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लाइफ स्टाइल
विटामिन डी vitamin D के लिए नियमित जांच की जरूरत नहीं
Bharti Sahu 2
9 Jun 2024 2:13 AM GMT
Lifestyle: अमेरिकी एंडोक्राइन American Endocrine सोसायटी की नई गाइडलाइन सामने आई है। जिसमें डॉक्टरों ने कहा है कि हड्डियों और हृदय के लिए आवश्यक विटामिन डी vitamin D,के लिए किसी तरह की कोई नियमित जांच की जरूरत नहीं है।
इसे सनशाइन विटामिन के नाम से भी जाना जाता है, यह एक वसा में घुलनशील विटामिन है जो डी-2 और डी-3 दो मुख्य रूपों में पाया जाता है।
विटामिन डी vitamin D,हड्डियों और दांतों के विकास और प्रतिरक्षा प्रणाली के नियमित कामकाज के लिए महत्वपूर्ण सूक्ष्म पोषक तत्व है। कई अध्ययनों ने इसकी कमी को मसक्यूलोस्केलेटल, मेटाबॉलिक, कार्डियोवैस्कुलर, musculoskeletal, metabolic, cardiovascularघातक ऑटोइम्यून और संक्रामक रोगों सहित आम विकारों से जोड़ा है।
इसके परिणामस्वरूप लोगों में जांच करवाने के मामले में वृद्धि हुई है।
अमेरिका में एंडोक्राइन Endocrine सोसाइटी ने इस सप्ताह एक नई गाइडलाइन जारी की, जिसमें 75 वर्ष की आयु तक स्वस्थ वयस्कों के लिए विटामिन डी vitamin Dकी जांच नहीं कराने की सिफारिश की गई है।
पैनल ने सामान्य रूप से स्वस्थ व्यक्तियों के लिए नियमित 25 हाइड्रॉक्सी विटामिन डी hydroxy vitamin Dपरीक्षण के खिलाफ सुझाव दिया।
पी.डी. हिंदुजा अस्पताल की सेक्शन हेड एंडोक्रिनोलॉजी कंसल्टेंट्स फुलरेणु चौहान ने आईएएनएस IANSको बताया, ''विटामिन डी का सेवन लगभग हर व्यक्ति करता है, जो स्वास्थ्य पोषण, स्वास्थ्य प्रशिक्षकों और इसी तरह के अन्य क्षेत्रों से संबंधित है, जिन्हें इस बात का बिलकुल भी अंदाजा नहीं है कि विटामिन डी vitamin Dके उच्च स्तर या खुराक से क्या हो सकता है।''
उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि लेबोरेटरी भी अपने पैकेज में विटामिन डी vitamin Dजांच की सुविधा दे रही है।
फुलरेणु ने कहा, "विटामिन डी vitamin Dटेस्ट नियमित रूप से करवाने की जरूरत नहीं है। यह केवल कुछ विशेष परिस्थितियों में ही करवाना चहिए। यह निश्चित रूप से स्क्रीनिंग टेस्ट नहीं है।''
इस नई गाइडलाइन में केवल बच्चों, गर्भवती महिलाओं, 75 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों और उच्च जोखिम वाले प्री-डायबिटीज वाले वयस्कों के लिए विटामिन डी vitamin Dके सेवन की सिफारिश की गई है।
फोर्टिस सी-डॉक अस्पताल के डायबिटीज एवं एंडोक्राइनोलॉजी के अध्यक्ष एवं निदेशक अनूप मिश्रा ने आईएएनएस को बताया, ''इन विशिष्ट स्थितियों को छोड़कर विटामिन डी के स्तर की नियमित माप की सिफारिश नहीं की जाती है।''
विशेषज्ञ ने कहा, ''विटामिन डी vitamin Dकी कमी भारतीय आबादी में व्यापक तौर पर है,लेकिन इसका महत्व अधिकांश लोगों को नहीं पता है। बच्चों में यह रिकेट्स की घटनाओं को कम कर सकता है, बुजुर्गों में यह गर्भावस्था के दौरान मृत्यु दर को कम कर सकता है, साथ ही यह भ्रूण के प्रतिकूल परिणामों को कम कर सकता है और प्रीडायबिटीजprediabetes वाले लोगों में यह मधुमेह के विकास को रोक सकता है। इन स्थितियों में इसे लेने की सिफारिश की जाती है।
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