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नेब्युलाइजर से जुड़े ये मिथ्स हैं बेहद झूठ

SANTOSI TANDI
30 Sep 2023 11:01 AM GMT
नेब्युलाइजर से जुड़े ये मिथ्स हैं बेहद झूठ
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मिथ्स हैं बेहद झूठ
कई बार बीमार होने पर डॉक्टर रोगी को नेब्युलाइजर का इस्तेमाल करने की सलाह देता है। किसी तरह की सांस की समस्या को दूर करने में नेब्युलाइजर काफी उपयोगी होते हैं। यही कारण है कि अक्सर जिन लोगों को अस्थमा होता है, उनके लिए दवाइयों से ज्यादा नेब्युलाइजर का इस्तेमाल करना अधिक प्रभावशाली हो सकता है।
आज के समय में नेब्युलाइजर को लेकर लोगों को बहुत अधिक जागरुक बनाने की कोशिश जारी है। लेकिन इसके बावजूद भी लोग अभी तक कई तरह के भ्रम या मिथ्स को ही सच मानते हैं। वास्तव में नेब्युलाइजर की मदद से दवाओं को आसानी से सांस के माध्यम से श्वसन प्रणाली में पहुंचाया जा सकता है।
इसलिए, ये अधिक बेहतर तरीके से काम करते हैं। इस बात को जानने के बाद भी कुछ लोग नेब्युलाइजर को लेकर कुछ झूठ को ही सच मानते हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपकेा नेब्युलाइजर से जुड़े कुछ मिथ्स और उनकी सच्चाई के बारे में बता रहे हैं-
मिथ 1- नेब्युलाइजेशन के लिए दवा की हाई डोज चाहिए होती है
सच्चाई- बहुत से लोग यह मानते हैं कि नेब्युलाइजेशन के लिए दवा की हाई डोज चाहिए होती है। ऐसा शायद उन्हें इसलिए भी लगता है क्योंकि नेब्युलाइजर का इस्तेमाल करते समय आपको थोड़ा अतिरिक्त समय खर्च करना पड़ता है। जबकि वास्तव में ऐसा नहीं है।
नेबुलाइजर वास्तव में लिक्विड मेडिसिन को मिस्ट या एरोसोल के रूप में परिवर्तित कर देता है ताकि इसे सांस के जरिए इसे सीधे फेफड़ों तक पहुंचाया जा सके।
चूंकि दवा सीधे फेफड़ों में पहुंचती है, इसलिए आपको अपेक्षाकृत कम खुराक की जरूरत होती है। वास्तव में नेबुलाइज्ड दवाओं की खुराक ओरल दवाओं की तुलना में 10 से 20 गुना कम होती है।
मिथ 2- नेब्युलाइजेशन का असर होने में अधिक समय लगता है
सच्चाई- कुछ लोगों का यह भी मानना होता है कि गोलियों या लिक्विड दवाओं की तुलना में नेब्युलाइजेशन का असर होने में अधिक समय लगता है। जबकि यह भी पूरी तरह से एक मिथ है। (लेटकर मेडिटेशन करने का तरीका जानिए)
चूंकि नेब्युलाइजेशन के दौरान दवा सीधे शरीर के रोगग्रस्त या प्रभावित एरिया में पहुंचाई जाती है, तो यह अपेक्षाकृत जल्दी असर करती है। वास्तव में यह किसी भी सिरप या टैबलेट की तुलना काफी कम समय में अपना असर दिखाती है।
मिथ 3- नेब्युलाइजेशन का उपयोग केवल अस्थमा से पीड़ित लोग ही कर सकते हैं
सच्चाई- यह सच है कि अस्थमा से पीड़ित लोगों को नेब्युलाइजर का इस्तेमाल करके काफी लाभ मिलता है, लेकिन नेब्युलाइज़ेशन का उपयोग केवल अस्थमा रोगियों के लिए नहीं है। इसका उपयोग ब्रोंकाइटिस, अस्थमा, सीओपीडी, सिस्टिक फाइब्रोसिस और ब्रोन्किइक्टेसिस सहित कई सांस से जुड़ी समस्याओं में जल्दी राहत प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है।
यह शिशुओं, छोटे बच्चों और बुजुर्ग व्यक्तियों में विशेष रूप से फायदेमंद हो सकता है। हालांकि, नेब्युलाइजेशन का उपयोग केवल डॉक्टर की सलाह पर ही किया जाना चाहिए। (कुर्सी पर बैठकर ऐसे करें एक्सरसाइज)
मिथ 4- बच्चे को सोते समय ही नेब्युलाइजेशन दिया जाना चाहिए।
सच्चाई- अक्सर पैरेंट्स सोते समय बच्चे को नेब्युलाइजर देते हैं ताकि वह आराम से इसे ले सके। लेकिन ऐसा कोई जरूरी नहीं है। वास्तव में नेब्युलाइजेशन एक अपराइट पोजिशन में बैठकर किया जाना चाहिए। आप या तो अपने बच्चे को अपनी बाहों में सीधा पकड़ सकते हैं या उसे कुर्सी पर बैठा सकते हैं।
यह स्थिति सांस लेने में कठिनाई को कम करने में मदद करती है और लंग्स के एक्सपेंशन में मददगार होती है। ऐेस में दवा की अधिकतम मात्रा एयर वे और फेफड़ों तक पहुंचती है।
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