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बच्‍चे के 'दिमाग को खराब' कर सकते हैं ये फूड्स, जानें इसके नुकसान

Deepa Sahu
18 March 2021 2:39 PM GMT
बच्‍चे के दिमाग को खराब कर सकते हैं ये फूड्स, जानें इसके नुकसान
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बच्‍चे के 'दिमाग को खराब

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: छोटी उम्र में ही बच्‍चों के दिमाग का विकास होता है। याद्दाश्‍त और मस्तिष्‍क के विकास पर ही बच्‍चे का आगे का पूरा भविष्‍य टिका होता है। बच्‍चे के शरीर को मजबूत करने के लिए पौष्टिक वीजों की जरूरत होती है लेकिन उसके बौद्धिक विकास के लिए भी सही आहार चाहिए होता है। गलत चीजें खाने से बच्‍चे की याद्दाश्‍त पर असर पड़ सकता है और उसकी ब्रेन पॉवर भी कमजोर हो सकती है।

पैकेटबंद चिप्‍स
बच्‍चों के दिमाग के लिए पैकेटबंद चिप्‍स, पैक्‍ड पिज्‍जा और बर्गर एवं एमएसजी युक्‍त 2 मिनट नूडल्‍स हानिकारक होती हैं। बच्‍चों के खाने में पैकेटबंद और प्रोसेस्‍ड फूड शामिल करने से मूड स्विंग्‍स और बिहेवरियल बदलावों के साथ सिरदर्द और हाइपरएक्‍टिविटी का संबंध होता है।
बच्‍चे को बिहेवरियर से संबंधी समस्‍याएं होने पर, उसे ध्‍यान लगाने और बौद्धिक क्षमता में दिक्‍कत आती है। जितना हो सके बच्‍चे को ताजा खाना और साबुत अनाज खिलाएं।
​ज्‍यादा रंग-बिरंगी चीजें
पैकेटबंद जैली, मल्‍टीकलर कैंडी और पाउडर शुगर बच्‍चों के दिमागी विकास के लिए सही नहीं होती है। बच्‍चों को मार्केट में मिलने वाली रंग-बिरंगी और चमकीली खाने की चीजें पसंद आती हैं।
हालांकि, इनकी वजह से कॉग्‍नीटिव समस्‍याएं हो सकती हैं जिसमें अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिस्‍ऑर्डर हो सकता है। इसके साथ ही बच्‍चे में एंग्‍जायटी, हाइपरएक्टिविटी और सिरदर्द की शिकायत हो सकती है।
​कैफीनयुक्‍त फूड और ड्रिंक्‍स
चॉकलेट, चाय और कॉफी में प्राकृतिक रूप से कैफीन पाया जाता है। एरेटिड ड्रिंक्‍स में भी कैफीन होता है। अधिक मात्रा में इनका सेवन बच्‍चों के लिए ही नहीं बल्कि वयस्‍कों के लिए भी हानिकारक होता है।
बच्‍चों को एक दिन में 45 मि.ग्रा से अधिक कैफीन का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अधिक सेवन के कारण बेचैनी, नींद कम आने, हाइपरएक्टिविटी, सिरदर्द या पेट दर्द की शिकायत हो सकती है। ये सभी चीजें संपूर्ण स्‍वास्‍थ्‍य और मानसिक विकास के लिए हानिकारक होता है।
​जिनमें ज्‍यादा शुगर हो
दिमाग के विकास को बाधिक करने और नुकसान पहुंचाने वाली चीजों में सबसे खराब शुगर ही होती है। हाई शुगर वाली चीजें बच्‍चों को बहुत पसंद आती हैं लेकिन इसका बच्‍चे की सेहत पर बुरा असर पड़ता है। आइस्‍क्रीम, केक या कैंड में हाई शुगर होती है। इनके अधिक सेवन से बच्‍चे को बेचैनी हो सकती है और उसे अपना काम करने में भी दिक्‍कत हो सकती है। इससे पेट दर्द और इम्‍यूनिटी कमजोर होने की भी दिक्‍कत हो सकती है।
​फ्राइज
रेडिमेड क्रेक फ्रोस्टिंग, टॉर्टिला चिप्‍स, फ्राइज और फ्रोजन पिज्‍जा क्रस्‍ट भी बच्‍चे के दिमागी और बौद्धिक विकास के लिए खतरनाक होता है। इनमें ट्रांस फैट ज्‍यादा होता है जो कि याद्दाश्‍त पर बुरा असर डालता है।
बच्‍चे के मस्तिष्‍क में इससे सूजन बढ़ सकती है और सेरोटोनिन नामक केमिकल का उत्‍पादन भी बढ़ सकता है जिससे डिप्रेशन हो सकता है। इस तरह के फूड्स शरीर में बैड कोलेस्‍ट्रॉल के लेवल को भी बढ़ाते हैं और ह्रदय रोगों को जोखिम बढ़ता है।


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