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बच्चे सबसे ज्यादा समय घर में अपने पेरेंट्स के साथ बिताते हैं
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बच्चे सबसे ज्यादा समय घर में अपने पेरेंट्स के साथ बिताते हैं और उनसे ही ज्यादातर चीजें सीखते हैं. अच्छा हो या बुरा माता-पिता उनके लिए हर चीज का उदाहरण होते हैं. पेरेंट्स बच्चों को सही बातें सिखाने में पूरी उम्र लगाते हैं लेकिन अनजाने में वो बच्चों को कुछ बुरी चीजें भी सिखा देते हैं जिसका बच्चों पर बहुत नकारात्मक असर पड़ता है. आइए जानते हैं क्या हैं वो बातें जिनका बच्चों पर मानसिक रूप से गहरा असर पड़ता है.
बहस करना (Arguments)- अगर आपका बच्चा हर दिन आपको बहस करते या फिर घर में अक्सर लड़ाई-झगड़ा करते दिखता है तो उसका व्यवहार अपने आप ही हिंसक होता जाएगा. घर में होने वाली लड़ाइयां देखकर बच्चे कहीं ना कहीं खुद को भी दोषी मानने लगते हैं. अगर पेरेंट्स आपस में किसी बात को लेकर विवाद करते भी हैं तो उसे बच्चे के सामने ही अच्छी तरह से सुलझाने की कोशिश करें. इससे बच्चे को सीख मिलती है कि लड़ाई-झगड़े के बिना भी किसी बात का शांति से बातकर के सुलझाया जा सकता है.
मारपीट करना ( Violence)- घर में होने वाली किसी भी तरह की हिंसा बच्चे की जिंदगी हमेशा के लिए खराब कर सकती है. अब्यूसिव हो या फिजिकल किसी भी तरह के हिंसा का बड़े होते बच्चों पर मानसिक रूप से गहरा असर पड़ता है. बच्चे दुर्व्यवहार करना सबसे पहले अपने पेरेंट्स से ही सीखते हैं. ऐसे बच्चों की बड़े होने पर ड्रग्स या अल्कोहल के आदी होने की संभावना ज्यादा होती है.
सख्त अनुशासन (Hard Disciplining)- माता-पिता अपने बच्चों को किस तरह अनुशासन सिखाते हैं, ये भी बच्चे के व्यवहार को बहुत प्रभावित करता है. जब पेरेंट्स बच्चे पर जबरदस्ती किसी चीज का दबाव बनाते हैं तो बच्चे के व्यवहार में बदलाव आने लगता है और वो धीरे-धीरे अपने पेरेंट्स से दूर होने लगता है. कठोर अनुशासन में बच्चे अक्सर आक्रामक हो जाते हैं और उनके दिमाग पर इसका नकारात्मक असर पड़ता है.
एंटी-सोशल होना (Being Anti-Social)- शिकागो यूनिवर्सिटी के एक रिसर्च के अनुसार, अगर आप एक सामाजिक गतिविधियों से दूर रहने वाले यानी एंटी सोशल माता-पिता हैं, तो इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि आपके बच्चे इस खराब आदत को आपसे सीखेंगे और सारी जिंदगी ऐसे ही बिताएंगे. बच्चे पेरेंट्स की ही आदतो को ही अपनाते हैं और उनके असमाजिक होने का असर भी बच्चों पर वैसे ही पड़ता है. इससे बच्चों की सोशल स्किल खराब होती है और वो किसी से मिलजुल नहीं पाते हैं.
तनाव या दबाव को संभाल ना पाना (Not Handling Stress Well)- किसी भी तरह के तनाव या मानसिक दबाव को पेरेंट्स कैसे लेते हैं ये बच्चे उनसे बखूबी सीखते हैं. अगर आप बहुत जल्दी परेशान हो जाते हैं और अक्सर तनाव में रहते हैं तो आपका बच्चा भी किसी भी तरह के प्रेशर को संभाल नहीं पाएगा. ऐसी स्थिति में वो वैसे ही व्यवहार करेगा जैसे कि वो आपको करता देखता है. गुस्से में आकर चिल्लाना, अनाप-शनाप बोलना और चीजों को तोड़ने जैसी बच्चे पेरेंट्स से ही सीखते हैं.
बच्चे भले बड़े हो जाएं लेकिन पेरेंट्स उनके लिए हमेशा परफेक्ट रोल मॉडल होते हैं. पेरेंट्स के लिए जरूरी है कि वो बच्चों के लिए हमेशा अच्छा उदाहरण पेश करें. आपकी कुछ गलत आदतें बच्चे की जिंदगी हमेशा के लिए खराब कर सकती हैं. अपने बच्चों में अच्छी आदते डालें और बेहतर पेरेंट्स बनने की कोशिश करें।
Kajal Dubey
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