लाइफ स्टाइल

ये लक्षण देते है टीबी के संकेत

Apurva Srivastav
24 March 2023 1:08 PM GMT
ये लक्षण देते है टीबी के संकेत
x
ट्यूबरक्‍लॉसिस (तपेदिक/टीबी) ऐसा रोग है जो शरीर के किसी भी
ट्यूबरक्‍लॉसिस (तपेदिक/टीबी) ऐसा रोग है जो शरीर के किसी भी अंग को प्रभावित कर सकता है, लेकिन आमतौर पर यह फेफड़ों, लिंफ ग्‍लैंड्स, हडि्डयों, पेट, मस्तिष्‍क और जेनाइटो-यूरिनरी सिस्‍टम को सबसे ज्‍यादा प्रभावित करता है। टीबी से फेफड़े सबसे ज्‍यादा प्रभावित होते हैं और यह संक्रमण मुख्‍य रूप से एक संक्रमित व्‍यक्ति से दूसरे को फैलता है।
ट्यूबरक्‍लॉसिस के सामान्‍य लक्षणों में लंबे समय तक बना रहने वाला बुखार, जो आमतौर पर शाम को शुरू होता है, भूख की कमी, वज़न गिरना, कमज़ोरी महसूस होना और रात में पसीना आना शामिल हैं। फेफड़ों के ट्यूबरक्‍लॉसिस में लंबे समय तक खांसी, बलगम के साथ खून, सांस लेने में तकलीफ और फेफड़े में दर्द हो सकता है।
दूसरे अंगों में टीबी होने के लक्षण क्या हैं?
गुरुग्राम के फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्‍टीट्यूट में पल्‍मोनोलॉजी डायरेक्‍टर, डॉ. मनोज गोयल ने बताया कि टीबी फेफड़ों के अलावा दूसरे अंगों में हो जाए तो उसके क्या लक्षण होते हैं।
लिंफ नोड ट्यूबरक्‍लॉसिस होने पर गर्दन के ग्‍लैंड्स आकार में बढ़ जाते हैं और उनमें सूजन आती है, जिनमें मवाद भर सकता है और ये फट सकते हैं जिनसे लंबे समय तक पस बहता है।
बोन ट्यूबरक्‍लॉसिस आमतौर पर स्‍पाइन को प्रभावित करती है जिसकी वजह से दर्द, विकृति और फ्रैक्‍चर तथा हाथ-पैरों में कमजोरी महसूस होती है।
पेट में तपेदिक रोग होने पर पेट में दर्द, पेट में फ्लूड के जमाव की वजह से पेट में भारीपन का अहसास प्रमुख रूप से बना रहता है।
ब्रेन ट्यूबरक्‍लॉसिस (मस्तिष्‍क में तपेदिक रोग) की वजह से सिर में तेज़ दर्द, दौरे पड़ने, बेहोशी छाने, उल्टियां, लकवा, दृष्टिदोष और शारीरिक संतुलन खोने जैसी समस्‍याएं सामने आ सकती हैं।
हमारे देश में महिलाओं और पुरुषों दोनों में ही बांझपन का सबसे आम कारण तपेदिक है। इसके अलावा, कई बार महिलाएं पेट के निचले भाग में लगातार दर्द, एमेनोरिया, मासिक धर्म के दौरान अत्‍यधिक रक्‍तस्राव और दुर्गंधयुक्‍त डिस्‍चार्ज की शिकायत भी करती हैं।
टीबी के चेतावनी के संकेत क्या हैं?
टीबी के इन चेतावनी के संकेतों को नजरअंदाज न करें
दो हफ्ते या उससे ज्यादा दिनों तक लगातार खांसी होना: अगर खांसी लगातार 15-20 दिनों तक रहती है, तो आगे टीबी के लिए जांच करवानी चाहिए।
खांसने पर खून या बलगम आना: यह भी टीबी का एक और खतरनाक संकेत है। इससे संकेत का दिखने का मतलब है कि आपके फेफड़े इस जानलेवा बीमारी से इन्फेक्ट हो चुके हैं।
कमजोरी: एक आप बिना वजह कई दिनों तक खांसी और बुखार के साथ कमजोरी महसूस करते रहते हैं। तो यह ट्यूबरक्लोसिस का संकेत भी हो सकता है।
थकावट: ऊर्जा की कमी और भयानक थकावट भी इसी बीमारी का लक्षण है।
वजन कम हो जाना: अचानक काफी वजन गिर जाना भी इस बीमारी के संकेत हो सकते हैं।
भूख न लगना: टीबी के मरीजों की भूख खत्म हो जाती है और कई घंटे कुछ न खाने पर भी उनका खाना खाने का दिल नहीं चाहता।
बुखार रहना: टीबी के मरीजों को अक्सर रात के समय बुखार आता है। अगर आप भी इस तरह के संकेतों का अनुभव कर रहे हैं, तो बिना देर किये डॉक्टर को दिखाएं।
रात में पसीना आना: टीबी के कई लक्षणों के बीच लोगों को इस एक लक्षण पर खास ध्यान देना चाहिए।
सांस लेने में तकलीफ: श्वसन से जुड़ी कई बीमारियों में सांस लेने में दिक्कत आना एक आम संकेत होता है। क्योंकि टीबी भी आमतौर पर फेफड़ों को ही प्रभावित करती है, इस लक्षण का दिखने का मतलब है कि आपके फेफड़ों की सेहत खराब हो रही है।
टीबी का उपचार क्या है?
डॉ. मनोज गोयल ने कहा कि ट्यूबरक्‍लॉसिस के निदान और उपचार की सुविधा डॉट्स (DOTS) सेंटर्स पर व्‍यापक रूप से मुफ्त उपलब्‍ध है। सरकार भी ट्यूबरक्‍लॉसिस के मरीज़ों को इंसेन्‍टव्‍स प्रदान करती है इसलिए यह जरूरी है हम इस रोग से प्रभावित होने पर किसी भी लक्षण की अनदेखी न करें और न ही उन्‍हें छिपाने की कोशिश करें। इसके उलट तत्‍काल जांच करवाएं और रोग की पुष्टि होने पर जल्‍द से जल्‍द इलाज शुरू करें। टीबी का पूरी तरह से इलाज संभव है और टीबी उन्‍मूलन भी मुमकिन है, लेकिन ऐसा सिर्फ सामुदायिक स्‍तर पर सभी की भागीदारी होने पर भी हो सकता है।
Next Story