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PCOS से छुटकारा दिला सकते हैं ये 5 योगासन, रोजाना 10 मिनट करें

SANTOSI TANDI
2 Aug 2023 9:15 AM GMT
PCOS से छुटकारा दिला सकते हैं ये 5 योगासन, रोजाना 10 मिनट करें
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योगासन, रोजाना 10 मिनट करें
पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम महिलाओं की ओवरी से जुड़ी समस्या है। इसकी वजह से महिलाओं के शरीर में हार्मोन असुंतलन होता है। ऐसे में महिलाओं के शरीर में फीमेल की जगह मेल हार्मोन (एण्ड्रोजन) का लेवल बढ़ने लगता है।
पीसीओएस होने पर ओवरीज में कई सिस्ट बनने लगते हैं। ये सिस्‍ट छोटी-छोटी थैली के आकार के होते हैं, जिसमें लिक्विड भरा होता है। धीरे-धीरे ये सिस्‍ट बड़े होकर ओव्यूलेशन प्रोसेस में रुकावट डालते हैं।
ओव्यूलेशन प्रोसेस न होने की वजह से ही पीसीओएस से परेशान महिलाओं में कंसीव करने की संभावना कम रहती है। पीसीओएस होने पर महिलाओं में टाइप-2 डायबिटीज होने की संभावना भी बढ़ जाती है। इसके अलावा, इससे मुंहासे, चेहरे पर बाल, वजन का बढ़ना, पेल्विक में दर्द और डिप्रेशन जैसी समस्‍याएं भी होने लगती हैं।
लेकिन आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है, क्‍योंकि आप योगासनों की मदद से पीसीओएस के लक्षणों से राहत पा सकते हैं। इनकी जानकारी हमें हेल्थ और वेलनेस कोच महक खन्ना दे रही हैं।
एक्‍सपर्ट का कहना है, ''क्या आप जानते हैं कि पीसीओएस को कंट्रोल करने के लिए ली जाने वाली दवाओं से मतली, पेट दर्द जैसी स्‍वास्‍थ्‍य से जुड़ी समस्‍याएं हो सकती हैं? दूसरी ओर, योगासन के कोई साइड इफेक्‍ट्स नहीं है। इसलिए पीसीओडी से परेशान महिलाओं को इसे कंट्रोल करने के लिए रूटीन में योगासन को शामिल करना चाहिए।''
आगे उन्‍होंने बताया, ''आप सोच रहे होंगे! क्या पीसीओएस को योगासन से ठीक किया जा सकता है? तो हम आपको बता दें कि योगासन पीसीओएस के लक्षणों को मैनेज और ठीक करने का बहुत अच्‍छा तरीका है। हालांकि, यह 100% ठीक होने की गारंटी नहीं देता है।''
योगासन कैसे मदद करते हैं?
महिलाओं के शरीर में टेस्टोस्टेरोन का लेवल कम करते हैं।
तनावमुक्त करने वाले हार्मोन को एक्टिव करते हैं और शरीर को रिलैक्‍स करते हैं।
चिंता कम करने वाला सबसे अच्‍छा उपाय है।
दर्द को कम करके स्वास्थ्य संबंधी समस्‍याओं को ठीक करते हैं।
ब्‍लड सर्कुलेशन में सुधार और ब्‍लड शुगर लेवल (पीसीओडी से परेशान महिलाओं में इसका लेवल हाई होता है) को बैलेंस करने में मदद करते हैं।
मेटाबॉलिज्‍म को बढ़ाकर और वजन को कंट्रोल करके शरीर में कैलोरी जलाने में मदद करते हैं। पीसीओएस का एक अहम कारण वजन बढ़ना भी है।
आपकी प्रजनन क्षमता में सुधार करते हैं और ब्रेन में ब्‍लड की आपूर्ति को बढ़ाते हैं, जिससे हार्मोनल संतुलन में मदद मिलती है।
पेट के निचले हिस्‍से के अंगों जैसे ओवरीज और यूट्रस को मजबूत करते हैं और ब्‍लड फ्लो को बढ़ाते हैं।
