लाइफ स्टाइल

कमजोर किडनी की निशानी है ये 5 संकेत

Manish Sahu
20 July 2023 6:53 PM GMT
कमजोर किडनी की निशानी है ये 5 संकेत
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लाइफस्टाइल: हमारे शरीर में दो किडनी होती हैं. किडनी मुख्य रूप से शरीर के लिए छन्नी का काम करती है जो शरीर में बने जहरीले पदार्थों को पेशाब के रास्ते बाहर निकाल देती है. अगर दोनों किडनी काम करना बंद कर दें तो इंसान 24 घंटे भी जीवित नहीं रह सकता है. इसलिए किडनी को बचाना बहुत जरूरी है. किडनी खून को फिल्टर या छानने का काम करती है. इस फिल्टरेशन के माध्यम से खून में मौजूद टॉक्सिन को छान लिया जाता है शरीर से बाहर निकाल दिया जाता है. शरीर में जितना खून है, वह सभी एक दिन में कम से कम 40 बार किडनी से होकर गुजरता है. अगर किडनी पूरी तरह से काम कर दें शरीर के विभिन्न हिस्सों में वेस्ट मैटेरियल जमा होने लगेगा जो शरीर को धीरे-धीरे जहर से भर देगा और जीवन को जोखिम में डाल देगा. किडनी अपनी सफाई खुद कर लेती है लेकिन आजकल जिस तरह का खान-पान हो गया, उसमें हर चीज में केमिकल मिला होता है. ऐसे में किडनी पर इस केमिकल को निकालने का अतिरिक्त दबाव रहता है. इसलिए किडनी समय से पहले कमजोर होने लगती है. अच्छी बात यह है कि किडनी कमजोर होने से पहले कई संकेत देती है ताकि समय रहते इंसान सतर्क हो जाए.
किडनी के कमजोर होने के संकेत
1. पेशाब में गड़बड़ी –मायो क्लिनिक के मुताबिक किडनी के कमजोर होने का सबसे पहला संकेत पेशाब में ही दिखता है. किडनी खराब होने पर पेशाब की मात्रा, रंग और टेक्सचर में परिवर्तन होने लगता है. यानी या तो कम होता है या पहले से बहुत ज्यादा होता है. इसी तरह पेशाब का रंग भी बदल लगता है. पेशाब से स्मैल भी आने लगती है. किडनी पर लोड ज्यादा आने पर पेशाब में प्रोटीन ज्यादा आने लगता है, इस कारण पेशाब में झाग आने लगता है.
3. भूख कम लगना-हालांकि कई बीमारियों में भूख कम लगती है लेकिन अगर पेशाब में दिक्कत के साथ भूख कम लगती है तो यह किडनी के कमजोर होने के संकेत है. अगर किडनी वेस्ट प्रोडक्ट को निकालना कम कर देगी तो ये वेस्ट प्रोडक्ट शरीर के अंदरुनी हिस्सों में जमा होने लगेगा. इससे जी मितलाने लगता है, उल्टी होने लगती है, भूख कम लगती, वजन कम हो जाता है. पेट में दर्द भी करने लगता है.
3. पैरों में सूजन- चूंकि किडनी का काम खून का छानना है और खून से टॉक्सिन को निकाल कर बाहर करना है. इसलिए जब किडनी कमजोर होती है तो खून पर भी असर होता है. इसमें हीमोग्लोबिन का बैलेंस बिगड़ जाता है. इससे पैरों में सूजन होने लगती है. यह सूजन चेहरे पर आंखों के नीचे भी दिखने लगती है.
4. हाई ब्लड प्रेशर-अगर किडनी कमजोर होने लगे और यह बहुत ज्यादा खराब हो जाए तो हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी हो जाती है. किडनी की बीमारी की स्थिति में हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है. इसलिए यदि किडनी से संबंधित परेशानी है तो हाई बीपी को नजरअंदाज न करें. तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
5. छाती में दर्द-किडनी की परेशानी जब बढ़ जाए और किडनी खून को सही से छान न पाता हो तो यह हार्ट की लाइनिंग के पास जमा होने लगता है जिससे छाती में दर्द भी करने लगता है.
6. सांस फूलना – जब सांस फूलने लगे तो हमेशा यह नहीं समझना चाहिए कि यह दमा या फेफड़े की बीमारी है. किडनी खराब होने की स्थिति में भी सांस फूल सकता है. दरअसल, खून में असंतुलन के कारण लंग्स में वेस्ट मैटेरियल जमा होने लगता है जिससे फेफड़े में सूजन होने लगती है और सांस फूलने लगता है.
7. ध्यान केंद्रित नहीं कर पाना-खून जब उपर दिमाग में पहुंचने लगे तो ध्यान केंद्रित करना मुश्किल होने लगता है. इसमें दिमाग में वेस्ट मैटेरियल जमा होने लगता है इससे एकाग्रता में कमी होने लगती है. कभी-कभी अचानक बेहोशी भी हो सकती है.
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