन को सबसे अधिक क्षति पहुंचता है। चाणक्य नीति कहती है कि छात्र-छात्राओं का जीवन अनमोल होता है। विद्यार्थी जीवन का ये एक अहम पड़ाव होता है जहां एक बार गलती करने से पूरे जीवन पर असर पड़ता है। विद्यार्थी जीवन शिक्षा के प्रति समर्पित होना चाहिए, जो छात्र इस बात का ध्यान रखते हैं वे अपने लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर लेते हैं। ऐसे में चलिए आज जानते हैं चाणक्य की इन बातों को विद्यार्थियों को अवश्य जानना चाहिए....
विद्यार्थियों के लिए बहुत काम की हैं आचार्य चाणक्य की ये बातें
चाणक्य नीति के अनुसार, किसी भी कार्य को पूरा करने का एक तय समय होता है। इसलिए विद्यार्थियों को अपना प्रत्येक कार्य समय पर कर लेना चाहिए।
अनुशासन
छात्रों को ये बात अच्छे से समझना चाहिए कि विद्यार्थी जीवन में अनुशासन बहुत जरूरी होता है। जो विद्यार्थी इसको अपनाते हैं उन्हें सफलता पाने के लिए ज्यादा संघर्ष नहीं करना पड़ता है। ऐसे छात्र आसानी से अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेते हैं।
बुरी संगत से बचें
चाणक्य निति के अनुसार, छात्रों को हमेशा गलत संगत से दूर रहना चाहिए, क्योंकि गलत संगत विद्यार्थी को बर्बाद कर सकता है। इस उम्र में दोस्तों की संगत का बहुत असर पड़ता है। ऐसे में छात्रों को अच्छे और सच्चे दोस्त बनाने चाहिए।
बुरी चीजों की लत न डालें
आचार्य चाणक्य के अनुसार, विद्यार्थियों को नशा आदि से दूर रहना चाहिए। बुरी आदतें सफलता में बाधा होती हैं। साथ ही ये तन, मन और धन का नाश करती है। इसके अलावा इससे मान सम्मान में भी कमी आती है और कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
आलस का त्याग करें
चाणक्य नीति कहती है कि आलस विद्यार्थियों का सबसे बड़ा शत्रु है। ऐसे में इससे बचकर रहना चाहिए। एक बार लक्ष्य का निर्धारण कर लेने के बाद उसे पूरा करने के लिए जुट जाना चाहिए।
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