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ये मसाले बचा सकते हैं इलाज के लाखों का खर्च, जरूर करे इस्तेमाल
हमारे घरों में मसालों के रूप में रोजाना कई ऐसी औषधियों को प्रयोग में लाया जाता है, जो सेहत के लिए गजब के फायदों से भरपूर होती हैं। कुछ औषधियों को हम प्रभावी घरेलू उपचार के तौर पर भी जानते हैं। आयुर्वेद के साथ-साथ मेडिकल साइंस ने भी इनके सेवन से शरीर को होने वाले स्वास्थ्य लाभ के बारे में बताया है। शोधकर्ताओं ने पाया कि कुछ मसालों में प्रभावशाली एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-ऑक्सीडेंट जैसे गुण होते हैं जो शरीर को गंभीर बीमारियों के जोखिम से बचाने में मदद कर सकते हैं। कोरोना के दौर में इन्हीं मसालों का काढ़ा बनाकर सेवन किया जाता था।
आयुर्वेद शास्त्रों में जिक्र मिलता है कि भारतीय मसालों में सेहत का खजाना होता है। कुछ मसालों को कोलेस्ट्रॉल से लेकर ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने तक में लाभकारी पाया गया है, ऐसे में अगर इनके सेवन की आदत बना ली जाए तो बीमारियों से बचाव करके इनपर खर्च होने वाले लाखों रुपये को बचाया जा सकता है।
डायबिटीज में दालचीनी के लाभ
दालचीनी में कई प्रकार के प्रभावी गुण होते हैं जो शरीर को विशेष लाभ दे सकते हैं, विशेषतौर पर इससे डायबिटीज में लाभ देखा गया है। अध्ययनों में पाया गया है कि दालचीनी इंसुलिन के प्रति संवेदनशीलता में सुधार कर सकती। डायबिटीज की स्थिति के कारण शरीर में इंसुलिन प्रतिरोध की समस्या हो सकती है, जिसके कारण रक्त शर्करा का स्तर बढ़ने लगता है। इंसुलिन संवेदनशीलता बढ़ाकर, दालचीनी रक्त शर्करा के स्तर को कम कर सकती है जिससे डायबिटीज की जटिलताओं का खतरा भी कम होता है।
एंटीबैक्टीरियल गुणों के लिए मशहूर है लौंग
लौंग में रोगाणुरोधी गुण पाए गए हैं, जिसका अर्थ है कि ये बैक्टीरिया जैसे सूक्ष्मजीवों के विकास और इसके संक्रमण को रोकने में मदद करता है। एक टेस्ट-ट्यूब अध्ययन से पता चला है कि लौंग के तेल में तीन सामान्य प्रकार के जीवाणुओं को मारने की क्षमता होतीहै जिसमें ई. कोलाई भी शामिल है, जो फूड पॉइजनिंग का कारण बनती है। लौंग के जीवाणुरोधी गुण ओरल हेल्थ को बढ़ावा देने और दांत के दर्द को कम करने में भी लाभकारी हैं।
काली मिर्च से कोलेस्ट्रॉल रहता है कंट्रोल
हाई कोलेस्ट्रॉल को हृदय रोग के बढ़ते जोखिमों के प्रमुख कारणों में से एक माना जाता है, इसे नियंत्रित करने में काली मिर्च के सेवन से लाभ हो सकता है। जानवरों पर किए गए अध्ययन में पाया गया कि काली मिर्च का अर्क कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में सहायक है। काली मिर्च के अर्क से एलडीएल (बैड) कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित किया जा सकता है। इसके अलावा काली मिर्च के औषधीय गुण इसे गले के संक्रमण को ठीक करने में भी कारगर बनाते हैं।
जीरा पाचन अंगों के लिए फायदेमंद
जीरा का सेवन या जीरा का पानी पीना आपके पाचन तंत्र को गजब का बूस्ट दे सकता है। अध्ययन में इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम के कारण होने वाले पेट में ऐंठन, मतली और सूजन को ठीक करने में जीरा को लाभकारी पाया है। जीरा के पानी का सेवन करना पाचन को ठीक रखने के साथ कब्ज, पेट दर्द को कम करने और लिवर को साफ करने में आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।