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लाइफ स्टाइल
प्रेगनेंसी के दौरान ये 5 समस्याएं हो सकती हैं खतरे की घंटी, जल्द ही जान ले विशेषज्ञ की राय
Tulsi Rao
6 Sep 2021 3:33 PM GMT
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गर्भावस्था के समय महिला को तमाम तरह की परेशानी होती है, लेकिन हर परेशानी को सामान्य समझकर टाला नहीं जा सकता. कुछ समस्याएं बच्चे के लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं. इसलिए समय रहते खतरे के संकेत को समझकर विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। गर्भावस्था का समय एक महिला के लिए काफी कठिनाइयों भरा होता है. लेकिन ये समय महिला के लिए एक ऐसी खुशी और अहसास लेकर आता है, जिसको देखकर महिला अपनी हर परेशानी को हंसकर भुला देती है. लेकिन इस पीरियड में हर समस्या को सामान्य मानकर टाला नहीं जा सकता. कुछ समस्याएं न सिर्फ महिला के लिए मुश्किलें बढ़ाती हैं, बल्कि उसके होने वाले बच्चे के जीवन को भी संकट में डाल सकती हैं.
इसलिए इनके संकेतों को समय रहते समझना बहुत जरूरी है, ताकि वक्त रहते विशेषज्ञ से संपर्क किया जा सके और किसी भी नुकसान से बचा जा सके. यहां जानिए ऐसे 5 संकेत जिनको देखकर महिला को अलर्ट हो जाना चाहिए और अपने विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए.
बहुत ज्यादा उल्टी होना
प्रेगनेंसी के दौरान उल्टी होना आम परेशानी है, इसलिए महिलाएं इसे देखकर बहुत गंभीरता से नहीं लेतीं. लेकिन अगर आपको उल्टी हद से ज्यादा हो रही है, तो आपको विशेषज्ञ को इसके बारे में जरूर बताना चाहिए क्योंकि इससे आपको डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है. डिहाइड्रेशन की वजह से मां और बच्चे दोनों को परेशानी हो सकती है.
फ्लू
अमेरिका की सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक यदि कोई गर्भवती महिला इन्फ्लुएंजा फ्लू का टीका नहीं लगवाती और गर्भावस्था के दौरान फ्लू से ग्रसित हो जाती है, तो वो अपने साथ गर्भ में पल रहे शिशु के लिए भी खतरा बढ़ाती है. गर्भावस्था के शुरुआती महीनों में फ्लू होने से बच्चे में जन्म दोष हो सकता है. इसलिए गर्भावस्था के शुरुआती महीनों में ही फ़्लू का टीका लगवाएं और फौरन इसका इलाज करवाएं.
ब्लीडिंग होना
गर्भावस्था के बाद भी पीरियड्स हो रहे हैं, तो इसे सामान्य मानकर टालें नहीं. इस अवस्था को एक्टोपिक प्रेग्नेंसी कहा जाता है. इसमें फर्टिलाइज एग गर्भाशय तक पहुंच ही नहीं पाता और रास्ते में ही फंस जाता है. ऐसे में मिसकैरेज की आशंका भी बढ़ जाती है.
बच्चे की गतिविधि महसूस न होना
दूसरी तिमाही से अक्सर महिलाओं को बच्चे की एक्टिविटीज महसूस होने लगती हैं. अगर आपको बच्चे की गतिविधियां कम महसूस हो रही हों, तो इसके बारे में विशेषज्ञ को फौरन बताना चाहिए. आमतौर पर दो घंटों में बच्चे का कम से कम दस बार किक मारना सामान्य माना जाता है.
तेज बुखार, सिरदर्द या पेटदर्द
गर्भावस्था के दौरान तेज बुखार, तेज सिरदर्द या तेज पेटदर्द, तीनों ही समस्याएं बच्चे के लिए परेशानी को बढ़ा सकती हैं. ऐसे में जरा भी रिस्क न लें. डॉक्टर से संपर्क करें, साथ ही अपना बीपी चेक करवाएं.
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