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लाइफस्टाइल की ये 10 गलत आदतें बना सकती हैं आपको डायबिटीज का मरीज!

SANTOSI TANDI
15 Aug 2023 1:50 PM GMT
लाइफस्टाइल की ये 10 गलत आदतें बना सकती हैं आपको डायबिटीज का मरीज!
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आपको डायबिटीज का मरीज!
मधुमेह आज भारत में एक आम समस्या बन गई है जिससे पीड़ित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। डायबिटीज एक बेहद जटिल बीमारी है, इसमें इंसुलिन के प्रोडक्शन पर असर पड़ता है या फिर शरीर इंसुलिन का इस्तेमाल सही तरीके से नहीं कर पाता। डायबिटीज आपकी कई अन्य शारीरिक समस्याओं को बढ़ावा देती हैं। किसी भी बीमारी का इलाज करने के लिए बीमारी के कारण का पता लगाना बहुत जरूरी है। ऐसे में आपको यह जानना जरूरी हैं कि खराब जीवनशैली की वजह से डायबिटीज की बीमारी हर उम्र के लोगों को अपनी चपेट में ले रही है। अगर आप भी डायबिटीज से बचे रहना चाहते हैं तो यहां बताई जा रही लाइफस्टाइल से जुड़ी इन गलत आदतों को छोड़ने की ठान लें।
नाश्ता छोड़ना
सुबह का हल्का नाश्ता सेहत के लिए बहुत जरूरी होता है। अगर आप सुबह का नाश्ता नहीं करते हैं तो आप मधुमेह के शिकार हो सकते हैं। क्योंकि नाश्ता स्किप करने से आप दिन भर पेट भर खाएंगे। अगर आपके पास नाश्ता करने का समय नहीं है तो आप कुछ फल भी खा सकते हैं। मधुमेह से बचाव के लिए बेहतर है कि दिन की शुरुआत पौष्टिक भोजन से करें।
पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीना
शरीर में पानी की कमी ब्लड शुगर बढ़ने का कारण बन सकती है। इससे हाइपरग्लेसेमिया हो सकता है। CDC के अनुसार, शरीर में कम पानी का मतलब है कि आपका ब्लड शुगर बढ़ सकता है हाई ब्लड शुगर से बार-बार पेशाब आता है, जिससे अधिक डिहाइड्रेशन होता है।
आलस भरी लाइफस्टाइल
दिन में ज़्यादातर समय आराम करते रहना या काउच पर पड़े रहना, एक तरह से कई बीमारियों को न्योता देने जैसा है। खासतौर पर ज़्यादा काम न करने से दिल और फेफड़ों की सेहत पर काफी असर पड़ता है। शोध से भी पता चलता है कि जो लोग पूरा दिन लेटे या बैठे रहते हैं, उनमें टाइप-2 डायबिटीज़ का ख़तरा बढ़ जाता है।
देर से सोना
देर रात तक सोने की आदत से शरीर में कई तरह की समस्याएं हो जाती हैं। अच्छी सेहत के लिए रात की अच्छी नींद जरूरी है। डायबिटीज की समस्या ज्यादातर उन लोगों में पाई जाती है जो देर रात तक काम करते हैं। देर से सोने से शरीर का मेटाबॉलिज्म प्रभावित होता है। नींद की कमी से मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है। डायबेटोलोजिया में 2020 में प्रकाशित एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने लगभग 900,000 लोगों के डीएनए का अध्ययन किया और पाया कि अनिद्रा वाले लोगों में टाइप 2 मधुमेह विकसित होने की संभावना 17 प्रतिशत अधिक थी। नींद की कमी से हार्मोनल संतुलन बिगड़ जाता है।
हाई कैलोरी डाइट
हाई कैलोरी वाली डाइट आप में टाइप-2 डायबिटीज़ और मोटापे का ख़तरा बढ़ाने का काम करती है। एक व्यक्ति को उतनी ही कैलोरी खानी चाहिए जितनी वह रोज़ाना बर्न करता है। अगर आप रोज़ाना कम एक्टिविटी करते हैं, तो आपकी डाइट भी लो-कैलोरी होनी चाहिए।
एक्सरसाइज ना करना
कई रिसर्च में ये सामने आया है कि कसरत से शरीर का रिस्पायरेटरी सिस्टम (श्वसन तंत्र) दुरुस्त रहता है लेकिन अगर आपके परिवार में डायबिटीज से पीड़ित लोग हैं तो एक्सरसाइज करने से इसका जोखिम कम हो सकता है। ऐसे लोगों में ना केवल डायबिटीज के लक्षण देर से शुरू होते हैं बल्कि इससे रोगियों में शुगर लेवल के स्तर को बनाए रखने में भी मदद मिलती है। इसलिए सभी को हफ्ते में कम से कम 150 मिनट या पांच दिन वर्कआउट जरूर करना चाहिए।
सनबर्न
हैरानी की बात है कि धूप में ज्यादा देर तक बैठने से भी आपका ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है। CDC के मुताबिक, आपके द्वारा विकसित सनबर्न दर्द का कारण बन सकता है जो तनाव का कारण बन सकता है और ब्लड शुगर लेवल बढ़ाता है।
शराब और धूम्रपान का सेवन
अत्यधिक धूम्रपान और शराब का सेवन सीधे हृदय रोग, हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज से जुड़ा है। धूम्रपान ब्लड वेसल्स पर असर डालता है और धमनियों को संकुचित करता है जिससे दिल का दौरा पड़ने का खतरा होता है और इससे डायबिटीज का भी खतरा होता है। अत्यधिक शराब पीने से फैटी लीवर की परेशानी शुरू हो जाती है जो आगे चलकर डायबिटीज को बुलावा देती है इसलिए इन चीजों से दूर रहें।
कॉफी
बहुत से लोग सुबह उठकर पहले कॉफी पीना पसंद करते हैं। सवाल यह है कि क्या डायबिटीज के मरीजों के लिए कॉफी सही है? CDC का मानना है कि बिल्कुल नहीं। संस्था का मानना है कि कॉफी में मौजूद कैफीन कुछ लोगों में ब्लड शुगर बढ़ा सकता है।
पोषण की कमी
पोषण की कमी से कई तरह की बीमारियां जन्म ले लेती हैं, जिसका असर आपकी पूरी सेहत पर पड़ता है। कई शोध से पता चला है कि हेल्दी खाना, वीगन डाइट और हरी पत्तेदार सब्ज़ियों का सेवन डायबिटीज़ के जोखिम को कम करता है। साथ ही, एक संतुलित आहार जिसमें प्रोटीन, फाइबर, स्वस्थ वसा और कार्बोहाइड्रेट शामिल होते हैं, शरीर को इंसुलिन के स्तर और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है।
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