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तेनकासी की ये चार जगहें हैं बेहद खूबसूरत, देखें आप भी
SANTOSI TANDI
13 Jun 2023 1:39 PM GMT
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तेनकासी की ये चार जगहें
तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले में स्थित तेनकासी जिले का दूसरा सबसे बड़ा शहर है और मदुरै-कोल्लम रोड पर स्थित है। यह एक बेहद ही खूबसूरत शहर है, जो अपने झरनों और मंदिरों के लिए विशेष रूप से जाना जाता है। इस स्थान का प्राकृतिक और आध्यात्मिकता के करीब होने के कारण अक्सर ही लोग तेनकासी में घूमना काफी पसंद करते हैं।
अगर आप शहरी भीड़-भाड़ से दूर कुछ वक्त शांति के बिताना चाहते हैं तो ऐसे में तमिलनाडु का तेनकासी शहर यकीनन एक बेहतरीन स्थान साबित हो सकता है। विशेष रूप से, यह अपने कुट्रालम फॉल्स और काशी विश्वनाथर मंदिर के लिए सबसे ज्यादा पहचाना जाता है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसी ही जगहों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें आपको तेनकासी घूमते हुए अवश्य देखना चाहिए-
कुट्रालम वॉटरफॉल
यह तेनकासी में घूमने की सबसे बेहतरीन जगहों में से एक है। कुट्रालम वॉटरफॉल को साउथ इंडिया का स्पा भी कहा जाता है। इस जगह पर कुल नौ झरने हैं, जिनमें से एक पुराना वॉटरफॉल (भारत के सबसे खूबसूरत और बड़े वॉटरफॉल्स) है, जिसे पझाया कोर्टालम भी कहा जाता है। ऊपरी और निचले झरनों के बीच एक मानव निर्मित पूल भी है, जहां पर आप स्विमिंग का लुत्फ उठा सकते हैं। यह एक ऐसी जगह है, जहां पर हर उम्र के लोग आना और मस्ती करना पसंद करते हैं।
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काशी विश्वनाथर मंदिर (Kasi Viswanathar Temple)
पराक्रमा पांडियन द्वारा द्रविड़ शैली में निर्मित काशी विश्वनाथर मंदिर में अधिकतर लोग दर्शन करने के लिए आते हैं। स्थानीय लोग ही नहीं, बल्कि पर्यटक भी यहां पर आना पसंद करते हैं। इसे उलगम्मन मंदिर के रूप में भी जाना जाता है, जो काशी विश्वनाथर को समर्पित है। बता दें कि ये भगवान शिव के स्वयंभू रूप हैं, जिनकी पत्नी उलगम्मन है। मान्यताओं के अनुसार, इस मंदिर में पूजा काशी के मुख्य मंदिर के बराबर होती है। इसलिए इस स्थान का धार्मिक महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है।
थिरुमलाई कोविल
थिरुमलाई कोविल पनपोली में स्थित एक मुरुगन मंदिर है। यह तेनकासी से 14 किमी दूर है। पश्चिमी घाट से लगी एक छोटी पहाड़ी पर स्थित मंदिर (विदेश के प्रसिद्ध मंदिर) केरल की सीमा पर है। इस मंदिर में मुख्य देवता मुरुगन की मूर्ति है। थिरुमलाई मुरुगन या थिरुमलाई कुमारस्वामी स्थानीय देवता के दो नाम हैं। भगवान मुरुगा ने ऋषि अगस्त्यर को इस स्थान का भ्रमण कराया था। इस मंदिर में दो प्रवेश द्वार हैं। मुख्य गर्भगृह के प्रवेश द्वार पर गणेश जी की एक छोटी मूर्ति है। मंदिर की वर्तमान संरचना मुख्य रूप से पंद्रहवीं शताब्दी से पहले की है। पूरे मंदिर में 18वीं सदी के कुछ शिलालेख देखे जा सकते हैं।
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शिवशैलम मंदिर
शिवशैलम मंदिर में भगवान शिवशैलनाथर और देवी पार्वती को समर्पित है। इस विशाल मंदिर में कई मंडपम और नक्काशीदार स्तंभ हैं। मुख्य गोपुरम में पांच मंजिलें हैं। विशाल नंदी की प्रतिमा बस देखते ही बनती है। ऐसी मान्यता है कि नंदी को इतनी कुशलता से तैयार किया गया था कि वह जीवित हो गया और उड़ने लगा। इस मंदिर के अन्य देवता भगवान शिव, विनायक, मुरुगन, दक्षिणा मूर्ति और नटराजर हैं। प्राथमिक मंदिर के बगल में एक दूसरा मंदिर है जो देवी परमकल्याणी को समर्पित है।
तो अब आप जब भी तेनकासी जाएं, इन जगहों को अवश्य देखें। साथ ही, अपने एक्सपीरियंस हमारे साथ जरूर शेयर करें। इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय भी आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। साथ ही, अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
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