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आज भी काम आता है ये पेरेंटिंग टिप्‍स, पेरेंट्स को मिलेंगे काफी मदद

Kunti Dhruw
20 July 2021 11:09 AM GMT
आज भी काम आता है ये पेरेंटिंग टिप्‍स, पेरेंट्स को मिलेंगे काफी मदद
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अब बच्‍चों की परवरिश करने के तौर-तरीके काफी बदल गए हैं।

अब बच्‍चों की परवरिश करने के तौर-तरीके काफी बदल गए हैं। अब पेरेंटिंग के अलग-अलग तरीकों को हेलिकॉप्‍टर पेरेंटिंग से लेकर पांडा पेरेंट्स का नाम दे दिया गया है। आज भले ही पेरेंट्स बच्‍चें की परवरिश के पुराने तौर-तरीकों को आउटडेटिड और बच्‍चों को बिगाड़ने का जरिया मानने लगे हों, लेकिन फिर भी कुछ पेरेंटिंग के तरीके ऐसे हैं जो आज भी कारगर साबित होते हैं।

​फैमिली के साथ खाना
काम और अपनी-अपनी जिंदगी में बिजी रहने की वजह से हम परिवार के साथ बैठकर खाना भूल गए हैं। अब परिवार के सदस्‍य अपने-अपने कमरे में अलग-अलग खाते हैं जो कि हेल्‍दी नहीं है।
पूरे परिवार को कम से कम दिन में एक बार तो एक साथ बैठकर खाना चाहिए। अब कोरोना के दौर में तो ये काम और भी आसान हो गया है।
​फेलियर को समझना
रिजेक्‍ट होना और फेलियर, बच्‍चे को स्‍ट्रेस में डाल सकता है। ऐसे में बच्‍चे खुद की काबिलियत पर ही शक करने लग सकते हैं। लेकिन पेरेंट्स होने के नाते आप क्‍या करते हैं?
हम बच्‍चों को सुरक्षित रखने और मुश्किलों से बचाने की कोशिश करते हैं। अगर बच्‍चे विपरीत परिस्‍थति आने पर उसके मुताबिक खुद को नहीं ढाल पाएंगे, तो इससे उनका भविष्‍य खराब हो सकता है। इसलिए अपने बच्‍चे को फेल होने दें और खुद अपनी गलतियों से सीखने दें।
​घर से बाहर खेलना
पहले के बच्‍चे अपने दोस्‍तों के साथ गली में क्रिकेट खेला करते थे और कई तरह के आउटडोर गेम्‍स पॉपुलर थे। लेकिन अब के बच्‍चे घर में सोफे पर पसरकर अपने फोन या टैबलेट में घुसे रहते हैं।
इसका बुरा असर न सिर्फ बच्‍चों की सेहत पर पड़ रहा है बल्कि बहुत कम उम्र में ही उनकी आंखें भी खराब हो रही हैं। बच्‍चों को घर से बाहर खेलने जाने दें क्‍योंकि इससे बच्‍चों का शरीर भी एक्टिव रहता है और उन्‍हें बाहर की ताजी हवा भी मिलती है।
​बेडटाइम रूटीन
रात को जल्‍दी सोए, तो सुबह जल्‍दी उठ पाते हैं। इससे शरीर और दिमाग दोनों स्‍वस्‍थ रहते हैं। बच्‍चों के लिए भी सही बेडटाइम रूटीन बहुत जरूरी है। इससे न सिर्फ बच्‍चे पूरा दिन एक्टिव रहते हैं बल्कि पर्याप्‍त नींद भी ले पाते हैं। वहीं पूरी नींद न ले पाने पर बच्‍चों की एकाग्रता में कमी आती है और मोटापे का खतरा बढ़ सकता है।
​बदतमीजी की नहीं है कोई जगह
बड़ों को उल्‍टा जवाब देना और उनका अनादर करना, ये कुछ ऐसी आदतें हैं जिन्‍हें बिलकुल भी बर्दाश्‍त नहीं करना चाहिए। अपने बच्‍चे को बड़ों से प्‍यार से और इज्‍जत से बात करना सिखाएं।
​हर डिमांड पूरी करनी नहीं है जरूरी
बच्‍चे तो दिन में सौ तरह की डिमांड करते हैं और इन सब को पूरा कर के आप अपने बच्‍चे की आदतों को बिगाड़ रहे हैं। इस मामले में आपको थोड़ी समझदारी दिखानी होगी और बेमतलब की डिमांड को पूरा करने से मना करना होगा। बच्‍चों को ये समझना होगा कि उनकी हर डिमांड पूरी नहीं हो सकती है।
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