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लेप्टोस्पायरोसिस के खतरे को कम करने के ये प्रभावी तरीके है

Teja
2 Aug 2023 6:47 PM GMT
लेप्टोस्पायरोसिस के खतरे को कम करने के ये प्रभावी तरीके है
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मानसून : मानसून में भारी बारिश के कारण कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। मानसून में अक्सर सड़कों पर पानी भर जाता है और ऐसे में इन गंदी सड़कों पर चलने से आप कई तरह की बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं। इसलिए, यह जरूरी है कि इस मौसम में न केवल अतिरिक्त सावधानी बरती जाए, बल्कि लोगों को भी जागरुक किया जाए, जिससे वे स्वयं को सुरक्षित रख सकें। Savlon Swasth India Mission का मानना है कि जागरूकता और स्वच्छता के जरिए ही एक स्वस्थ और मजबूत भारत का निर्माण किया जा सकता है। मानसून के दौरान पानी से जुड़ी कई तरह की बीमारियां फैलने का खतरा काफी बढ़ जाता है। ऐसे में उन्हें तुरंत पहचानना और इलाज करना जरूरी है। मानसून के दौरान, कीचड़ व पानी के भरे गड्ढों से बचना संभव नहीं है। इतना ही नहीं, इस मौसम में सीवेज के गंदे पानी के संपर्क में आने की संभावना भी बढ़ जाती है। इसलिए, इस मौसम में खुद को सुरक्षित रखने के लिए कुछ जरूरी कदम अवश्य उठाने चाहिए। सुनिश्चित करें कि आप लंबी पैंट और जूते पहनें और चोट लगने पर वॉटरप्रूफ बैंडेज का ही इस्तेमाल करें। इसके अलावा, पानी में एंटीसेप्टिक मिलाकर पैरों और हाथों को अच्छी तरह से धोएं, ताकि किसी भी तरह के संक्रमण का खतरा टल सके।मानसून में अक्सर सड़कों पर पानी भर जाता है और ऐसे में इन गंदी सड़कों पर चलने से आप कई तरह की बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं। इसलिए, यह जरूरी है कि इस मौसम में न केवल अतिरिक्त सावधानी बरती जाए, बल्कि लोगों को भी जागरुक किया जाए, जिससे वे स्वयं को सुरक्षित रख सकें। Savlon Swasth India Mission का मानना है कि जागरूकता और स्वच्छता के जरिए ही एक स्वस्थ और मजबूत भारत का निर्माण किया जा सकता है। मानसून के दौरान पानी से जुड़ी कई तरह की बीमारियां फैलने का खतरा काफी बढ़ जाता है। ऐसे में उन्हें तुरंत पहचानना और इलाज करना जरूरी है। मानसून के दौरान, कीचड़ व पानी के भरे गड्ढों से बचना संभव नहीं है। इतना ही नहीं, इस मौसम में सीवेज के गंदे पानी के संपर्क में आने की संभावना भी बढ़ जाती है। इसलिए, इस मौसम में खुद को सुरक्षित रखने के लिए कुछ जरूरी कदम अवश्य उठाने चाहिए। सुनिश्चित करें कि आप लंबी पैंट और जूते पहनें और चोट लगने पर वॉटरप्रूफ बैंडेज का ही इस्तेमाल करें। इसके अलावा, पानी में एंटीसेप्टिक मिलाकर पैरों और हाथों को अच्छी तरह से धोएं, ताकि किसी भी तरह के संक्रमण का खतरा टल सके।

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