चक्‍की चालन आसन
यह यूट्रस की मसल्‍स को मजबूत करता है।
पीठ का सीधा करके बैठ जाएं।
दोनों पैरों को सामने की ओर फैलाएं।
दोनों पैरों के बीच में गैप रखें।
दोनों हाथों को सामने की ओर लाएं और आपस में मिलाएं।
अब दोनों हाथों को चक्की के तरह पहले क्लॉकवाइज और फिर एंटी क्लॉकवाइज में घुमाएं।
यदि आप प्रेग्‍नेंट हैं, लो ब्‍लडप्रेशर से परेशान है या स्लिप डिस्क के कारण आपके पीठ के निचले हिस्से में दर्द रहता है, तो इस आसन को करने से बचें।
शलभासन
इसके लिए पेट के बल लेट जाएं।
दोनों पैरों के बीच में थोड़ी दूरी बनाएं।
फिर गहरी सांस लेते हुए सिर को उठाने की कोशिश करें।
अब अपने हाथों व पैरों को भी जमीन से उठाएं।
इस पोजिशन में आपका पेट जमीन से स्‍पर्श करता हुआ और अपर व लोअर बॉडी जमीन से ऊपर हवा में होने चाहिए।
कुछ देर तक इसी अवस्था में रहें।
फिर वापिस रिलैक्स पोजिशन में आ जाएं।
दिल की बीमारी, हाई बीपी, अल्‍सर और हर्निया से परेशान लोगों को इसे करने से बचना चाहिए।
नावासन
इसे करने के लिए दंडासन में बैठ जाएं।
हल्‍‍के हाथों से जमीन को प्रेस करते हुए और सांसों को अंदर लेते हुए रीढ़ को लंबा करने की कोशिश करें।
फिर सांस छोड़ते हुए दोनों पैरों को तकरीबन 60 डिग्री तक एक साथ ऊपर उठाएं।
सांस अंदर लेते हिप्‍स के जोड़ों से पीछे की ओर झुकें।
अब दोनों हाथों को उठाकर घुटनों के करीब लेकर आएं।
पांच बार सांसों को अंदर लें और बाहर छोड़ें ताकि आप आसन में 30 से 60 सेकेंड तक रह सकें।
जानु शीर्षासन
योग मैट पर पीठ को सीधा करके सुखासन में बैठ जाएं।
बाएं पैर को बाहर की ओर फैलाएं।
दाएं घुटने को अंदर की ओर मोड़ें।
दाएं पैर के तलवे को बाईं जांघ के अंदरूनी हिस्से में रखें।
दाएं पैर और घुटने को फर्श पर आराम से दबाएं।
इस समय चेस्‍ट और नाभि बाएं पैर के साथ होनी चाहिए।
सांस लें और सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें।
फिर दोनों हाथों से पैर की एड़ी को पकड़ लें।
इस पोजीशन में कुछ देर रहें।
गहरी और धीमी सांसें लेते और छोड़ते रहें।
इस आसन को दाएं पैर से करें।
भुजंगासन
पेट के बल लेट जाएं।
हाथों को सिर के दोनों तरफ रखें और माथे को जमीन पर रखें।
पैरों के बीच में थोड़ी दूरी रखें।
हथेलियों को कंधों के बराबर लाएं।
फिर गहरी सांस अंदर लेते हुए हाथों से जमीन की ओर दबाव डालते हुए, शरीर के ऊपरी हिस्‍से को उठाने की कोशिश करें।
आपको सबसे पहले सिर, फिर चेस्‍ट और आखिर में नाभि वाले हिस्से को ऊपर उठाना है।
फिर ऊपर की ओर देखें।
इस पोजीशन में कुछ देर रहें।
अब धीरे-धीरे सांसों को छोड़ते हुए पहली पोजिशन में आ जाएं।
आप भी इन योगासनों को करके पीसीओएस के लक्षणों से छुटकारा पा सकते हैं। लेकिन, रिजल्‍ट देखने के लिए आपको कम से कम 1 महीने तक रोजाना योगासन करना होगा।
अगर आपको भी योग से जुड़ी जानकारी चाहिए, तो हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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