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ब्लड शुगर बढ़ने के लिए ये कारण भी हो सकते हैं जिम्मेदार, अक्सर इनपर नहीं दिया जाता ध्यान

डायबिटीज, वैश्विक रूप से बढ़ती गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जिसका खतरा पिछले एक दशक में तेजी से बढ़ता हुआ देखा गया है। रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने की यह समस्या अनियंत्रित स्थितियों में कई अंगों के लिए गंभीर क्षति का कारण भी हो सकती है। ब्लड शुगर का लगातार बढ़ा रहना आंखों से लेकर किडनी, हृदय और पाचन अंगों के लिए मुश्किलें बढ़ा सकता है। यही कारण है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी उम्र के लोगों को इस गंभीर स्वास्थ्य समस्या के जोखिम को कम करने वाले उपाय करते रहने की सलाह देते हैं। डायबिटीज के बढ़ते जोखिम के बारे में लोगों को जागरूक करने और इससे बचाव के उपायों के बारे में शिक्षित करने के उद्देश्य से हर साल 14 नवंबर को विश्व मधुमेह दिवस के रूप में मनाया जाता है।
डायबिटीज की समस्या के लिए आमतौर पर लाइफस्टाइल और आहार में गड़बड़ी को प्रमुख कारण माना जाता रहा है। क्या-खाना है क्या नहीं अक्सर इसपर तो हम सभी ध्यान दे लेते हैं पर ब्लड शुगर बढ़ाने वाले कुछ अन्य कारकों पर चर्चा नहीं की जाती है।
सुबह का नाश्ता न करना
सुबह के नाश्ते को दिन का सबसे महत्वपूर्ण भोजन माना जाता है। नाश्ता स्किप करने से ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, जिन लोगों को डायबिटीज की समस्या है उन्हें 2-3 घंटे में कुछ न कुछ खाते रहना चाहिए। रात में 6-8 घंटे पेट खाली रहने के बाद सुबह का नाश्ता भी न करना ब्लड शुगर के लेवल को तेजी से बढ़ाने का कारण बन सकता है। डायबिटीज को कंट्रोल में रखने के लिए इस बात का जरूर ख्याल रखें।
डिहाइड्रेशन के कारण बढ़ सकता है खतरा
दिनभर कम पानी पीना डायबिटीज रोगियों के लिए समस्याकारक हो सकता है, यह आत शुगर लेवल को बढ़ा देती है। हल्के से मध्यम स्तर का डिहाइड्रेशन (विशेषकर गर्म वातावरण में) आपके रक्त शर्करा को 50 से 100 मिलीग्राम तक बढ़ा सकता है। इसके अलावा डिहाइड्रेशन की समस्या किडनी और लिवर की जटिलताओं का भी कारण बनती है, इसका खतरा डायबिटीज रोगियों में स्वाभाविक तौर पर बढ़ जाता है।
तनाव की स्थिति है नुकसानदायक
अक्सर तनाव बना रहना भी डायबिटीज रोगियों के लिए समस्याकारक माना जाता है। तनाव को नियंत्रित न कर पाने की स्थिति में ब्लड शुगर का लेवल बढ़ सकता है। यह मधुमेह की अन्य जटिलताओं के जोखिम को भी बढ़ा देती है। तनाव की स्थिति में रिलीज होने वाले हार्मोन, शरीर के सामान्य कामकाज को भी प्रभावित कर देते हैं, जिसके कारण बेहतर तरीके से ब्लड शुगर को नियंत्रित कर पाना काफी कठिन हो जाता है।