लाइफ स्टाइल

बच्चों में दिख रहे ये लक्षण हाथ, पैर और मुंह की बीमारी के लक्षण हो सकते हैं

Bhumika Sahu
3 Aug 2022 11:52 AM GMT
बच्चों में दिख रहे ये लक्षण हाथ, पैर और मुंह की बीमारी के लक्षण हो सकते हैं
x
पैर और मुंह की बीमारी के लक्षण हो सकते हैं

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हाल ही में टीवी एक्ट्रेस चारू आसोपा ने ये जानकारी शेयर की है कि, उनकी बेटी को हैंड, फुट एंड माउथ बीमारी है. आपको बतादें कि, यह एक ऐसा रोग है जो आमतौर पर मासूम बच्चों को ही अपना शिकार बनाता है. इस रोग में छोटे बच्चों के चेहरे, हाथ, पैर यहां तक कि गले में भी छाले हो जाते हैं. जो काफी दर्द भरा हो सकता है. अपने छोटे बच्चों को इस रोग से बचाने के लिए क्या-क्या उपाय हो सकते हैं या यह रोग कैसे फैलने से बचाया जा सकता है. इस आर्टिकल में आज हम आपको इसके बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं. तो आर्टिकल को अंत तक जरूरत पढ़िएगा.

क्या होता है हैंड, फुट एंड माउथ रोग
एक्सपर्ट्स की मानें तो यह रोग छोटे बच्चों को ही अपना शिकार बनाता है. हैंड, फुट एंड माउथ एक ऐसा इन्फेक्शन होता है. जिसमें बच्चों को बुखार के साथ-साथ पैरों और पंजो के साथ पूरे शरीर पर छाले पड़ जाते हैं. यह लाल कलर के दाने जैसे होते हैं. जो दिखने में तो बेहद साधारण नजर आते हैं, लेकिन ये उतने ही दर्दनाक होते हैं. यह रोग गंभीर नहीं होता है, लेकिन बच्चों के लिए दर्दनाक बहुत होता है. एक्ट्रेस चारू आसोपा की 9 साल की बेटी इस रोग से पीड़ित है और वह बताती हैं कि, वह काफी चिड़चिड़ी रहती है. गले में छाले हो जाने की वजह से इस रोग में बच्चे को खाना-पीना भी नहीं निगल पाते हैं.
ये हैं लक्षण
इस रोग के लक्षण बहुत ही आम होते हैं. यही कारण है कि, ज्यादातर लोगों को बच्चों में इस बीमारी का पता भी नहीं चल पाता है. यह बीमारी 10 साल तक के छोटे बच्चों को अपना शिकार बनाती है. हालांकि उतनी गंभीर नहीं है, लेकिन बच्चों के लिए दर्दनाक बहुत है. इस रोग में हाथ पैरों के साथ गले में भी छाले पड़ जाते हैं. जबकि शरीर पर भी लाल रंग के दाने नजर आते हैं.
बुखार और दर्द, गले में दिक्कत, दर्दनाक छाले, भूख ना लगना, चिड़चिड़ापन, कमजोरी और थकावट ये सभी इस रोग के लक्षण हैं. अगर आपको भी अपने बच्चों में इनमें से कोई भी लक्षण नजर आता है. तो आप चिकित्सक की सलाह लें.
कैसे फैलती है ये बीमारी?
एक्सपर्ट्स के अनुसार यह बीमारी बच्चों में थूक, बलगम, छालों के डिस्चार्ज से, मल, खांसने या छींकने से, खाना शेयर करने से, गले लगाने या फिर चूमने से या दूषित जगहों को छू लेने से होती है.
क्या है उपचार?
बतादें कि ये एक ऐसी बीमारी है. जिसके लिए ना तो अभी तक कोई वैक्सीन बनी है, ना ही इसका कोई इलाज है. इसीलिए बेहतर यही होता है कि, अपने बच्चों को 1 हफ्ते या 10 दिन का समय दें. इस दौरान दर्द से राहत के लिए आप चिकित्सक की सलाह ले सकते हैं. चिकित्सक उन्हें दर्द से आराम के लिए कुछ दवाई दे सकते हैं. साथ ही खाने में उन्हें दही, छाछ, आइसक्रीम जैसी ठंडी चीजें दें, लेकिन इसमें भी सोड़ा वाली कोल्ड्रिंक को देने से बचें.


Next Story