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स्वस्थ रहने के लिए शरीर के हर अंग का बेहतर तरीके से काम करना बेहद जरूरी होता है। जहां तक बात लिवर की है तो यह शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालनने और फैट को फैटी एसिड में तोड़ने में मदद करता है, जिससे डाइजेशन में काफी मदद मिलती है।
लेकिन कभी-कभी लोग फैटी लिवर की समस्या से परेशान होते हैं। यह एक ऐसी सिचुएशन होती है, जिसमें लिवर में फैट बिल्डअप हो जाता है। यह सेहत के लिए काफी नुकसानदायक है और इससे आपको अन्य कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम्स का सामना करना पड़ सकता है।
लेकिन क्या आपको पता है कि फैटी लिवर के रिस्क को बढ़ाने में आपकी ईटिंग हैबिट्स भी जिम्मेदार हो सकती हैं। लिवर और डाइजेशन सिस्टम का आपस में गहरा कनेक्शन है, इसलिए जब आपकी ईटिंग हैबिट्स सही नहीं होती है तो इससे आपके डाइजेशन के साथ-साथ लिवर पर भी असर पड़ता है और फैटी लिवर का रिस्क कई गुना बढ़ जाता है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसी ही ईटिंग हैबिट्स के बारे में बता रहे हैं-
मील्स को स्किप करना
कई बार लोग अपने मील्स को स्किप कर देते हैं। कभी-कभी काम के चक्कर में या फिर कुछ वजहों से मील स्किप करना बहुत अधिक नुकसानदायक नहीं होता है। लेकिन अगर आपके खाने का कोई पैटर्न नहीं है।
मसलन, आप बहुत देर तक कुछ खाते नहीं है या फिर अक्सर मील्स स्किप करते हैं तो इससे आपके मेटाबॉलिज्म पर नेगेटिव असर पड़ता है। इतना ही नहीं, इससे आपके लिवर में भी फैट स्टोरेज बढ़ सकता है।
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पर्याप्त प्रोटीन ना लेना
प्रोटीन शरीर के लिए कई मायनों में बेहद अहम् है। लेकिन अगर आप अपनी डाइट में अपने शरीर की जरूरत के अनुसार पर्याप्त प्रोटीन नहीं लेते हैं तो इससे आपकी मसल्स पर बुरा असर पड़ता है। इतना ही नहीं, इससे लिवर में फैट जमा होने लगता है।
इसलिए, आपको अपनी डाइट में पोल्ट्री, मछली और फलियां आदि जरूर शामिल करने चाहिए।
बहुत अधिक फास्ट फूड खाना
बच्चों से लेकर बड़ों तक हर किसी को फास्ट फूड खाना काफी अच्छा लगता है। लेकिन इसमें अनहेल्दी फैट्स से लेकर शुगर व कैलोरी बहुत अधिक होती हैं। इसलिए, जो लोग बहुत अधिक फास्ट फूड खाते हैं, उन्हें ना केवल मोटापे की समस्या का सामना करना पड़ता है, बल्कि फैटी लिवर का रिस्क भी कई गुना बढ़ जाता है।
पैकेज्ड फूड खाना
फास्ट फूड की ही तरह अगर आपको बहुत अधिक तला-भुना या फिर पैकेज्ड फूड खाना काफी अच्छा लगता है तो इससे फैटी लिवर का रिस्क काफी बढ़ जाता है। मॉडर्न लाइफस्टाइल में लोग रेडी टू ईट या फिर पैकेज्ड फूड खाना अधिक पसंद करते हैं, क्योंकि इन्हें बनाने में बिल्कुल भी मेहनत नहीं करनी पड़ती है। इस तरह के फूड्स समय के साथ फैटी लिवर का कारण बन सकते हैं।
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Manish Sahu
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