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लाइफ स्टाइल
ये पांच पहाड़ी तड़के आपने खाने को बनाएंगे और भी स्वादिष्ट
SANTOSI TANDI
4 Sep 2023 9:50 AM GMT
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बनाएंगे और भी स्वादिष्ट
मैं जब पहली बार अपने घर से बाहर आई थी, तो बड़ा ताज्जुब हुआ था लोगों को चने और आलू को बनाते देख। मेरे घर में कभी चने और आलू को एक साथ नहीं बनाया गया। इसी तरह अन्य कई डिशेज थी, जो मेरे यहां अलग बनती थीं और बाहर अलग। मुझे यकीन है ऐसा आपने भी देखा होगा। भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में मसाले, तड़के और खाना बनाने के तरीके में काफी अंतर है।
आज इसी तरह हम आपको भारत के उत्तराखंड राज्य की ओर लेकर जा रहे हैं। यहां के पहाड़ी इलाके कुमाऊं और गढ़वाल क्षेत्र में भी खाने का स्वाद एकदम अलग और अद्भुत होता है। इस क्षेत्र में कई मसाले हाथ से तैयार किए जाते हैं। नमक घर पर पीसकर इस्तेमाल किया जाता है, जिसे खाने में उपयोग किया जाता है।
अगर आप भी एक तरह का खाना खाकर बोर हो गए हैं, तो आप एक बार इन स्वाद बढ़ाने वाले मसालों का उपयोग जरूर करें। खाने में इन मसालों और तड़के खुशबू से ही आपकी भूख और बढ़ जाएगी।
1. पिस्यू लूण
लूण यानी नमक, जिसे पहाड़ी इलाके में लोग घर पर तैयार करते हैं। यह एक फ्लेवर वाला नमक होता है, जिसे पराठे, सब्जियों, सलाद और फलों के साथ खाया जाता है। पिस्यू लूण का मतलब होता है पीसा हुआ नमक। लहसुन, नमक, हरी मिर्च, हींग और हरा धनिया पीसा जाता है और तब यह नमक तैयार होता है। इस मसाले को पराठे में डालकर खा सकते हैं। सलाद और फलों में ऊपर से डालकर मिक्स करके खा सकते हैं।
2. जखिया
जखिया पहाड़ी जीरा होता है। यह राई की तरह दिखता है, लेकिन इसका स्वाद काफी अलग होता है। इसका टेक्सचर क्रंची होता है। इसे तड़का लगाने के लिए भी उपयोग किया जाता है और पहाड़ी खाने में जीरे की जगह इसी का उपयोग किया जाता है। आप भी कभी किसी सब्जी को बनाते वक्त जीरे की जगह इसे डालकर देखें। खाने का स्वाद दोगुना न हो, तो कहना!
3. जम्बू
जम्बू एक तरह की जड़ी बूटी है, जो उत्तराखंड के पहाड़ी इलाके में पाई जाती है। यह एक स्ट्रॉन्ग फ्लेवर वाला मसाला है, जिसका इस्तेमाल तड़के में किया जाता है। इसे भी पिस्यू लूण की तरह उपयोग में लाया जा सकता है। पहाड़ों में सब्जी या दाल बनाते हुए इसी मसाले का इस्तेमाल किया जाता है। इतना ही नहीं, इसे नमक, मिर्च और हल्दी के साथ कूटकर एक ड्राई मसाला बनाते हैं, जिसे तड़के के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। कई पहाड़ी दुकानों में यह आसानी से उपलब्ध होता है। आप भी इस मसाले को तड़का लगाने में उपयोग कर सकते हैं।
4. भांग की चटनी
नाम सुनकर आपके भी कान खड़े हो गए न? इससे तो नशा होता है फिर इसे कैसे खा सकते हैं? आपको बता दें कि पहाड़ी क्षेत्रों में भांग की चटनी बहुत ज्यादा लोकप्रिय है। पकौड़े और स्नैक्स के साथ इसे सर्व किया जाता है। इसे भांग की पत्तियों से नहीं बल्कि बीजों से बनाया जाता है और यह बच्चों को भी दी जाती है। इन्हें काफी न्यूट्रिशियस माना जाता है और इसलिए कई रेसिपीज में भी उनका उपयोग किया जाता है। इसके लिए भांग के बीज, हरा धनिया, हरी मिर्च, अदरक, लहसुन, नमक को पीसा जाता है। ऊपर से नींबू का रस डालकर इसे तैयार किया जाता है। आप इसे ऐसे ही सर्व कर सकते हैं या फिर इसमें घी और सूखी लाल मिर्च का तड़का भी लगा सकते हैं। इसे आप दाल-चावल या पराठे के साथ टेस्ट करके देखें। आपके मुंह से भी वाह! जरूर निकलेगा।
5. पहाड़ी चाट मसाला
बाजार वाला चाट मसाला छोड़कर एक बार इसे भी ट्राई करके देखें। यह खट्टा और चटपटा मसाला आपको भी अच्छा लगेगा। बाजार के बने मसाले से यह एकदम अलग होता है। इसे बनाने के लिए सूखा कच्चा आम, पुदीना, हरी मिर्च, नमक, लहसुन और हरा प्याज के पत्ते को ग्राइंड कर लें। इससे एक दरदरा मसाला तैयार करें और इसे स्टोर कर लें। बस आपका पहाड़ी चाट मसाला (चाट मसाला बनाने की रेसिपी) तैयार है। आप इसे खीरे के रायते में डालकर खा सकते हैं। सलाद या फलों के ऊपर स्प्रिंकल कर सकते हैं। स्नैक्स के ऊपर भी इसे छिड़का जा सकता है। वहीं इसे चटनी के रूप में तैयार करके सर्व किया जा सकता है।
अब बताइए, क्या आपने इन पहाड़ी मसालों के बारे में सुना था? नहीं न... इनका स्वाद भी बहुत अच्छा और स्वादिष्ट होता है। आप भी इन्हें एक बार ट्राई करके जरूर देखें। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा, तो इसे लाइक और शेयर करें। ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।
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