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जिस मोटे अनाज को कुछ दशक पहले तक गरीबों का आहार माना जाता था आज विज्ञान ने उस अनाज को सेहत का खजाना मान लिया है. मुताबिक मोटे अनाज में फ्री रेडिकल्स को भगाने की क्षमता है जो कई बीमारियों से लड़ने में मदद करता है. फ्री रेडिकल्स जब शरीर में नहीं होगा तो शरीर की इम्यूनिटी कैंसर को भी शरीर में घुसने नहीं देगी. यही कारण है आजकल मोटे अनाज को सुपरफूड माने जाने लगा है. कुछ मोटे अनाज गर्मियों में पेट को ठंडा पहुंचाता है, वहीं लाइफस्टाइल से संबंधित कई बीमारियों को बेअसर करता है. आज ज्वार, बाजरा, जौ, रागी जैसे मोटे अनाजों को बेहद ऊंची कीमत पर बेचा जा रहा है. वर्ष 2023 को तो संयुक्त राष्ट्र संघ ने अन्तर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष घोषित कर दिया गया है. यानी यह वर्ष अन्तर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है. फिलहाल मिलेट वर्ग के अनाजों में बाजरा, रागी, कुटकी, संवा, ज्वार, कंगनी, चेना और कोदो को शामिल किया गया है. लेकिन कई और मोटे अनाज भी मिलेट ही है. मोटे अनाज को गर्मी में सेवन करने से शरीर में तापमान का संतुलन बना रहता है.
1.रागी-मेडिकल न्यूजटूडे के मुताबिक रागी की तासीर ठंडी होती है. रागी में पोलिफिनॉल फोटोकेमिकल और डाइट्री फाइबर होता है जो बीमारियों से लड़ने में मददगार होता है. लाल दानेदार यह मोटा अनाज कैल्शियम से लबालब भरा होता है. रिसर्च में यह साबित हो चुका है कि रागी एंटी-डायबेटिक, एंटी-ट्यूमरजेनिक होता है.
2. ज्वार -ज्वार आज सुपरफूड है. ज्वार की तासीर ठंडी होती है, इसलिए यह पेट को ठंडा रखता है. ज्वार में विटमिन बी कॉम्प्लेक्स बहुत अधिक मात्रा में होता है. वेबएमडी के मुताबिक बाजरा में फेनोलिक एसिड पाया जाता है. इसके अलावा इसमें कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो एंटी-इंफ्लामेटरी और एंटी-कैंसर गुण से भरपूर होते हैं. ज्वार के नियमित सेवन से वजन को कम किया जा सकता है. ज्वारा ब्लड शुगर को कंट्रोल करता ह
3.बाजरा-बाजरा भी मिलेट में ही आता है. बाजरा पोषक तत्वों का खजाना होता है. इसमें भरपूर मात्रा में कैल्शियम, प्रोटीन, आयरन, फाइबर, मैग्नीशियम, थियामिन, नियासिन, राइबोफ्लोबिन, कई तरह के विटामिंस और मिनिरल्स एक साथ पाए जाते हैं. मेडीकवर हॉस्पीटल वेबसाइट के मुताबिक बाजरे के सेवन से डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है और हार्ट के हेल्थ को मजबूत किया जा सकता है.
4.जौ -आयुर्वेद में पहले से ही जौ के गुणों का बखान है. खासकर जौ के पानी का विशेष महत्व है. जौ शरीर को ठंडा रखता है. जौ में बहुत अधिक मात्रा में फाइबर पाया जाता है. जौ में कई तरह के विटामिंस और मिनरल्स भी होता है. जौ का ग्लाइसेमिक इंडेक्ट बहुत कम होता है. इसलिए यह डायबिटीज के मरीजों के लिए भी बहुत फायदेमंद है
5.चना -फिलहाल डब्ल्यूएचओ ने चने को मिलेट में शामिल नहीं किया है लेकिन यह भी मोटा अनाज है. चना पोषक तत्वों का खजाना होता है. चने में सबसे अधिक प्रोटीन पाया जाता है, इसलिए एक्सपर्ट चने के आटे को अन्य आटे में मिक्स कर खाने की सलाह देते हैं. चने की तासीर ठंडी होती है. यह पेट को ठंडा रखता है. चना कोलेस्ट्रऑल और ट्राईग्लिसेराइड्स को कम करता है.
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Apurva Srivastav
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