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प्रेग्नेंसी के समय इन स्किनकेयर इनग्रेडिएंट से मां और बच्चे को हाता है नुकसान

Tara Tandi
11 July 2021 6:46 AM GMT
प्रेग्नेंसी के समय इन स्किनकेयर इनग्रेडिएंट से मां और बच्चे को हाता है नुकसान
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प्रेग्नेंसी के नौ महीने हर महिला के जीवन में सबसे खूबसूरत होते हैं।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | प्रेग्नेंसी के नौ महीने हर महिला के जीवन में सबसे खूबसूरत होते हैं। हालांकि इस दौरान महिलाओं में कई सारे बदलाव देखने को मिलते हैं। फिर चाहें वो शारीरिक हो या फिर मानसिक, महिलाएं सारे बदलावों से गुजरती हैं। इस दौरान कुछ बड़े हार्मोनल परिवर्तन होता है, जिससे स्किन से जुड़ी परेशानियां होती है। इन दिनों में चेहरे पर खुजली, मुंहासे जैसी समस्या होती है। जिसके लिए आपको अच्छे स्किन केयर की जरूरत होती है। हालांकि इस दौरान कुछ इंग्रेडिएंट वाले ब्यूटी प्रोड्क्ट को इस्तेमाल न करने की सलाह दी जाती है। तो चलिए जानते हैं क्या है वो इनग्रेडिएंट।

रेटिनोइड्स
आइसोट्रेटिनॉइन एक विटामिन ए व्युत्पन्न् है, जो ओरल और टॉपिकल दोनों रूप में मिलता है। बहुत ज्यादा पिंपल्स की समस्या में इसका इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन प्रेग्नेंसी के दौरान इसके इस्तेमाल से बच्चा मानसिक तौर पर या फिर दिल और हड्डियों में असामान्यताओं के साथ पैदा होता है। जब तक आप बच्चे को जन्म और दूध नहीं पिलाती है, तब तक रेटिनोइड्स का इस्तेमाल न करें।
सैलिसिलिक एसिड
प्रेग्नेंसी के दौरान ज्यादा मात्रा में इस्तेमाल किए गए सैलिसिलिक एसिड से बनी ओरल या छिलके का उपयोग बच्चे के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। इसका इस्तेमाल क्लीन्जर, बॉडी वॉश, सीरम,लोशनऔ र मुंहासे के स्पॉट ट्रिटमेंट में किया जाता है।
हाइड्रोक्विनोन
इसका इस्तेमाल स्किन में पिगमेंटेशन को कम करने और स्किन को लाइट करने के लिए किया जाता है, जो मेलास्मा और क्लोस्मा से होता है। इसको प्रेग्नेंसी के दौरान इस्तेमाल में लाया जाता है। हालांकि शरीर डाइड्रोक्विनोन को अबसॉर्ब कर सकता है,जिससे साइड इफेक्ट होने के चांस बढ़ जाते हैं। इसलिए प्रेग्नेंसी के दौरान इसका इस्तेमाल कम करना चाहिए या फिर इसके इस्तेमाल से बचना चाहिए।

केमिकल सनस्क्रीन

बाजार में कई तरह की केमिकल सनस्क्रीन मौजूद हैं, जिनमें ऑक्सीबेनजोम और इसके डेरिवेटिव होते हैं। ये सनस्क्रीन में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए जाने वाले अल्ट्रावायलेट यानी की यूवी फिल्टर हैं। ऑक्सीबेनजोन, एंडोक्राइन डिसरप्टिंग केमिकल होता है, जिससे प्रेग्नेंसी के दौरान हार्मोन बाधित हो सकते हैं। जिससे मां और बच्चे दोनों को नुकसान पहुंचता है।

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